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प्राइवेट यूनिवर्सिटी के छात्रों को सरकारी कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश की छूट पर गुस्साए छात्र

ग्वालियर के कृषि महाविद्यालय में गुस्साए छात्रों ने हड़ताल शुरू कर दी है. जल्द ही ये छात्र भूख हड़ताल और प्रदर्शन भी शुरू करेंगे.

कृषि महाविद्यालय में गुस्साए छात्रों की हड़ताल
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Published : Jun 11, 2019, 6:30 PM IST

ग्वालियर| सरकार ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के छात्रों को सरकारी कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश की छूट दे दी है. जिसके बाद शहर के कृषि महाविद्यालय में गुस्साए छात्रों ने हड़ताल शुरू कर दी है. जल्द ही ये छात्र भूख हड़ताल और प्रदर्शन भी शुरू करेंगे. छात्रों का कहना है कि प्रदेश की 19 निजी यूनिवर्सिटी के छात्रों को सरकारी कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश की छूट देकर सरकार ने जहां शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया है वहीं सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के हितों पर कुठाराघात किया है.

कृषि महाविद्यालय में गुस्साए छात्रों की हड़ताल

क्या है मामला

  • ग्वालियर में मंगलवार को छात्रों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी है.
  • कृषि महाविद्यालय के गेट पर धरने पर बैठे छात्र देर शाम कॉलेज से लेकर महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि तक कैंडल मार्च भी निकालेंगे.
  • छात्रों का कहना है कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना होगा. पूरे प्रदेश के शासकीय कृषि महाविद्यालयों को इस प्राइवेटाइजेशन से बचाना होगा.
  • प्रदेश में व्यवसायिक शिक्षा के बढ़ते प्रभाव के बाद निजी विश्वविद्यालयों की सक्रियता बढ़ गई है.
  • कम संसाधनों में अधिक छात्रों को अपने संस्थान में प्रवेश देकर निजी कृषि महाविद्यालय और विश्वविद्यालय पढ़ाई से समझौता कर रहे हैं.
  • बिना मापदंड पूरा किए निजी विश्वविद्यालय कृषि स्नातक तैयार कर रहे हैं, जबकि शासकीय कृषि कॉलेजों में कड़े कॉम्पिटीशन के बाद बीएससी स्नातक में प्रवेश मिल पाता है.
  • छात्रों ने चेतावनी दी है सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार नहीं किया तो छात्रों का आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा.

ग्वालियर| सरकार ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के छात्रों को सरकारी कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश की छूट दे दी है. जिसके बाद शहर के कृषि महाविद्यालय में गुस्साए छात्रों ने हड़ताल शुरू कर दी है. जल्द ही ये छात्र भूख हड़ताल और प्रदर्शन भी शुरू करेंगे. छात्रों का कहना है कि प्रदेश की 19 निजी यूनिवर्सिटी के छात्रों को सरकारी कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश की छूट देकर सरकार ने जहां शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया है वहीं सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के हितों पर कुठाराघात किया है.

कृषि महाविद्यालय में गुस्साए छात्रों की हड़ताल

क्या है मामला

  • ग्वालियर में मंगलवार को छात्रों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी है.
  • कृषि महाविद्यालय के गेट पर धरने पर बैठे छात्र देर शाम कॉलेज से लेकर महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि तक कैंडल मार्च भी निकालेंगे.
  • छात्रों का कहना है कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना होगा. पूरे प्रदेश के शासकीय कृषि महाविद्यालयों को इस प्राइवेटाइजेशन से बचाना होगा.
  • प्रदेश में व्यवसायिक शिक्षा के बढ़ते प्रभाव के बाद निजी विश्वविद्यालयों की सक्रियता बढ़ गई है.
  • कम संसाधनों में अधिक छात्रों को अपने संस्थान में प्रवेश देकर निजी कृषि महाविद्यालय और विश्वविद्यालय पढ़ाई से समझौता कर रहे हैं.
  • बिना मापदंड पूरा किए निजी विश्वविद्यालय कृषि स्नातक तैयार कर रहे हैं, जबकि शासकीय कृषि कॉलेजों में कड़े कॉम्पिटीशन के बाद बीएससी स्नातक में प्रवेश मिल पाता है.
  • छात्रों ने चेतावनी दी है सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार नहीं किया तो छात्रों का आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा.
Intro:ग्वालियर
ग्वालियर के कृषि महाविद्यालयों में छात्रों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। जल्द ही यह छात्र भूख हड़ताल और प्रदर्शन भी शुरू करेंगे। छात्रों का कहना है कि प्रदेश की 19 निजी यूनिवर्सिटी के छात्रों को सरकारी कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश की छूट देकर सरकार ने जहां शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया है वही सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के हितों पर कुठाराघात किया है।


Body:दरअसल प्रदेश में व्यवसायिक शिक्षा के बढ़ते प्रभाव के बाद निजी विश्वविद्यालयों की सक्रियता बड़ी है और कम संसाधनों में अधिक छात्रों को अपने संस्थान में प्रवेश देकर निजी कृषि महाविद्यालय और विश्वविद्यालय पढ़ाई से समझौता कर रहे हैं। बिना मापदंड पूरा किए निजी विश्वविद्यालय कृषि स्नातक तैयार कर रहे हैं जबकि शासकीय कृषि कॉलेजों में कडे कंपटीशन के बाद बीएससी स्नातक में प्रवेश मिल पाता है।


Conclusion:कृषि छात्रों ने मंगलवार को अनिश्चितकालीन धरना कॉलेज के गेट पर शुरू कर दिया है। मंगलवार देर शाम यह छात्र कॉलेज से लेकर महारानी लक्ष्मी बाई समाधि तक कैंडल मार्च भी निकालेंगे। उनका कहना है कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना होगा पूरे प्रदेश के शासकीय कृषि महाविद्यालयों को इस प्राइवेटाइजेशन से बचाना होगा। अन्यथा छात्रों का आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा। बाइट सुनील उपाध्याय... एमएससी कृषि छात्र एग्रीकल्चर कॉलेज ग्वालियर
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