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विकास प्राधिकरण की जांच समिति ने किए कई खुलासे, अधिकारियों के सहयोग से हुआ करोड़ों की जमीन में बंदरबांट

सहकारी गृह निर्माण समितियों की गड़बड़ी की जांच के लिए गठित समिति ने किए खुलासे. विकास प्राधिकरण में अधिकारियों, कर्मचारियों और गृह निर्माण सहकारी समितियों की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन में हुआ बंदरबांट.

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जांच समिति ने किए कई खुलासे
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Published : Feb 11, 2020, 5:39 PM IST

Updated : Feb 11, 2020, 5:59 PM IST

ग्वालियर। विकास प्राधिकरण यानि जीडीए में अधिकारियों, कर्मचारियों और गृह निर्माण सहकारी समितियों की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन में बंदरबांट के नए खुलासे सामने आ रहे हैं. नौ साल पहले प्राधिकरण ने 26 समितियों की फाइल गुम होने की रिपोर्ट पड़ाव थाने में दर्ज कराई थी और जब कलेक्टर के साथ-साथ, सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने प्राधिकरण के सीईओ से फाइल के सुराग लगाए तो इसमें 18 समितियों के नाम सामने आ रहे हैं.

जांच समिति ने किए कई खुलासे


सहकारी गृह निर्माण समितियों की गड़बड़ी की जांच के लिए गठित समिति के प्रभारी अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य ने जीडीए में गुम फाइलों की जानकारी ली है. जिसके बाद सीईओ ने बताया कि 4 समितियों के नाम दो और दो समितियों के नाम 3 जगह लिखे हुए हैं. प्राधिकरण के सीईओ वीरेंद्र कुमार सिंह के साथ अपर कलेक्टर रिंकेश ने जिम्मेदार अधिकारियों को बुलाकर प्रत्येक फाइल का बारीकी से अध्ययन किया है. जिसके बाद फाइलों में कम दस्तावेज पाए गए हैं और कुछ की मूल कॉपी गायब है.


कलेक्टर के मुताबिक जीडीए के अधिकारी संचालकों ने फरवरी तक दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय मांगा है. इसके बाद ही साफ हो सकेगा कि इस समिति ने फर्जीवाड़ा किया है. अभी तक 3 सोसाइटी के प्रबंधक पर एफआईआर हो चुकी है, साथ ही एक-दो दिन में तीन सोसाइटी पर और FIR होना है.

ग्वालियर। विकास प्राधिकरण यानि जीडीए में अधिकारियों, कर्मचारियों और गृह निर्माण सहकारी समितियों की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन में बंदरबांट के नए खुलासे सामने आ रहे हैं. नौ साल पहले प्राधिकरण ने 26 समितियों की फाइल गुम होने की रिपोर्ट पड़ाव थाने में दर्ज कराई थी और जब कलेक्टर के साथ-साथ, सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने प्राधिकरण के सीईओ से फाइल के सुराग लगाए तो इसमें 18 समितियों के नाम सामने आ रहे हैं.

जांच समिति ने किए कई खुलासे


सहकारी गृह निर्माण समितियों की गड़बड़ी की जांच के लिए गठित समिति के प्रभारी अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य ने जीडीए में गुम फाइलों की जानकारी ली है. जिसके बाद सीईओ ने बताया कि 4 समितियों के नाम दो और दो समितियों के नाम 3 जगह लिखे हुए हैं. प्राधिकरण के सीईओ वीरेंद्र कुमार सिंह के साथ अपर कलेक्टर रिंकेश ने जिम्मेदार अधिकारियों को बुलाकर प्रत्येक फाइल का बारीकी से अध्ययन किया है. जिसके बाद फाइलों में कम दस्तावेज पाए गए हैं और कुछ की मूल कॉपी गायब है.


कलेक्टर के मुताबिक जीडीए के अधिकारी संचालकों ने फरवरी तक दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय मांगा है. इसके बाद ही साफ हो सकेगा कि इस समिति ने फर्जीवाड़ा किया है. अभी तक 3 सोसाइटी के प्रबंधक पर एफआईआर हो चुकी है, साथ ही एक-दो दिन में तीन सोसाइटी पर और FIR होना है.

Intro:ग्वालियर विकास प्राधिकरण यानि जीडीए में अधिकारियों कर्मचारियों और गृह निर्माण सहकारी समितियों की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन में बंदरबांट के नए खुलासे सामने हो रहे है। 9 साल पहले प्राधिकरण ने 26 समितियों की फाइल गुम होने की रिपोर्ट पड़ाव थाने दर्ज कराई थी और जब कलेक्टर के साथ-साथ सभी के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने प्राधिकरण के सीईओ शक्ति दिखाकर फाइल का सुराग लगाया तो केवल के नाम भी सामने आ रहे है।सहकारी गृह निर्माण समितियों की गड़बड़ी की जांच के लिए गठित समिति के प्रभारी अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य ने जीडीए में गुम फाइलों की जानकारी ली है जिसके बाद सीईओ ने बताया कि 4 समितियों के नाम दो और दो समितियों के नाम 3 जगह लिखे हैं।


Body:दरअसल प्राधिकरण के सीईओ वीरेंद्र कुमार सिंह के साथ अपर कलेक्टर रिंकेश ने जिम्मेदार अधिकारियों को बुलाकर प्रत्येक फाइल का बारीकी से अध्ययन किया और फाइलों में कम दस्तावेज पाये गये तो कुछ की मूल कॉपी गायब थी। कलेक्टर के मुताबिक जीडीए के अधिकारी सीमित संचालकों ने आज फरवरी तक दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय मांगा है। इसलिए आज के बाद ही साफ हो सकेगा। इस समिति ने फर्जीवाड़ा किया है इसमें प्राधिकरण की कितने अधिकारी कर्मचारी शामिल रहे हैं। आपको बता दें अभी तक 3 सोसायटियों के प्रबंधक पर एफ आई आर हो चुकी है साथ ही एक-दो दिन में तीन सोसायटियों पर और FIR होना है।


Conclusion:बाइट - अनुराग चौधरी, कलेक्टर ग्वालियर
Last Updated : Feb 11, 2020, 5:59 PM IST
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