ग्वालियर। विकास प्राधिकरण यानि जीडीए में अधिकारियों, कर्मचारियों और गृह निर्माण सहकारी समितियों की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन में बंदरबांट के नए खुलासे सामने आ रहे हैं. नौ साल पहले प्राधिकरण ने 26 समितियों की फाइल गुम होने की रिपोर्ट पड़ाव थाने में दर्ज कराई थी और जब कलेक्टर के साथ-साथ, सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने प्राधिकरण के सीईओ से फाइल के सुराग लगाए तो इसमें 18 समितियों के नाम सामने आ रहे हैं.
सहकारी गृह निर्माण समितियों की गड़बड़ी की जांच के लिए गठित समिति के प्रभारी अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य ने जीडीए में गुम फाइलों की जानकारी ली है. जिसके बाद सीईओ ने बताया कि 4 समितियों के नाम दो और दो समितियों के नाम 3 जगह लिखे हुए हैं. प्राधिकरण के सीईओ वीरेंद्र कुमार सिंह के साथ अपर कलेक्टर रिंकेश ने जिम्मेदार अधिकारियों को बुलाकर प्रत्येक फाइल का बारीकी से अध्ययन किया है. जिसके बाद फाइलों में कम दस्तावेज पाए गए हैं और कुछ की मूल कॉपी गायब है.
कलेक्टर के मुताबिक जीडीए के अधिकारी संचालकों ने फरवरी तक दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय मांगा है. इसके बाद ही साफ हो सकेगा कि इस समिति ने फर्जीवाड़ा किया है. अभी तक 3 सोसाइटी के प्रबंधक पर एफआईआर हो चुकी है, साथ ही एक-दो दिन में तीन सोसाइटी पर और FIR होना है.