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ठेकेदारी प्रथा बंद करने और श्रमिकों का वेतन बढ़ाने की मांग पर मजदूरों का प्रदर्शन - ठेकेदारी प्रथा बंद को लेकर प्रदर्शन

ग्वालियर में ठेका प्रथा बंद करने को लेकर दस मजदूर संगठनों ने प्रदर्शन किया, इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर कई आरोपी भी लगाए.

Workers' organizations have demonstrated about the wage increase done in Gowalior
मजदूर संगठनों का प्रदर्शन
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Published : Jan 8, 2020, 4:41 PM IST

ग्वालियर। दस मजदूर संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर फूलबाग चौराहे पर प्रदर्शन किया, मजदूर संगठनों की अगुवाई कर रहे सीपीएम के सचिव अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों की हितैषी सरकार है, आम मजदूरों से सरकार का कोई लेना देना नहीं है.

मजदूर संगठनों का प्रदर्शन

लालबाग चौराहे पर दिए गए धरने में 10 मजदूर संगठनों ने हिस्सा लिया, सीपीएम का आरोप है कि ठेका प्रथा को पूरे देश में खत्म किया जाना जरूरी है क्योंकि ठेका प्रथा के जरिए श्रमिकों और मजदूरों का शोषण किया जा रहा है, एक आम श्रमिक का न्यूनतम वेतन 21 हजार रूपए महीना होना चाहिए, जबकि अभी एक कुशल श्रमिक को सिर्फ ठेकेदारी प्रथा के चलते 10 हजार रुपए ही मिल रहे हैं.

उनका ये भी कहना है कि देश के महत्वपूर्ण संस्थानों का मोदी सरकार निजीकरण कर रही है और पूंजीपतियों को आगे बढ़ने के मौके दे रही है. इससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इसलिए मोदी सरकार को निजीकरण रोकने और श्रमिकों के हितों के लिए उनका मानदेय बढ़ाने पर काम करना चाहिए, न कि शासकीय उपक्रमों को बंद करने का.

ग्वालियर। दस मजदूर संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर फूलबाग चौराहे पर प्रदर्शन किया, मजदूर संगठनों की अगुवाई कर रहे सीपीएम के सचिव अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों की हितैषी सरकार है, आम मजदूरों से सरकार का कोई लेना देना नहीं है.

मजदूर संगठनों का प्रदर्शन

लालबाग चौराहे पर दिए गए धरने में 10 मजदूर संगठनों ने हिस्सा लिया, सीपीएम का आरोप है कि ठेका प्रथा को पूरे देश में खत्म किया जाना जरूरी है क्योंकि ठेका प्रथा के जरिए श्रमिकों और मजदूरों का शोषण किया जा रहा है, एक आम श्रमिक का न्यूनतम वेतन 21 हजार रूपए महीना होना चाहिए, जबकि अभी एक कुशल श्रमिक को सिर्फ ठेकेदारी प्रथा के चलते 10 हजार रुपए ही मिल रहे हैं.

उनका ये भी कहना है कि देश के महत्वपूर्ण संस्थानों का मोदी सरकार निजीकरण कर रही है और पूंजीपतियों को आगे बढ़ने के मौके दे रही है. इससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इसलिए मोदी सरकार को निजीकरण रोकने और श्रमिकों के हितों के लिए उनका मानदेय बढ़ाने पर काम करना चाहिए, न कि शासकीय उपक्रमों को बंद करने का.

Intro:ग्वालियर
10 मजदूर संगठनों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ग्वालियर के फूलबाग चौराहे पर व्यापक धरना प्रदर्शन किया। मजदूर संगठनों की अगुवाई कर रहे सीपीएम ने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों की हितैषी सरकार है आम मजदूरों से सरकार को कोई लेना देना नहीं है।


Body:फूलबाग चौराहे पर दिए गए इस धरने में 10 मजदूर संगठनों ने हिस्सा लिया था। सीपीएम का आरोप है कि ठेका प्रथा को पूरे देश से खत्म किया जाना जरूरी है क्योंकि इसमें श्रमिकों और मजदूरों का शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक आम श्रमिक का न्यूनतम वेतन ₹21000 मासिक होना चाहिए जबकि अभी एक कुशल श्रमिक को सिर्फ ठेकेदारी प्रथा के चलते ₹10000 ही मिल पा रहे हैं।


Conclusion:उनका यह भी कहना है कि देश के महत्वपूर्ण संस्थानों का मोदी सरकार निजी करण कर रही है और पूंजीपतियों को आगे बढ़ने के मौके दे रही है ।इससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इसलिए मोदी सरकार को निजीकरण रोकने श्रमिकों के हितों के लिए उनका मानदेय बढ़ाने का काम करना चाहिए ना कि शासकीय उपक्रमों को बंद करने का। बाइट अखिलेश यादव... सचिव मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
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