ग्वालियर। एक फरवरी को केंद्र सरकार का बजट पेश होने वाला है, इस बजट को लेकर देश के हर वर्ग को उम्मीद है. वहीं सरकार हर वर्ग को ध्यान में रखकर यह बजट पेश करने वाली है. लेकिन साल 2020 में कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है. इस औद्योगिक क्षेत्र को उम्मीद है कि मोदी सरकार इस बजट में उनके लिए कुछ राहत देगी. इस बजट को लेकर औद्योगिक क्षेत्र और व्यापारियों की क्या राय है और बजट से क्या उम्मीद रखते हैं, इसको लेकर उन्होंने ईटीवी भारत बातचीत की.
कोरोना ने उद्योग जगत को किया चौपट
ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े बामोर इंडस्ट्रीज इकाई के यूनियन अध्यक्ष सुदीप कुमार शर्मा का कहना है कि साल 2020 में कोरोना महामारी ने पूरे उद्योग जगत को चौपट कर दिया है. हालात यह हैं कि अभी भी 50 फ़ीसदी इंडस्ट्रीज पटरी पर नहीं आ पाई है. ऐसे में आने वाले बजट से उम्मीद है कि सरकार इंडस्ट्रीज के लिए कुछ राहत पैकेज दे, जिससे औद्योगिक क्षेत्र को पटरी पर लाया जा सके. उनकी मांग है कि इस बजट में मोदी सरकार टैक्स में राहत दे, ताकि जो छोटे उद्योग हैं उनको आसानी से चलाया जा सके.
सरकार टैक्स में दे छूट
साथ ही मध्यप्रदेश में डेवलपमेंट और इलेक्ट्रिसिटी चार्ज बढे़ हैं उनको कम करना चाहिए. क्योंकि कोरोना के बाद इंडस्ट्रीज पर आयात और निर्यात पर काफी फर्क पड़ा है. यह फर्क अभी भी सामान्य नहीं हुआ है. वहीं रॉ मटेरियल के चार्जेस लगातार बढ़ते जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मार्केट में सप्लाई कम होने के कारण जो उद्योग संचालित हैं. वह भी बंद होने की कगार पर हैं. इसलिए मोदी सरकार को इस बजट में छोटे और बड़े उद्योगों के लिए टैक्स छूट के साथ साथ कम ब्याज पर लोन का भी प्रावधान रखना चाहिए.
रियल स्टेट के लिए आगे आए सरकार
वही चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव प्रवीण अग्रवाल का कहना है कोरोना के बाद केंद्र सरकार के इस बजट से व्यापारी वर्ग को काफी उम्मीद है. क्योंकि कोरोना के बाद इंडस्ट्रीज और व्यापारी पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. साल 2020 में इंडस्ट्रीज और व्यापारियों को सभी टैक्सों का सामना करना पड़ा चाहे वह जीएसटी हो या फिर बिजली बिल. इस बिल में उम्मीद है कि सरकार आयकर विभाग की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करना चाहिए. साथ ही रियल स्टेट के लिए सरकार को आगे आना चाहिए.
वहीं जीएसटी बिल के लिए उद्योगपतियों और व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. उसमें लचीलापन होना चाहिए. इंडस्ट्रीज को जीएसटी का पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में उनको जीएसटी में भी बदलाव करना चाहिए. इस कोरोना काल में छोटी एवं बड़ी इंडस्ट्रीज पूरी तरह से चल पड़ी हुई है. इसको लेकर सरकार को इलेक्ट्रिक बिल और कर्जा माफ करने के लिए आगे आना चाहिए.