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हास्य कवि प्रदीप चौबे की अंतिम विदाई में उमड़े लोग, अशोक चक्रधर ने बताया ब्रह्मांड की क्षति

जाने माने हास्य कवि की अंतिम यात्रा में लोगों की भीड़ उमड़ी. बड़ी संख्या में लोग उनके दर्शन करने पहुंचे. प्रदीप चौबे के अंतिम संस्कार में देश और दुनिया के जाने-माने कई कवि शामिल हुए.

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Published : Apr 13, 2019, 3:14 PM IST

प्रदीप चौबे को अंतिम विदाई देते लोग

ग्वालियर। अपनी हास्य रचनाओं से सबको हंसाने-गुदगुदाने वाले 70 साल के कवि प्रदीप चौबे का कल लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. आज उनके अंतिम संस्कार में लोगों की भीड़ उमड़ी. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. प्रदीप चौबे के अंतिम संस्कार में देश और दुनिया के जाने-माने कई कवि शामिल हुए.


जाने-माने हास्यकवि प्रदीप चौबे लोगों को गुदगुदाते थे और अपने हास्य-व्यंग्यों से सामाजिक कुरीतियों और राजनीतिक बुराईयों पर कड़ी चोट भी करते थे. हंसाते-हंसाते वे अपनी कविताओं और व्यंग्य के माध्यम से बड़ी से बड़ी बात कह जाते थे. प्रदीप चौबे के करीबी और देश के जाने माने कवि अशोक चक्रधर का कहना है कि उनका जाना ब्रह्मांड की बड़ी क्षति है.

प्रदीप चौबे को अंतिम विदाई देते लोग


वहीं अरुण जेनिम ने कहा कि वो जितना लोगों को हंसाते थे, उतना ही अपने अंदर के दुखों को छुपाए रहते थे. तो वहीं संपत सरल ने बताया कि कवि और साहित्यकारों से प्रदीप चौबे की गहरी घनिष्टता रही है. प्रदीप चौबे की ज्यादातर हास्य कविताओं में रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट होती थी. उनके यूं अचानक चले जाने से साहित्य जगत स्तब्ध है.

ग्वालियर। अपनी हास्य रचनाओं से सबको हंसाने-गुदगुदाने वाले 70 साल के कवि प्रदीप चौबे का कल लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. आज उनके अंतिम संस्कार में लोगों की भीड़ उमड़ी. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. प्रदीप चौबे के अंतिम संस्कार में देश और दुनिया के जाने-माने कई कवि शामिल हुए.


जाने-माने हास्यकवि प्रदीप चौबे लोगों को गुदगुदाते थे और अपने हास्य-व्यंग्यों से सामाजिक कुरीतियों और राजनीतिक बुराईयों पर कड़ी चोट भी करते थे. हंसाते-हंसाते वे अपनी कविताओं और व्यंग्य के माध्यम से बड़ी से बड़ी बात कह जाते थे. प्रदीप चौबे के करीबी और देश के जाने माने कवि अशोक चक्रधर का कहना है कि उनका जाना ब्रह्मांड की बड़ी क्षति है.

प्रदीप चौबे को अंतिम विदाई देते लोग


वहीं अरुण जेनिम ने कहा कि वो जितना लोगों को हंसाते थे, उतना ही अपने अंदर के दुखों को छुपाए रहते थे. तो वहीं संपत सरल ने बताया कि कवि और साहित्यकारों से प्रदीप चौबे की गहरी घनिष्टता रही है. प्रदीप चौबे की ज्यादातर हास्य कविताओं में रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट होती थी. उनके यूं अचानक चले जाने से साहित्य जगत स्तब्ध है.

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ग्वालियर। अपनी हास्य रचनाओं से सबको हंसाने और गुदगुदाने वाले 70 साल के कवि प्रदीप चौबे को आज अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. प्रदीप चौबे के अंतिम संस्कार में देश और दुनिया के जाने-माने कवि और उनके दोस्तों का हुजूम भी पहुंचा.





जाने-माने हास्यकवि प्रदीप चौबे लोगों को गुदगुदाते थे और अपने हास्य-व्यंग्यों से सामाजिक कुरीतियों और राजनीतिक बुराईयों पर भी कड़ी चोट करते थे. हंसाते-हंसाते वे अपनी कविताओं और व्यंग्य के माध्यम से बड़ी से बड़ी बात कह जाते थे. प्रदीप चौबे के करीबी और देश के जाने माने कवि अशोक चक्रधर का कहना है कि उनका जाना ब्रह्मांड की बड़ी क्षति है.





वहीं अरुण जेनिम ने कहा कि वो जितना लोगों को हंसाते थे, उतना ही अपने अंदर के दुखों को छुपाए रहते थे.तो वहीं संपत सरल ने बताया कि कवि और साहित्यकारों ने प्रदीप चौबे की गहरी घनिष्टता रही है. प्रदीप चौबे की ज्यादातर हास्य कविताओं में रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट होती थी. उनके यूं अचानक चले जाने से साहित्य जगत स्तब्ध है. बता दें बीते दिन हास्यकवि प्रदीप चौबे की कार्डियक अरेस्ट के निधन हो गया. वे लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे, जहां ग्वालियर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.




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