ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने यूरिया वितरण में गड़बड़ी को लेकर लगी जनहित याचिका पर फैसला सुनाया है.ग्वालियर बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिये है कि यूरिया वितरण को लेकर पारदर्शिता बनाई जाये और इस प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाये ताकि ये पता चल सके कि कितना यूरिया अंवाटित हुआ है. कोर्ट ने इस व्यवस्था को तैयार करने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की है. कोर्ट का यह भी कहना है कि दूध और शराब में यूरिया का इस्तेमाल नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
दरअसल, अधिवक्ता उमेश बोहरे ने हाईकोर्ट में दिसंबर 2018 में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि रबी की फसल के दौरान यूरिया के लिए किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. कई बार उन्हें ब्लैक में यूरिया खरीदना पड़ता है. यूरिया वितरण की व्यवस्था पारदर्शी नहीं होने के कारण उसकी ब्लैक मार्केटिंग और उसका गलत इस्तेमाल होने की आशंका जताई थी.
बता दें कि हाईकोर्ट ने 19 जुलाई को इस मामले में अंतिम सुनवाई की थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया था.