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कोरोना के चलते जीवाजी विश्वविद्यालय में नैक का निरीक्षण टला, कमियां सुधारने का मिला मौका - Gwalior News

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में नैक का निरीक्षण अगले 6 महीने के लिए टल गया है. अब यह निरीक्षण नवंबर या दिसंबर में होगा. हालांकि विश्वविद्यालय को इससे अपने यहां कमियां दूर करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया है.

Jiwaji University
जीवाजी विश्वविद्यालय
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Published : Jun 28, 2020, 4:11 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में कोरोना के चलते इस बार नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल यानी नेक का निरीक्षण अगले 6 महीने के लिए टल गया है. इस महीने यानी जून में नेक का निरीक्षण विश्वविद्यालय में होना था, लेकिन कोरोना के कारण ना सिर्फ विश्वविद्यालय की गतिविधियां पूरी तरह से ठप रही हैं, बल्कि परीक्षाएं तक निरस्त कर दी गई हैं.

अभी जीवाजी विश्वविद्यालय को नेक द्वारा ए-ग्रेड से रेखांकित किया गया है. अब जीवाजी विश्वविद्यालय ए-प्लस के लिए नेक का निरीक्षण कराना चाह रहा था, लेकिन अब यह निरीक्षण 6 महीने बाद यानि नवंबर या दिसंबर में होगा, क्योंकि कोरोना के चलते विश्वविद्यालय में गतिविधियां तब तक चालू हो चुकी होंगी. इस बीच जीवाजी विश्वविद्यालय को नेक के निरीक्षण के लिए अपने यहां कमियां दूर करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया है.

जीवाजी विश्वविद्यालय में नेक का निरीक्षण टला

पहली फुर्सत में ही जीवाजी विश्वविद्यालय ने राजभवन के लिए करीब डेढ़ सौ शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा है. अभी जीवाजी विश्वविद्यालय में 50 स्थाई शिक्षक हैं, जबकि नियमित और सेल्फ फाइनेंस कोर्स के लिए विद्यालय में 200 शिक्षकों की जरूरत है. अतिथि विद्वान और आउटसोर्सिंग के जरिए फिलहाल काम चलाया जा रहा है.

समय पर रिजल्ट नहीं देने की शिकायत भी ज्यादातर छात्र करते रहते हैं. नेक के निरीक्षण में यह व्यवस्था भी विश्वविद्यालय को सुधारनी होगी. विश्वविद्यालय को प्लेसमेंट और सुविधाएं जुटाने के लिए अंक दिए जाते हैं, विश्वविद्यालय को अपने यहां ऐसे कोर्स शुरू करने होंगे जिससे छात्रों को नौकरियां मिल सकें.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में कोरोना के चलते इस बार नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल यानी नेक का निरीक्षण अगले 6 महीने के लिए टल गया है. इस महीने यानी जून में नेक का निरीक्षण विश्वविद्यालय में होना था, लेकिन कोरोना के कारण ना सिर्फ विश्वविद्यालय की गतिविधियां पूरी तरह से ठप रही हैं, बल्कि परीक्षाएं तक निरस्त कर दी गई हैं.

अभी जीवाजी विश्वविद्यालय को नेक द्वारा ए-ग्रेड से रेखांकित किया गया है. अब जीवाजी विश्वविद्यालय ए-प्लस के लिए नेक का निरीक्षण कराना चाह रहा था, लेकिन अब यह निरीक्षण 6 महीने बाद यानि नवंबर या दिसंबर में होगा, क्योंकि कोरोना के चलते विश्वविद्यालय में गतिविधियां तब तक चालू हो चुकी होंगी. इस बीच जीवाजी विश्वविद्यालय को नेक के निरीक्षण के लिए अपने यहां कमियां दूर करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया है.

जीवाजी विश्वविद्यालय में नेक का निरीक्षण टला

पहली फुर्सत में ही जीवाजी विश्वविद्यालय ने राजभवन के लिए करीब डेढ़ सौ शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा है. अभी जीवाजी विश्वविद्यालय में 50 स्थाई शिक्षक हैं, जबकि नियमित और सेल्फ फाइनेंस कोर्स के लिए विद्यालय में 200 शिक्षकों की जरूरत है. अतिथि विद्वान और आउटसोर्सिंग के जरिए फिलहाल काम चलाया जा रहा है.

समय पर रिजल्ट नहीं देने की शिकायत भी ज्यादातर छात्र करते रहते हैं. नेक के निरीक्षण में यह व्यवस्था भी विश्वविद्यालय को सुधारनी होगी. विश्वविद्यालय को प्लेसमेंट और सुविधाएं जुटाने के लिए अंक दिए जाते हैं, विश्वविद्यालय को अपने यहां ऐसे कोर्स शुरू करने होंगे जिससे छात्रों को नौकरियां मिल सकें.

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