ग्वालियर। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी नर्सिंग छात्रों को फिलहाल राहत देने से इंकार कर दिया है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा नर्सिंग परीक्षाओं पर लगाई गई रोक के मद्देनजर कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करके बीएससी नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक को हटाने की गुहार लगाई थी. मामले की गंभीरता देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा है. छात्र सेवाराम विरुद्ध दिलीप शर्मा पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नर्सिंग परीक्षा पर लगी रोक को हटाने से इंकार कर दिया.
HC के अंतरिम आदेश को चुनौती : बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में बीती 28 अप्रैल को एसएलपी दायर कर नर्सिंग परीक्षाओं पर ग्वालियर हाईकोर्ट की रोक के अंतरिम आदेश को चैलेंज किया गया था. इसके जरिये आदेश पर स्टे की अपील की गई थी. लेकिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ग्वालियर हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को बरकरार रखने के निर्देश दिए. गौरतलब है कि अधिवक्ता दिलीप कुमार शर्मा की याचिका पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई है. 28 अप्रैल को ग्वालियर हाईकोर्ट ने रोक बरकरार रखते हुए अपना अंतरिम आदेश दिया था और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है. सीबीआई प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है.
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12 मई को होगी अगली सुनवाई : हाईकोर्ट ने सीबीआई को 2020 से कॉलेजों के मापदंडों की जांच करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट के निर्देश पर मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी पक्षकार बनाया गया है. मामले की 12 मई को होनी अहम सुनवाई होनी है. इस सुनवाई के दौरान सीबीआई भी अपनी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी. गौरतलब है कि बीती 27 फरवरी को हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई थी. बीएससी नर्सिंग पोस्ट बेसिक, एमएससी नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगाई थी.