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ग्वालियर: पत्थर और काष्ठ कला की मशीनें लाखों रुपए में हो रही ठीक - मशीनों को ठीक कराने में ज्यादा का भुगतान

ग्वालियर शहर के मूर्तिकारों की कला को निखारने के लिए करीब 15 साल पहले लाखों रुपए में खरीदी गई मशीन अब ठीक कराई जा रही है, लेकिन मशीनों को ठीक कराने में कीमत से भी ज्यादा का भुगतान करना पड़ रहा है.

machines repaired in higher price
मशीन कीमत से ज्यादा में हो रही ठीक
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Published : Dec 28, 2020, 11:50 AM IST

Updated : Dec 28, 2020, 12:18 PM IST

ग्वालियर। शहर में पत्थर और लकड़ियों की मूर्ति के निर्माण के लिए करीब 15 साल पहले लाखों रुपए में खरीदी गई मशीन अब ठीक कराई जा रही है, लेकिन मशीनों को ठीक कराने में उन्हें खरीदी गई कीमत से भी ज्यादा का भुगतान करना पड़ रहा है. पहले यह मशीन एनओजीओ ने खरीदी थी. बाद में इस सेंटर को काउंटर मैग्नेट सिटी यानी साडा के सुपुर्द कर दिया गया.

अब स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन इन मशीनों को सुधरवाकर पत्थर और लकड़ी की काष्ठ कला का प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है. स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने मशीनों को ठीक कराने के लिए टेंडर जारी कर दिया है. बिजली का नया कनेक्शन भी ले लिया है. जिन मशीनों को ठीक कराया जा रहा है, उनमें जैक्सा कटर, छोटा कटर, मिनी कटर, वुड पॉलिश मशीन, वुडन लेट मशीन, चैन कटर, ड्रिल मशीन सहित अन्य मशीनें शामिल हैं.

मशीन कीमत से ज्यादा में हो रही ठीक
फिलहाल स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने मोती महल स्थित रीजनल आर्ट क्राफ्ट एंड डिजाइन सेंटर में रखी मशीनों को ठीक कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन पर लागत 10 लाख रुपये के मुकाबले करीब 14 लाख रुपये ठीक कराने पर खर्च हो रहा है. स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन का कहना है कि यह प्रोजेक्ट केवल मशीनों को ठीक कराने और 3 साल के मेंटेनेंस के लिए दिया गया है. 2018 में इस सेंटर को स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के सुपुर्द कर दिया गया.

स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन का कहना है कि मशीनों के ठीक होने के बाद यहां काम करने वाले कलाकारों की मेहनत काफी कम हो जाएगी. इसमें जैक्सा मशीन पत्थर को काटने में काम आती है. पत्थर वाले मशीन से बड़े पत्थरों पर पॉलिश की जा सकती है.

ग्वालियर। शहर में पत्थर और लकड़ियों की मूर्ति के निर्माण के लिए करीब 15 साल पहले लाखों रुपए में खरीदी गई मशीन अब ठीक कराई जा रही है, लेकिन मशीनों को ठीक कराने में उन्हें खरीदी गई कीमत से भी ज्यादा का भुगतान करना पड़ रहा है. पहले यह मशीन एनओजीओ ने खरीदी थी. बाद में इस सेंटर को काउंटर मैग्नेट सिटी यानी साडा के सुपुर्द कर दिया गया.

अब स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन इन मशीनों को सुधरवाकर पत्थर और लकड़ी की काष्ठ कला का प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है. स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने मशीनों को ठीक कराने के लिए टेंडर जारी कर दिया है. बिजली का नया कनेक्शन भी ले लिया है. जिन मशीनों को ठीक कराया जा रहा है, उनमें जैक्सा कटर, छोटा कटर, मिनी कटर, वुड पॉलिश मशीन, वुडन लेट मशीन, चैन कटर, ड्रिल मशीन सहित अन्य मशीनें शामिल हैं.

मशीन कीमत से ज्यादा में हो रही ठीक
फिलहाल स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने मोती महल स्थित रीजनल आर्ट क्राफ्ट एंड डिजाइन सेंटर में रखी मशीनों को ठीक कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन पर लागत 10 लाख रुपये के मुकाबले करीब 14 लाख रुपये ठीक कराने पर खर्च हो रहा है. स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन का कहना है कि यह प्रोजेक्ट केवल मशीनों को ठीक कराने और 3 साल के मेंटेनेंस के लिए दिया गया है. 2018 में इस सेंटर को स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के सुपुर्द कर दिया गया.

स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन का कहना है कि मशीनों के ठीक होने के बाद यहां काम करने वाले कलाकारों की मेहनत काफी कम हो जाएगी. इसमें जैक्सा मशीन पत्थर को काटने में काम आती है. पत्थर वाले मशीन से बड़े पत्थरों पर पॉलिश की जा सकती है.

Last Updated : Dec 28, 2020, 12:18 PM IST
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