नई दिल्ली: वक्फ बोर्ड को लेकर देशभर में जारी घमासान के बीच एक और हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, वक्फ बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी के छह मंदिरों पर अपना दावा ठोका है. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में दावा किया है कि यहां वक्फ बोर्ड की जमीन 6 मंदिरों को निर्माण किया गया है. हालांकि इन मंदिरों का प्रशासन ने इन दावों नकार दिया है.
दिल्ली के 6 मंदिरों पर वक्फ बोर्ड ने जिस रिपोर्ट में यह खुलासा किया है, वह रिपोर्ट साल 2019 में आई थी. इसमें यह भी दावा किया गया कि दिल्ली के कई मंदिर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सभी मंदिर वक्फ बोर्ड के बनने से पहले से मौजूद हैं.
बिहार के गांव पर भी ठोका दावा
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब वक्फ बोर्ड ने किसी हिंदू जमीन पर अपना दावा ठोका है. इससे पहले बिहार में इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां 90 फीसदी हिंदू आबादी वाले एक पूरे गांव पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोक दिया था और पटना से 30 किलोमीटर दूर स्थित गोविंदपुर गांव को अपना बताया. यहां की कुल आबादी 5 हजार है और इनमें से 95 प्रतिशत हिंदू समुदाय के हैं.
वक्फ बोर्ड की कितनी जमीन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में वक्फ के पास 2006 में 1.2 लाख एकड़ की संपत्ति थी, जो 2009 में बढ़कर 4 लाख एकड़ हो गई. वहीं, 2024 में यह संपत्ति बढ़कर 9.4 लाख एकड़ हो गई है.
वक्फ बोर्ड में संशोधन
हाल ही में मोदी सरकार ने संसद में वक्फ बोर्ड से जुड़े दो संशोधन विधेयक पेश किए गए थे, जिन्हें सदन में चर्चा के बाद संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया गया है. बिल को लेकर अब तक जेपीसी की चार बैठकें हो चुकी हैं.
इस बीच जेपीसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर आम जनता से ईमेल और लिखित पत्र के जरिए सुझाव भी मांगे थे. समिति के आधिकारिक सूत्र के अनुसार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर 18 सितंबर 2024 तक समिति को 91,78,419 ई-मेल प्राप्त हुए थे.