ग्वालियर। बहुचर्चित एनएचएम संविदा भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में पुलिस की जांच दो महीने की मशक्कत के बाद अब पूरी हो गई है. पुलिस ने रविवार को इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए कहा कि ऑनलाइन पेपर कंडक्ट कराने वाली दो कंपनियों एप्टेक और एमईएल मुंबई एवं नोएडा के 3 कर्मचारियों से सरगनाओं की मिलीभगत के चलते यह पर्चा लीक हुआ था. इसे 50 लाख रुपए में बेचा गया था जबकि अकेले ग्वालियर के विभिन्न छात्रों से उनके मूल दस्तावेज रखकर षडयंत्र में शामिल लोगों ने करीब 3 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा था.
इस तरह आउट हुआ पेपर: पुलिस के अनुसार ऐन टाइम पर मामले का खुलासा हो गया और 7 फरवरी को ही टेकनपुर इलाके में स्थित एक होटल से 8 लोगों को पकड़ लिया गया था. 8 लोगों को बाद में पकड़ा गया है. यह सभी लोग 5 राज्यों के रहने वाले हैं. इनमें प्रदेश के 7, उत्तर प्रदेश के पांच, हरियाणा के दो, बिहार और राजस्थान का एक एक व्यक्ति शामिल है. 3 आरोपी फिलहाल पुलिस की रिमांड पर है जबकि 13 लोगों को कोर्ट के निर्देश पर जेल भेज दिया गया है. पेपर लीक कराने वाले मुख्य सरगना इलाहाबाद यानी प्रयागराज के रहने वाले हैं. इन्होंने पेपर तैयार करने वाली कंपनी के 2 कर्मचारियों को अपने साथ मिला लिया था और उनसे आईडी पासवर्ड लेकर पेपर को ऑनलाइन डाउनलोड किया और उसे आउट कर दिया.
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3-3 लाख वसूलने की थी योजना: क्राइम ब्रांच पुलिस ने एप्टेक और एमईएल कंपनी के 3 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक कर्मचारी अब वहां काम नहीं करता है लेकिन इसने ही अपने साथी कर्मचारियों से मिलकर पेपर को पासवर्ड के जरिए डाउनलोड किया था और सरगनाओं को दे दिया था. पुलिस ने इस इंटरस्टेट गिरोह के कब्जे से अब तक 26 मोबाइल, 5 लैपटॉप, 1 कंप्यूटर, 5 पेन ड्राइव, 2 प्रिंटर, 2 लग्जरी कार एवं मूल पेपर भी बरामद किया है. बरामद किए गए सामान की कीमत लगभग 65 लाख रुपए से ज्यादा है. 2 महीने की मेहनत मशक्कत के बाद पुलिस ने बहुचर्चित एनएचएम संविदा भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कांड का खुलासा कर दिया है. खास बात यह है कि इस पेपर को सौ से ज्यादा छात्रों को बेचे जाने की पूरी तैयारी थी. इन लोगों से करीब ढाई से तीन लाख रुपए प्रति छात्र वसूले जाने थे.