ग्वालियर। दस मजदूर संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर फूलबाग चौराहे पर प्रदर्शन किया, मजदूर संगठनों की अगुवाई कर रहे सीपीएम के सचिव अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों की हितैषी सरकार है, आम मजदूरों से सरकार का कोई लेना देना नहीं है.
लालबाग चौराहे पर दिए गए धरने में 10 मजदूर संगठनों ने हिस्सा लिया, सीपीएम का आरोप है कि ठेका प्रथा को पूरे देश में खत्म किया जाना जरूरी है क्योंकि ठेका प्रथा के जरिए श्रमिकों और मजदूरों का शोषण किया जा रहा है, एक आम श्रमिक का न्यूनतम वेतन 21 हजार रूपए महीना होना चाहिए, जबकि अभी एक कुशल श्रमिक को सिर्फ ठेकेदारी प्रथा के चलते 10 हजार रुपए ही मिल रहे हैं.
उनका ये भी कहना है कि देश के महत्वपूर्ण संस्थानों का मोदी सरकार निजीकरण कर रही है और पूंजीपतियों को आगे बढ़ने के मौके दे रही है. इससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इसलिए मोदी सरकार को निजीकरण रोकने और श्रमिकों के हितों के लिए उनका मानदेय बढ़ाने पर काम करना चाहिए, न कि शासकीय उपक्रमों को बंद करने का.