ग्वालियर। अपनी हास्य रचनाओं से सबको हंसाने-गुदगुदाने वाले 70 साल के कवि प्रदीप चौबे का कल लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. आज उनके अंतिम संस्कार में लोगों की भीड़ उमड़ी. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. प्रदीप चौबे के अंतिम संस्कार में देश और दुनिया के जाने-माने कई कवि शामिल हुए.
जाने-माने हास्यकवि प्रदीप चौबे लोगों को गुदगुदाते थे और अपने हास्य-व्यंग्यों से सामाजिक कुरीतियों और राजनीतिक बुराईयों पर कड़ी चोट भी करते थे. हंसाते-हंसाते वे अपनी कविताओं और व्यंग्य के माध्यम से बड़ी से बड़ी बात कह जाते थे. प्रदीप चौबे के करीबी और देश के जाने माने कवि अशोक चक्रधर का कहना है कि उनका जाना ब्रह्मांड की बड़ी क्षति है.
वहीं अरुण जेनिम ने कहा कि वो जितना लोगों को हंसाते थे, उतना ही अपने अंदर के दुखों को छुपाए रहते थे. तो वहीं संपत सरल ने बताया कि कवि और साहित्यकारों से प्रदीप चौबे की गहरी घनिष्टता रही है. प्रदीप चौबे की ज्यादातर हास्य कविताओं में रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट होती थी. उनके यूं अचानक चले जाने से साहित्य जगत स्तब्ध है.