ETV Bharat / state

जेसी मिल मजदूरों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, मजदूरों को पेंशन देने का दिया आदेश

author img

By

Published : Aug 8, 2019, 3:21 PM IST

जेसी मिल मजदूरों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब उन्हें पेंशन देने का आदेश दिया गया है.

जेसी मिल के 900 मजदूरों को मिलेगा पेंशन का लाभ

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने जेसी मिल के उन मजदूरों को बड़ी राहत दी है, जिन्हें ईपीएफ द्वारा पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा था. इसके खिलाफ ईपीएफ आयुक्त ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. भविष्य निधि आयुक्त ने कोर्ट में एक रिव्यू पिटीशन फाइल की थी. रिव्यू पिटीशन के कारण जिन मजदूरों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था, उसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है.

हाईकोर्ट ने मजदूरों के हक में सुनाया फैसला

1992 में ग्वालियर की विश्व प्रसिद्ध जीवाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड यानी जेसी मिल को बंद कर दिया गया था. उस समय मिल में आठ हजार से ज्यादा मजदूर काम करते थे. मजदूरों ने अपने वेतन और दूसरे वित्तीय लाभ के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट के निर्देश पर रिटायर्ड जज एसएस त्रिवेदी को प्रशासक बनाया गया था. उन्होंने मिलकर आठ हजार मजदूरों की सूची बनाई थी, जिसमें 6 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया, लेकिन बाकी के मजदूर पेंशन से वंचित रह गए.

इस बीच भविष्य निधि संगठन ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगा दी. इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया और कहा कि जिस तरह से 1 हजार 032 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया है, ठीक उसी तरह से बाकी बचे मजदूरों को भी यह लाभ दिया जाए. अब वंचित मजदूरों के पेंशन लाभ पाने का रास्ता साफ हो गया है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने जेसी मिल के उन मजदूरों को बड़ी राहत दी है, जिन्हें ईपीएफ द्वारा पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा था. इसके खिलाफ ईपीएफ आयुक्त ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. भविष्य निधि आयुक्त ने कोर्ट में एक रिव्यू पिटीशन फाइल की थी. रिव्यू पिटीशन के कारण जिन मजदूरों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था, उसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है.

हाईकोर्ट ने मजदूरों के हक में सुनाया फैसला

1992 में ग्वालियर की विश्व प्रसिद्ध जीवाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड यानी जेसी मिल को बंद कर दिया गया था. उस समय मिल में आठ हजार से ज्यादा मजदूर काम करते थे. मजदूरों ने अपने वेतन और दूसरे वित्तीय लाभ के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट के निर्देश पर रिटायर्ड जज एसएस त्रिवेदी को प्रशासक बनाया गया था. उन्होंने मिलकर आठ हजार मजदूरों की सूची बनाई थी, जिसमें 6 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया, लेकिन बाकी के मजदूर पेंशन से वंचित रह गए.

इस बीच भविष्य निधि संगठन ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगा दी. इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया और कहा कि जिस तरह से 1 हजार 032 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया है, ठीक उसी तरह से बाकी बचे मजदूरों को भी यह लाभ दिया जाए. अब वंचित मजदूरों के पेंशन लाभ पाने का रास्ता साफ हो गया है.

Intro:ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच करीब 27 साल पहले बंद हो चुकी जिवाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड यानी जेसी मिल के उन मजदूरों को बड़ी राहत प्रदान की है जिन्हें ईपीएफ द्वारा पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा था और इसके खिलाफ ईपीएफ ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर रखी थी।


Body:दरअसल 1992 में ग्वालियर की विश्व प्रसिद्ध जीवाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड यानी जेसी मिल को बंद कर दिया गया था उस समय मिल में 8000 से ज्यादा मजदूर काम करते थे मजदूरों ने अपने वेतन और दूसरे वित्तीय लाभ के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी कोर्ट के निर्देश पर रिटायर्ड जज एसएस त्रिवेदी को प्रशासक बनाया गया था उन्होंने मिलकर 8037 मजदूरों की सूची बनाई थी। 6000 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया बाकी मजदूरों को नहीं मिला इस पर वे दोबारा हाई कोर्ट गए। कोर्ट के आदेश पर 1032 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया।


Conclusion:लेकिन 900 से ज्यादा मजदूर पेंशन और दूसरे वित्तीय लाभ लेने से वंचित रहे इस बीच भविष्य निधि संगठन हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगा दी इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया और कहा कि जिस तरह से 1032 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया है ठीक उसी तरह से बाकी बचे मजदूरों को भी यह लाभ दिया जाए अब वंचित मजदूरों के पेंशन लाभ पाने का रास्ता साफ हो चुका है। बाइट अशोक जैन... जेसी मिल मजदूरों के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.