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उपचुनाव से पहले राजपूत करणी सेना ने रखी ये मांगें, कहा- जो ठोस आश्वासन देगा उसी का समर्थन करेंगे

रविवार को ग्वालियर में राजपूत करणी सेना ने एक बैठक का आयोजन किया. करणी सेना की इस बैठक को उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. करणी सेना ने कहा है कि जो हमारे हितों की बात करेगा हम उसी दल का साथ देंगे. पढ़िए पूरी खबर...

Karni Sena
करणी सेना
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Published : Sep 27, 2020, 3:48 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 4:08 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर में रविवार को राजपूत करणी सेना ने एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें राजपूत करणी सेना ने कहा है कि नौवीं अनुसूची में आरक्षण का समर्थन करने वाले विधायकों और सांसदों का करणी सेना विरोध करेगी. साथ ही उनका यह भी कहना है कि सवर्ण समाज के लिए सरकार आयोग का गठन करे और उनके लिए 10 फीसदी आरक्षण को अमलीजामा पहनाया जाए. वहीं एट्रोसिटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और जांच के बिना किसी के भी खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो.

उपचुनाव से पहले राजपूत करणी सेना ने रखी ये मांगें

फिलहाल करणी सेना ने किसी भी दल को समर्थन देने का एलान नहीं किया है, हालांकि करणी सेना के पदाधिकारियों का कहना है कि हमारे मुद्दों पर जो दल ठोस आश्वासन देगा, हम उसी के साथ खड़े होंगे. करणी सेना आरक्षण की विरोधी है, उसका कहना है कि आरक्षण किसी भी व्यक्ति को एक बार ही मिलना चाहिए.

करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की तरह सवर्ण आयोग का भी गठन किया जाए और उसमें सवर्ण समाज की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया जाए. इसके अलावा उन्हें 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की गई है उसे अमल में लाया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त एट्रोसिटी एक्ट में कई लोगों को गलत तरीके से फंसाया जाता है उस पर रोक लगनी चाहिए और जांच के पहले किसी की भी गिरफ्तारी या उस पर एफआईआर दर्ज नहीं होना चाहिए.

ग्वालियर। ग्वालियर में रविवार को राजपूत करणी सेना ने एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें राजपूत करणी सेना ने कहा है कि नौवीं अनुसूची में आरक्षण का समर्थन करने वाले विधायकों और सांसदों का करणी सेना विरोध करेगी. साथ ही उनका यह भी कहना है कि सवर्ण समाज के लिए सरकार आयोग का गठन करे और उनके लिए 10 फीसदी आरक्षण को अमलीजामा पहनाया जाए. वहीं एट्रोसिटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और जांच के बिना किसी के भी खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो.

उपचुनाव से पहले राजपूत करणी सेना ने रखी ये मांगें

फिलहाल करणी सेना ने किसी भी दल को समर्थन देने का एलान नहीं किया है, हालांकि करणी सेना के पदाधिकारियों का कहना है कि हमारे मुद्दों पर जो दल ठोस आश्वासन देगा, हम उसी के साथ खड़े होंगे. करणी सेना आरक्षण की विरोधी है, उसका कहना है कि आरक्षण किसी भी व्यक्ति को एक बार ही मिलना चाहिए.

करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की तरह सवर्ण आयोग का भी गठन किया जाए और उसमें सवर्ण समाज की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया जाए. इसके अलावा उन्हें 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की गई है उसे अमल में लाया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त एट्रोसिटी एक्ट में कई लोगों को गलत तरीके से फंसाया जाता है उस पर रोक लगनी चाहिए और जांच के पहले किसी की भी गिरफ्तारी या उस पर एफआईआर दर्ज नहीं होना चाहिए.

Last Updated : Sep 27, 2020, 4:08 PM IST
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