ग्वालियर। टाइगर स्टेट की पहचान रखने वाले मध्यप्रदेश में अब तेंदुए संकट में हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि शिकारियों के निशाने पर अब मध्य प्रदेश की तेंदुए आ गए हैं. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में बीते दो महीने में 6 तेंदुओं की मौत हो चुकी है. हाल में ही श्योपुर जिले में दो तेंदुए के शव पाए गए हैं.
दो माह में मिले 6 तेंदुए के शव
ग्वालियर चंबल अंचल में पिछले दो महीने में 6 तेंदुओं के शव मिल चुके हैं. आशंका है कि इसमें से अधिकतर तेंदुए शिकारियों का शिकार हुए हैं. जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में जनवरी 2021 से लेकर अब लगभग 30 से अधिक तेंदुए का शिकार हुआ है. हाल ही में श्योपुर के में एक तेंदुए का शव चंबल नदी में तैरता हुआ पाया गया, जबकि दूसरे तेंदुए का शव विजयपुर के जंगलों में पाया गया था.
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तेंदुए के शरीर पर मिले घाव के निशान
जनवरी में श्योपुर में मृत पाए गए 2 तेंदुओं के शवों के देखने के बाद अधिकारियों ने पाया कि शिकारियों ने उनका शिकार किया है. एक तेंदुए के शरीर पर घाव के निशान मिले थे. वहीं दूसरे तेंदुए की मौत करंट लगने या जहरीला पदार्थ खाने की वजह से हुई थी. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शिवपुरी के भी जंगलों में भी एक तेंदुआ मृत पाया गया था. अशोकनगर-गुना जिले में भी तेंदुए का शिकार किए जाने की सूचना है.
तेंदुए के अंग को बाघ का बताकर बेच देते हैं शिकारी
बीते साल मध्यप्रदेश में 30 तेंदुओं की मौत हुई थी, जिसमें से 10 की करंट लगने से, 8 की फंदे में फंसाए जाने से, इसके अलावा 5 तेंदुओं को सबूत के आधार पर शिकार की श्रेणी में रखा गया है. तीन मामलों में तेंदुए की हड्डी, खाल, पंजे, मूंछ के बाल, दांत और नाखून जब्त किए गए हैं. जानकार बताते हैं कि शिकारी तेदुओं के अंगों को बाघ के अंग बताकर बेच देते हैं. आंकड़ो के मुताबिक इस समय मध्य प्रदेश में 3421 तेंदुए हैं और बीते साल से अब तक 45 से तेंदुए की मौत हुई है.