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ग्वालियर में भारी बारिश से गर्मी से मिली राहत, मौसम विभाग ने जताई और बारिश की संभावना

ग्वालियर में आगामी दिनों में अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है, मंगलवार तक ग्वालियर में भीषण गर्मी थी, फिर शाम से ही बारिश की दस्तक से मौसम में ठंडक घुल गई है.

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Published : Aug 5, 2020, 11:26 AM IST

Updated : Aug 5, 2020, 11:34 AM IST

ग्वालियर। जिले में भाद्रपद महीने में भरपूर पानी बरसने की उम्मीद है. श्रावण महीना पूरी तरह सूखा निकलने के बाद लोगों को पानी की चिंता सताने लगी थी, लेकिन इंद्र देवता की मेहरबानी से मंगलवार शाम से ही बारिश का माहौल बना हुआ है. मंगलवार शाम और बुधवार सुबह हुई बारिश से 40 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है. आने वाले 2 दिनों में और भी बारिश की संभावना है.

ग्वालियर में बंगाल की खाड़ी से बनने वाले निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण ही बरसात होती है, लेकिन एक महीने में कई बार खाड़ी से उठे मानसून की ट्रफ लाइन ग्वालियर के आसपास से होकर हिमालय और उत्तर की ओर शिफ्ट हो गई, लेकिन ग्वालियर में पानी नहीं बरसा, जबकि ग्वालियर से लगे मुरैना, भिंड, शिवपुरी, श्योपुर और दतिया में पानी यदा-कदा बरसता रहा. पहाड़ी क्षेत्र होने और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण बारिश का क्रम पिछले एक दशक से ग्वालियर में बिगड़ा हुआ है.

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आने वाले 2 दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है. उन्होंने उम्मीद जताई कि ग्वालियर जैसे तैसे सामान्य बारिश का आंकड़ा पार कर लेगा. मंगलवार सुबह तक भीषण गर्मी और उमस के माहौल से तो यही लग रहा था कि इस बार कहीं ग्वालियर जिले में सूखे की स्थिति निर्मित न हो जाए.

शहर की बड़ी आबादी को पेयजल मुहैया कराने वाला तिघरा बांध भी इस बार मामूली रूप से खाली है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में ये बांध भर जाएगा और लोगों को एक साल के लिए पानी की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी.

ग्वालियर। जिले में भाद्रपद महीने में भरपूर पानी बरसने की उम्मीद है. श्रावण महीना पूरी तरह सूखा निकलने के बाद लोगों को पानी की चिंता सताने लगी थी, लेकिन इंद्र देवता की मेहरबानी से मंगलवार शाम से ही बारिश का माहौल बना हुआ है. मंगलवार शाम और बुधवार सुबह हुई बारिश से 40 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है. आने वाले 2 दिनों में और भी बारिश की संभावना है.

ग्वालियर में बंगाल की खाड़ी से बनने वाले निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण ही बरसात होती है, लेकिन एक महीने में कई बार खाड़ी से उठे मानसून की ट्रफ लाइन ग्वालियर के आसपास से होकर हिमालय और उत्तर की ओर शिफ्ट हो गई, लेकिन ग्वालियर में पानी नहीं बरसा, जबकि ग्वालियर से लगे मुरैना, भिंड, शिवपुरी, श्योपुर और दतिया में पानी यदा-कदा बरसता रहा. पहाड़ी क्षेत्र होने और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण बारिश का क्रम पिछले एक दशक से ग्वालियर में बिगड़ा हुआ है.

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आने वाले 2 दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है. उन्होंने उम्मीद जताई कि ग्वालियर जैसे तैसे सामान्य बारिश का आंकड़ा पार कर लेगा. मंगलवार सुबह तक भीषण गर्मी और उमस के माहौल से तो यही लग रहा था कि इस बार कहीं ग्वालियर जिले में सूखे की स्थिति निर्मित न हो जाए.

शहर की बड़ी आबादी को पेयजल मुहैया कराने वाला तिघरा बांध भी इस बार मामूली रूप से खाली है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में ये बांध भर जाएगा और लोगों को एक साल के लिए पानी की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी.

Last Updated : Aug 5, 2020, 11:34 AM IST
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