ग्वालियर। तकनीकी और मशीन का आविस्कार मानव की सुविधा के लिए होता है. तकनीकी से मनुष्य की कई समस्याओं का समाधान होता है. मशीन मनुष्य के काम को आसान करती हैं. लेकिन इन्हीं मशीन और तकनीकी को कंट्रोल में उपयोग ना किया जाए तो यहीं मनुष्यों के लिए खतरनाक भी साबित हो जाती है. हर साल ग्वालियर जिले में सैकड़ों दुपहिया वाहन चालक हादसे का शिकार होते हैं. इन हादसों में सैकड़ों लोगों घायल होते है तो कई लोग अपनी जान भी गवा देते है. दुपहिया वाहन चालकों के अलावा सड़क किनारे पैदल चलने वाले लोग भी हादसे का शिकार हो रहे हैं.
यहीं वजह है कि हर साल ग्वालियर जिले में सड़क किनारे पैदल चलने वाले लोगों के साथ 200 से अधिक दुर्घटनाएं होती है. जिसमें 100 से अधिक लोग मारे जाते है. इस दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण यह है कि जो लोग सड़क किनारे चलते हैं, वह रोड़ के गलत दिशा में चलते हैं. इस कारण पैदल चलने वाले लोगों के साथ सबसे ज्यादा हादसे होते हैं.
- हर साल 300 लोगों की जाती है जान
ग्वालियर जिले में हर साल 500 से अधिक दोपहिया वाहनों के साथ दुर्घटना होती है. जिनमें से लगभग 300 से अधिक लोगों की जान जाती है. इन्हें दुपहिया वाहनों के अलावा जो पैदल चलने वाले लोग हैं उनके साथ भी आए दिन दुर्घटना होती है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह सड़क के नियमों का पालन नहीं करते हैं. नियमों के अनुसार पैदल चलने वाले लोगों को सड़क की राइट साइड में चलना चाहिए ताकी पैदल चलने वाले लोगों को सामने से आने वाले वाहन दिख सकें.
- एक साल में 196 लोगों के साथ हुआ हादसा
ग्वालियर जिले में सड़क किनारे पैदल चलने वाले लोग और फुटपाथ पर रहने वाले लोगों के साथ आने दिन दुर्घटनाएं हो रही है. इन दुर्घटना में ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है. साल 2020 की बात करें तो लॉकडाउन होने के बाद भी सड़क किनारे पैदल चलने वाले लोगों के साथ 196 दुर्घटनाएं हुई. जिनमें से 84 लोगों की मौत हो चुकी है. इसका कारण यह है पीछे से आने वाली वाहन चालक या तो नशे में थे, या फिर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पैदल चलने वाली लोगों को टक्कर मार दी. जिसके कारण सड़क हादसे का शिकार हो गए.
- सड़क के राइट साइड में चलना चाहिए
ग्वालियर ट्रैफिक विभाग डीएसपी एनके अन्नोठिया ने बताया कि सड़क किनारे चलने वाली राहगीरों को हमेशा सड़क नियमों का पालन करना चाहिए. सड़क नियम के मुताबिक पैदल राहगीरों को रोड़ के राइट साइड चलना चाहिए. राइट साइड चलने से राहगिरों को पता होता है के सामने से कौन सा वाहन आ रहा है. वह अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं. लेकिन ज्यादातर पैदल चलने वाले लोग उल्टे हाथ पर चलते हैं. इसलिए पीछे से आने वाले अनियंत्रित वाहन उनको टक्कर मार देते हैं. सड़क हादसे का शिकार हो जाते हैं.
- अनियंत्रित होकर चलाते वाहन
पैदल यात्री उपेंद्र तोमर का कहना है कि वाहन चलाने वाले यात्री अनियंत्रित होकर वाहन चलाते है, जिसके कारण दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है. पैदल चलने वालों को डर बना रहता है कि पिछे से कोई वाहन टक्कर ना मार दें. मोबाइल पर बात करते हुए भी लोग वाहन चलाते है, जिससे वाहन चालकों का पूरा कंट्रोल वाहन पर नहीं रहता और दुर्घटना हो जाती है.
- यातायात का दबाव प्रमुख कारण
ग्वालियर शहर में जहां पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक का दबाव होता है. मतलब वाहनों की आवाजाही भारी संख्या में होती है. वहां पर सबसे ज्यादा पैदल चलने वाले लोग हादसे का शिकार होते हैं, क्योंकि यहां पर दुपहिया वाहनों की आवाजाही काफी संख्या में होती है. जिस वजह से पैदल चलने वाले लोगों के लिए जगह नहीं होती है. जगह कम होने का वजह से वाहन चालक अनियंत्रित होकर वाहन को चलाता है. उससे पैदल चलने वाली यात्री ज्यादातर हादसे का शिकार होते हैं.
- नियमों की जानकारी का अभाव
पैदल चलने वाले लोगों के साथ जितने भी हादसे होते हैं, उसमें सबसे बड़ा कारण देखने को आया है कि जितने भी पैदल चलते हैं वह सड़कों के नियम का पालन नहीं करते हैं. उनको यह नहीं पता होता है कि उन्हें किस दिशा में चलना चाहिए. ज्यादातर लोग सड़कों पर उल्टी दिशा में चलते हैं. इस कारण सड़क हादसे का शिकार हो जाते है. अगर सड़क किनारे चलने वाले लोग यातायात के नियमों का पालन करें तो सड़क हादसों से बच सकते हैं.