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लश्कर तहसील कार्यालय को सिरोल ले जाने का वकीलों ने किया विरोध

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Published : Jan 3, 2021, 3:45 PM IST

ग्वालियर जिले की लश्कर तहसील के कार्यालय को सिरोल पहाड़ी के नए कलेक्ट्रेट भवन में शिफ्ट करने के विरोध में वकीलों ने स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को एक ज्ञापन सौंपा है औरक इसे शिफ्ट न करने की मांग की है.

Gwalior
ज्ञापन

ग्वालियर। जिले के लश्कर तहसील कार्यालय को सिरोल पहाड़ी पर स्थित न्यू कलेक्ट्रेट भवन ले जाने का वकील विरोध कर रहे हैं. वकीलों ने स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि गोरखी स्थित लश्कर तहसील कार्यालय में 150 अधिवक्ता कार्य करते हैं, जो छोटे-मोटे दस्तावेज लोगों को मुहैया कराने में उनकी मदद करते हैं.

Gwalior
लश्कर तहसील कार्यालय

यदि लश्कर तहसील कार्यालय को सिरोल पहाड़ी पर शिफ्ट किया गया तो ना सिर्फ अधिवक्ताओं को परेशानी होगी, बल्कि लश्कर क्षेत्र के कई लोगों को भी लंबा फासला तय करना पड़ेगा और खास बात यह भी है कि सिरोल पहाड़ी पर कोई भी यातायात का साधन नहीं है. गरीब और मजदूर वर्ग का व्यक्ति लश्कर क्षेत्र के इस तहसील कार्यालय में पैदल भी आ जा सकता है, लेकिन सिरोल पहाड़ी पर जाने के लिए उसे अतिरिक्त किराया ऑटो को चुकाना पड़ेगा.

स्थानीय सांसद ने उन्हें मदद का पूरा भरोसा दिलाया है और वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने की बात कही है. गोरखी तहसील कार्यालय में कार्य करने वाले लोगों का यह भी कहना है कि यदि स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन तहसील कार्यालय को रिनोवेट करता है तो लश्कर क्षेत्र में ही कहीं और तहसील को शिफ्ट किया जाए, क्योंकि हर तहसील को उसके इलाके में शिफ्ट किया जा रहा है.

ग्वालियर। जिले के लश्कर तहसील कार्यालय को सिरोल पहाड़ी पर स्थित न्यू कलेक्ट्रेट भवन ले जाने का वकील विरोध कर रहे हैं. वकीलों ने स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि गोरखी स्थित लश्कर तहसील कार्यालय में 150 अधिवक्ता कार्य करते हैं, जो छोटे-मोटे दस्तावेज लोगों को मुहैया कराने में उनकी मदद करते हैं.

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लश्कर तहसील कार्यालय

यदि लश्कर तहसील कार्यालय को सिरोल पहाड़ी पर शिफ्ट किया गया तो ना सिर्फ अधिवक्ताओं को परेशानी होगी, बल्कि लश्कर क्षेत्र के कई लोगों को भी लंबा फासला तय करना पड़ेगा और खास बात यह भी है कि सिरोल पहाड़ी पर कोई भी यातायात का साधन नहीं है. गरीब और मजदूर वर्ग का व्यक्ति लश्कर क्षेत्र के इस तहसील कार्यालय में पैदल भी आ जा सकता है, लेकिन सिरोल पहाड़ी पर जाने के लिए उसे अतिरिक्त किराया ऑटो को चुकाना पड़ेगा.

स्थानीय सांसद ने उन्हें मदद का पूरा भरोसा दिलाया है और वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने की बात कही है. गोरखी तहसील कार्यालय में कार्य करने वाले लोगों का यह भी कहना है कि यदि स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन तहसील कार्यालय को रिनोवेट करता है तो लश्कर क्षेत्र में ही कहीं और तहसील को शिफ्ट किया जाए, क्योंकि हर तहसील को उसके इलाके में शिफ्ट किया जा रहा है.

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