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कांग्रेसियों के अपने-अपने इलाके में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के दावों की खुली पोल

लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेसियों के मतदान प्रतिशत बढ़ाने के बड़े-बड़े दावों की पोल खुल गई है. ग्वालियर लोकसभा सीट पर इस बार विधानसभा चुनाव 2018 के मुकाबले 8 से 12 फीसदी कम मतदान हुआ है

कांग्रेसियों के दावों की खुली पोल
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Published : May 21, 2019, 5:13 PM IST

ग्वालियर| लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने अपने-अपने इलाके में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे और वादे किए थे. लेकिन मतदान के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, वो कांग्रेसियों के दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं. ग्वालियर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. यहां 12 मई को हुई वोटिंग के बाद मतदान प्रतिशत सामने आया था. वोटिंग पर्सेंटेज में 2018 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 8 से 12 फीसदी कम मतदान दर्ज किया गया. ऐसा हाल सिर्फ ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र का नहीं है, बल्कि भिंड में भी यही स्थिति है.

कांग्रेसियों के दावों की खुली पोल

विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से कांग्रेसी खासे उत्साहित हैं, इसलिए आलाकमान ने सभी विधायकों और मंत्रियों को यह फरमान जारी किया था कि वह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार कर ज्यादा से ज्यादा वोटिंग कराने की कोशिश करें, ताकि कांग्रेस प्रत्याशी की जीत की राह आसान हो सके. लेकिन लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत खासा कम हुआ है. इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अपने मंत्री और विधायकों का बचाव करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि मतदान वाले दिन शादियां अधिक थी इसके साथ ही गर्मी भी ज्यादा थी, यही कारण है कि जितने मतदाता विधानसभा चुनाव में मतदान करने आए थे, उतने मतदाता लोकसभा चुनाव में नहीं आए. कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि बाकी के लोगों के द्वारा प्रयास नहीं किया गया, इसलिए वोटर उदासीन हुआ है.

ग्वालियर-चंबल अंचल के लोकसभा क्षेत्रों में मतदान की स्थिति बेहद खराब रही है. प्रदेश सरकार के मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के विधानसभा क्षेत्र में इस लोकसभा चुनाव के मतदान में 8% की कमी हुई है. मतदान के बाद मंत्री, विधायक, नेता और कार्यकर्ताओं के बीच में कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह और भाजपा प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर में कौन जीतेगा, इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.

ग्वालियर| लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने अपने-अपने इलाके में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे और वादे किए थे. लेकिन मतदान के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, वो कांग्रेसियों के दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं. ग्वालियर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. यहां 12 मई को हुई वोटिंग के बाद मतदान प्रतिशत सामने आया था. वोटिंग पर्सेंटेज में 2018 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 8 से 12 फीसदी कम मतदान दर्ज किया गया. ऐसा हाल सिर्फ ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र का नहीं है, बल्कि भिंड में भी यही स्थिति है.

कांग्रेसियों के दावों की खुली पोल

विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से कांग्रेसी खासे उत्साहित हैं, इसलिए आलाकमान ने सभी विधायकों और मंत्रियों को यह फरमान जारी किया था कि वह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार कर ज्यादा से ज्यादा वोटिंग कराने की कोशिश करें, ताकि कांग्रेस प्रत्याशी की जीत की राह आसान हो सके. लेकिन लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत खासा कम हुआ है. इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अपने मंत्री और विधायकों का बचाव करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि मतदान वाले दिन शादियां अधिक थी इसके साथ ही गर्मी भी ज्यादा थी, यही कारण है कि जितने मतदाता विधानसभा चुनाव में मतदान करने आए थे, उतने मतदाता लोकसभा चुनाव में नहीं आए. कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि बाकी के लोगों के द्वारा प्रयास नहीं किया गया, इसलिए वोटर उदासीन हुआ है.

ग्वालियर-चंबल अंचल के लोकसभा क्षेत्रों में मतदान की स्थिति बेहद खराब रही है. प्रदेश सरकार के मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के विधानसभा क्षेत्र में इस लोकसभा चुनाव के मतदान में 8% की कमी हुई है. मतदान के बाद मंत्री, विधायक, नेता और कार्यकर्ताओं के बीच में कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह और भाजपा प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर में कौन जीतेगा, इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.

Intro:ग्वालियर- भले ही लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों ने अपने अपने इलाके में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे और वादे किए हैं लेकिन मतदान के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं वह उनकी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। ग्वालियर लोकसभा की सभी 8 विधानसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत विधानसभा से 8 से 12% तक कम रहा है। ऐसा नहीं अकेले ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र की नहीं है बल्कि भिंड में भी कमोबेश यही स्थिति रही है जहां प्रदेश सरकार के भारी-भरकम मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के विधानसभा क्षेत्र में अभी इस लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव के मतदान में 8% मतदान हुआ है।मतदान के बाद मंत्री विधायक नेता और कार्यकर्ताओं के बीच में कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह और भाजपा प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर में कौन जीता इसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है लेकिन इस चर्चा में यह भी चर्चा बनी हुई है कि विधानसभा क्षेत्र बूथ पर मतदान कम क्यों और कैसे हुआ है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से कांग्रेसी खासे उत्साह में नजर आ रहे थे इसीलिए आलाकमान ने सभी विधायकों और मंत्रियों को यह फरमान जारी किए थे कि वह अपने अपने इलाके में विधानसभा से अधिक वोटिंग कराएं ताकि कांग्रेस प्रत्याशी की जीत की राह आसान हो। सभी मंत्रियों और विधायकों ने भी अपने-अपने इलाके में बैठक कर और जनसंपर्क कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया था लेकिन आंकड़े उस हिसाब से नहीं आए हैं।


Body:इसको लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अपने मंत्री और विधायकों का बचाव करते नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि मतदान वाले दिन शादियों अधिक थी इसके साथ ही गर्मी भी अधिक थी यही कारण है कि मतदाता जितने विधानसभा में मतदान करने के लिए निकले थे उतनी संख्या में लोकसभा में नहीं निकले हैं। इसके साथी व इसके लिए स्थानीय प्रशासन और अन्य पार्टियों को भी जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि बाकी के लोगों को द्वारा प्रयास नहीं किए गए इसीलिए वोटर उदासीन हुआ है। वहीं जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कम हुआ है उन विधानसभा क्षेत्रों के विधायक व मंत्री पर किसी तरह की कोई कार्यवाही इस सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि इसी पर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।  
 






Conclusion:
बाइट- आरपी सिंह, प्रवक्ता, कांग्रेस
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