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इमरती देवी ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, डबरा से हार गई थीं चुनाव

चुनाव हारने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि आखिरकार इमरती देवी कब इस्तीफा देंगी. लेकिन उपचुनाव के नतीजों के 14 दिन बाद मंगलवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इमरती देवी अपने ही समधी सुरेश राजे से 7000 से अधिक वोटों से उपचुनाव में हार गईं थीं.

imarti devi resigned as minister
इमरती देवी ने छोड़ा मंत्री पद
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Published : Nov 24, 2020, 10:44 PM IST

ग्वालियर। शिवराज सरकार में मंत्री रहीं और ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी नेता इमरती देवी ने आखिरकार मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा. इस मौके पर इमरती देवी ने कहा कि उन्होने अपने पद से इस्तीफा दिया है अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब चाहे तब इस्तीफा मंजूर करें. उन्हे पार्टी संगठन पर पूरा भरोसा है.

इमरती देवी ने छोड़ा मंत्री पद

उपचुनाव में सुरेश राजे से मिली थी हार

इमरती देवी शिवराज सरकार में महिला बाल विकास मंत्री थीं. हाल ही में 28 सीटों के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव में डबरा विधानसभा क्षेत्र से अपने ही रिश्‍तेदार सुरेश राजे से 7000 से अधिक वोटों से हार गईं थीं. इमरती देवी डबरा व‍िधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ रही थीं और यह मध्‍य प्रदेश की सबसे चर्चित सीट रही. इमरती को हराने वाले उनके ही समधी कांग्रेस के सुरेश राजे थे. चुनाव हारने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि आखिरकार इमरती देवी कब इस्तीफा देगीं. लेकिन उपचुनाव के नतीजों के 14 दिन बाद मंगलवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया.

ये भी पढ़ें : उपचुनाव में मिली हार के बाद शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों का इस्तीफा

ये तीन मंत्री हारे थे चुनाव

हाल ही में सम्पन्न 28 हुए विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्री चुनाव हार गए थे. चुनाव हारने वाले मंत्रियों में इमरती देवी, ऐंदल सिंह कंसाना और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज दंडोतिया शामिल थे.

पद नहीं छोड़ने पर खड़ा हो गया था सियासी बवाल

इमरती देवी के मंत्री पद पर बने रहने पर सियासी बवाल खड़ा हो गया था. इसे लेकर कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि 'जब तक उनके आका ज्योतिरादित्य सिंधिया इशारा नहीं करेंगे, तब तक इमरती पद पर बनी रहेंगी. इमरती देवी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि अभी उनके विभाग में कई बड़े टेंडर होने वाले हैं. इसलिए वो इस्तीफा नहीं दे रही.'

बीजेपी ने दिया था ये जवाब

कांग्रेस के जुबानी हमलों के जवाब में बीजेपी ने कहा था कि 'देश कांग्रेस के संविधान से नहीं बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान पर चलता है. शपथ लेने वाला मंत्री बिना निर्वाचित हुए 6 महीने तक पद पर रह सकता है. किसे मंत्री पद पर रखना है और किसे नहीं रखना है, इसका अधिकार सीएम के पास है.

ग्वालियर। शिवराज सरकार में मंत्री रहीं और ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी नेता इमरती देवी ने आखिरकार मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा. इस मौके पर इमरती देवी ने कहा कि उन्होने अपने पद से इस्तीफा दिया है अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब चाहे तब इस्तीफा मंजूर करें. उन्हे पार्टी संगठन पर पूरा भरोसा है.

इमरती देवी ने छोड़ा मंत्री पद

उपचुनाव में सुरेश राजे से मिली थी हार

इमरती देवी शिवराज सरकार में महिला बाल विकास मंत्री थीं. हाल ही में 28 सीटों के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव में डबरा विधानसभा क्षेत्र से अपने ही रिश्‍तेदार सुरेश राजे से 7000 से अधिक वोटों से हार गईं थीं. इमरती देवी डबरा व‍िधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ रही थीं और यह मध्‍य प्रदेश की सबसे चर्चित सीट रही. इमरती को हराने वाले उनके ही समधी कांग्रेस के सुरेश राजे थे. चुनाव हारने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि आखिरकार इमरती देवी कब इस्तीफा देगीं. लेकिन उपचुनाव के नतीजों के 14 दिन बाद मंगलवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया.

ये भी पढ़ें : उपचुनाव में मिली हार के बाद शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों का इस्तीफा

ये तीन मंत्री हारे थे चुनाव

हाल ही में सम्पन्न 28 हुए विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्री चुनाव हार गए थे. चुनाव हारने वाले मंत्रियों में इमरती देवी, ऐंदल सिंह कंसाना और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज दंडोतिया शामिल थे.

पद नहीं छोड़ने पर खड़ा हो गया था सियासी बवाल

इमरती देवी के मंत्री पद पर बने रहने पर सियासी बवाल खड़ा हो गया था. इसे लेकर कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि 'जब तक उनके आका ज्योतिरादित्य सिंधिया इशारा नहीं करेंगे, तब तक इमरती पद पर बनी रहेंगी. इमरती देवी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि अभी उनके विभाग में कई बड़े टेंडर होने वाले हैं. इसलिए वो इस्तीफा नहीं दे रही.'

बीजेपी ने दिया था ये जवाब

कांग्रेस के जुबानी हमलों के जवाब में बीजेपी ने कहा था कि 'देश कांग्रेस के संविधान से नहीं बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान पर चलता है. शपथ लेने वाला मंत्री बिना निर्वाचित हुए 6 महीने तक पद पर रह सकता है. किसे मंत्री पद पर रखना है और किसे नहीं रखना है, इसका अधिकार सीएम के पास है.

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