ग्वालियर। चंबल संभाग में मानसून की बेरुखी निरंतर जारी है, अभी तक सिर्फ मानसून का एक महीना निकलने के बाद 170 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि औसत बारिश अब तक 250 मिलीमीटर हो जानी चाहिए थी. यानी 80 मिलीमीटर बारिश की अभी भी ग्वालियर को दरकार है, लेकिन इसके उलट मानसून की लेटलतीफी में किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.
ग्वालियर चंबल संभाग में 20 जून के बाद ही मानसून सक्रिय हो जाता है, लेकिन इस बार मानसून की मेहरबानी ग्वालियर चंबल अंचल पर नहीं हुई है. फिलहाल जो बारिश दर्ज की गई है वह स्थानीय स्तर पर बने बादलों के कारण हुई है. मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि भीषण गर्मी और उमस के कारण जो गर्म हवाएं वायुमंडल में गई उसके कारण नमी बनी और बारिश हुई. लेकिन मानसून 25 जुलाई के बाद ही संभव है.
बता दें ग्वालियर में करीब सीजन की औसत बारिश 704 मिलीमीटर होती है, जो फिलहाल बेहद कम है. लेकिन मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि देर सबेर ग्वालियर चंबल संभाग को औसत बारिश का आंकड़ा मिल जाएगा. क्योंकि अभी 2 महीने बारिश के बाकी है. इसलिए चिंता करने की बात नहीं है. लेकिन किसानों को मानसून के कारण बुवाई में नुकसान उठाना पड़ रहा है.