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ग्वालियर व्यापार मेले में आ रहे कश्मीरी व्यापारी, 100 से अधिक दुकानें बुक

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Published : Nov 25, 2019, 11:30 PM IST

ग्वालियर में होने वाले व्यापार मेले में कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद कश्मीरी व्यापारियों की दुकाने नहीं लगने की बात गलत साबित हो रही है. क्योंकि मेले में कश्मीरी व्यापारी लगातार आ रहे हैं.

ग्वालियर मेले में कश्मीरी व्यापारियों की अगवानी

ग्वालियर। कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद बने हालातों को मद्देनजर रखते हुए इस बार ग्वालियर व्यापार मेले में कश्मीर घाटी के व्यापारियों के आगमन पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ था. साथ ही ये दावे किए जा रहे थे कि दशकों से इस मेले में लगने वाला कश्मीरी बाजार इस बार नहीं लगेगा. लेकिन ये दावे झूठे साबित हो रहे हैं. क्योंकि व्यापार मेले में आने के लिए करीब 100 कश्मीरी व्यापारियों ने दुकानें बुक करा दी हैं.

ग्वालियर व्यापार मेले में आ रहे कश्मीरी व्यापारी

दरअसल घाटी में धारा-370 हटने के बाद फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी बंद कर दी गई थी. लेकिन ये व्यापारी लगातार उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में व्यापार कर रहे हैं. धारा-370 हटने के बाद लगे कर्फ्यू के कारण शॉल, स्वेटर समेत अन्य हैडलूम आइटम्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की किल्लत हुई थी.

ऐसा माना जा रहा था कि इस साल के मेले में कश्मीरी व्यापारी कम संख्या में पहुंचेंगे, लेकिन इन सबके बावजूद जल्द ही शुरू होने वाले ऐतिहासिक व्यापार मेले में पिछले साल की तरह इस साल भी कश्मीर के व्यापारी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने पहुंच रहे है.

ग्वालियर। कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद बने हालातों को मद्देनजर रखते हुए इस बार ग्वालियर व्यापार मेले में कश्मीर घाटी के व्यापारियों के आगमन पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ था. साथ ही ये दावे किए जा रहे थे कि दशकों से इस मेले में लगने वाला कश्मीरी बाजार इस बार नहीं लगेगा. लेकिन ये दावे झूठे साबित हो रहे हैं. क्योंकि व्यापार मेले में आने के लिए करीब 100 कश्मीरी व्यापारियों ने दुकानें बुक करा दी हैं.

ग्वालियर व्यापार मेले में आ रहे कश्मीरी व्यापारी

दरअसल घाटी में धारा-370 हटने के बाद फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी बंद कर दी गई थी. लेकिन ये व्यापारी लगातार उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में व्यापार कर रहे हैं. धारा-370 हटने के बाद लगे कर्फ्यू के कारण शॉल, स्वेटर समेत अन्य हैडलूम आइटम्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की किल्लत हुई थी.

ऐसा माना जा रहा था कि इस साल के मेले में कश्मीरी व्यापारी कम संख्या में पहुंचेंगे, लेकिन इन सबके बावजूद जल्द ही शुरू होने वाले ऐतिहासिक व्यापार मेले में पिछले साल की तरह इस साल भी कश्मीर के व्यापारी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने पहुंच रहे है.

Intro:एंकर - कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद बने हालातों को मद्देनजर रखते हुए इस बार ग्वालियर व्यापार मेले में कश्मीर घाटी के व्यापारियों के आगमन पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ था। कयास लगाने के साथ ही यह दावे किए जा रहे थे कि दशकों से मेले में लगने वाला कश्मीरी बाजार इस बार नहीं लगेगा। लेकिन यह दावे 100 फीसदी छूठे साबित हो रहे हैं। क्योंकि व्यापार मेले में आने के लिए करीब 100 कश्मीरी व्यापारियों ने दुकानें बुक करा दी हैं...


Body:दरअसल घाटी में धारा 370 हटने के बाद फोन व इंटरनेट कनेक्टिविटी बंद कर दी गई थी, लेकिन ये व्यापारी लगातार उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में व्यापार कर रहे हैं। धारा 370 हटने के बाद लगे कर्फ्यू के कारण शॉल, स्वेटर समेत अन्य हैडलूम आयटम्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल (रॉ मटेरियल) की किल्लत हुई थी। लेकिन यह बात अब पूरानी हो चुकी है, अब हालात सामान्य हो रहे हैं और ऐसा माना जा रहा था  की  इस साल के मेले में  कश्मीरी व्यापारी  कम संख्या में  पहुंचेंगे  लेकिन  इन सबके बावजूद जल्द ही शुरू होने वाले ऐतिहासिक व्यापार मेले में पिछले साल की तरह इस साल भी कश्मीर व्यापारी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने पहुंच रहे है। गौरतलब है कि इन दिनों फूलबाग चौपाटी के सामने स्थित मैदान में गांधी जी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में खादी एक्सपो लगा हुआ है, जिसमें करीब 10 ऐसे कश्मीरी व्यापारी भी अपना स्टॉल लगा रहे हैं, जो मेले में भी आएंगे...।


 Conclusion:बाइट- डॉ प्रवीण अग्रवाल...उपाध्यक्ष, मेला प्राधिकरण
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