रतलाम: मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं कक्षा के प्री बोर्ड एग्जाम के पेपर लीक होने का मामला सामने आया है. मंदसौर के बाद अब रतलाम में भी सोशल मीडिया पर दसवीं और बारहवीं के पेपर लीक हुए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने एक परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर छात्रों को मिले पेपर से जब वायरल हुए पेपर का मिलान किया तो वह हूबहू वही पेपर निकले जो बीती रात सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले पर जांच कराने की बात कह रहे हैं. इससे पूर्व मंदसौर में यूट्यूब चैनल पर दसवीं प्री बोर्ड परीक्षा का गणित का पेपर लीक हुआ था.
संस्कृत और लेखाशास्त्र के पेपर लीक
पेपर लीक होने का यह मामला गुरुवार सुबह सामने आया, जब कुछ छात्रों के अभिभावकों ने इसकी जानकारी मीडिया को दी. पिंक क्लासेस के नाम से बने ग्रुप में 10 वीं के संस्कृत और 12 वीं के लेखाशास्त्र का पेपर पोस्ट किया गया था. जिसका स्क्रीनशॉट भी इंस्टाग्राम और वॉट्सएप पर वायरल हुआ है. शुरुआत में शिक्षा विभाग द्वारा इस पर कोई भी जानकारी नहीं दी गई. लेकिन ईटीवी भारत की टीम ने परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर रियलिटी चेक किया तो वायरल हुए पेपर बच्चों को परीक्षा केंद्र में मिले पेपर से हूबहू मिल गए. जानकारी मिलने पर शिक्षा विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है.
मामले की जांच जारी
रतलाम जिला शिक्षा अधिकारी अनीता सागर ने बताया कि "सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की जानकारी मिली है. लेकिन यह रतलाम से ही लीक हुआ है, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है. मामला संज्ञान में आने के बाद इस मामले की जांच की जा रही है." जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पूरे मध्य प्रदेश में 10 वीं और 12 वीं का प्री बोर्ड का पेपर एक ही है. केवल संकुल प्राचार्य द्वारा ही लॉगिन कर पेपर निकाला जाता है.
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शिक्षा मंडल पर उठ रहे हैं सवाल
बहरहाल छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले लोग लगातार पेपर लीक कर शिक्षा विभाग के दावों की पोल भी खोल रहे हैं. वहीं, शिक्षा विभाग के साथ ही मध्य प्रदेश शिक्षा मंडल पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. बड़ा सवाल यह है कि इस तरह के पेपर लीक से न केवल पूरा वर्ष पढ़ाई करने वाले छात्रों का मनोबल टूटता है , बल्कि उन छात्रों का भविष्य भी दांव पर है, जो सोशल मीडिया पर लीक हुए पेपर के भरोसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में शामिल होते हैं.