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हाईकोर्ट ने बदला जिला न्यायालय का फैसला, छेड़छाड़ करने वाले आरोपियों को सुनाई तीन साल की सजा

हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने छेड़खानी करने वाले दो आरोपियों को 3-3 साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है. श्योपुर जिला न्यायालय द्वारा दोनों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया था.

High Court sentenced to three years for molesting accused
हाई कोर्ट ने पहली बार सुनाई आरोपियों को छेड़खानी में तीन साल की सजा
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Published : Feb 4, 2020, 8:41 PM IST

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने छेड़खानी और पॉस्को एक्ट की धाराओं में श्योपुर जिला न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करार दिए गए दोनों युवकों को 3-3 साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि छोटे अपराध में दोषी को सही सबक मिल जाता है तो वो बड़ा अपराध करने से बचता है. कोर्ट ने कहा कि शारीरिक यौन उत्पीड़न से ज्यादा व्यापक और अपमानजनक सड़क पर किया गया उत्पीड़न है.

हाई कोर्ट ने पहली बार सुनाई आरोपियों को छेड़खानी में तीन साल की सजा
श्योपुर जिले के कराहल तहसील में कोचिंग पढ़ने जाने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ संतोष शर्मा और धर्मेंद्र गौतम नामक युवक छेड़छाड़ करते थे. उसका पीछा करते थे, रास्ता रोकते थे और अश्लील हरकत करने से भी बाज नहीं आते थे. नाबालिग लड़की पर दोनों युवक शादी के लिए दबाव बना रहे थे. इससे लड़की परेशान हो गई. उसने दोनों के खिलाफ कराहल थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने पॉस्को एक्ट और छेड़खानी के मामले में चालान पेश किया था. कोर्ट में लड़की द्वारा दिए गए पर्याप्त साक्ष्य और बयान के बावजूद कोर्ट ने संतोष शर्मा और धर्मेंद्र गौतम को दोषमुक्त करार दिया था. लड़की का कहना था कि उसने अपने साथ हुए उत्पीड़न को अदालत के सामने रखा था. उसने पक्ष विरोधी वाली कोई बात भी नहीं की थी, बावजूद इसके दोनों को दोषमुक्त कर दिया गया. पीड़िता के वकील ने साक्ष्य और कोर्ट की प्रोसिडिंग हाई कोर्ट में अपनी अपील में बताई. जिस पर हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए दोनों आरोपियों को सजा सुनाई और उन पर अर्थदंड भी लगाया है.

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने छेड़खानी और पॉस्को एक्ट की धाराओं में श्योपुर जिला न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करार दिए गए दोनों युवकों को 3-3 साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि छोटे अपराध में दोषी को सही सबक मिल जाता है तो वो बड़ा अपराध करने से बचता है. कोर्ट ने कहा कि शारीरिक यौन उत्पीड़न से ज्यादा व्यापक और अपमानजनक सड़क पर किया गया उत्पीड़न है.

हाई कोर्ट ने पहली बार सुनाई आरोपियों को छेड़खानी में तीन साल की सजा
श्योपुर जिले के कराहल तहसील में कोचिंग पढ़ने जाने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ संतोष शर्मा और धर्मेंद्र गौतम नामक युवक छेड़छाड़ करते थे. उसका पीछा करते थे, रास्ता रोकते थे और अश्लील हरकत करने से भी बाज नहीं आते थे. नाबालिग लड़की पर दोनों युवक शादी के लिए दबाव बना रहे थे. इससे लड़की परेशान हो गई. उसने दोनों के खिलाफ कराहल थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने पॉस्को एक्ट और छेड़खानी के मामले में चालान पेश किया था. कोर्ट में लड़की द्वारा दिए गए पर्याप्त साक्ष्य और बयान के बावजूद कोर्ट ने संतोष शर्मा और धर्मेंद्र गौतम को दोषमुक्त करार दिया था. लड़की का कहना था कि उसने अपने साथ हुए उत्पीड़न को अदालत के सामने रखा था. उसने पक्ष विरोधी वाली कोई बात भी नहीं की थी, बावजूद इसके दोनों को दोषमुक्त कर दिया गया. पीड़िता के वकील ने साक्ष्य और कोर्ट की प्रोसिडिंग हाई कोर्ट में अपनी अपील में बताई. जिस पर हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए दोनों आरोपियों को सजा सुनाई और उन पर अर्थदंड भी लगाया है.
Intro: ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने छेड़खानी और पास्को एक्ट की धाराओं में श्योपुर जिला न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करार दिए गए दोनों युवकों को 3-3 साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि छोटे अपराध में दोषी को सही सबक मिल जाता है तो वह बड़ा अपराध करने से बचता है। कोर्ट ने कहा कि शारीरिक यौन उत्पीड़न से ज्यादा व्यापक और अपमानजनक सड़क पर किया गया उत्पीड़न है।


Body:दरअसल श्योपुर जिले के कराहल तहसील में कोचिंग पढ़ने जाने वाली एक नाबालिग छात्रा को संतोष शर्मा और धर्मेंद्र गौतम नामक युवक छेड़छाड़ करते थे। उसका पीछा करते थे ,रास्ता रोकते थे और अश्लील हरकत करने से भी बाज नहीं आते थे ।नाबालिक लड़की पर दोनों युवक शादी के लिए दबाव बना रहे थे ।इससे लड़की परेशान हो गई। उसने दोनों के खिलाफ कराहल थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पास्को एक्ट और छेड़खानी के मामले में चालान पेश कर दिया।


Conclusion:लेकिन कोर्ट में लड़की द्वारा दिए गए पर्याप्त साक्ष्य और बयान के बावजूद कोर्ट ने संतोष शर्मा और धर्मेंद्र गौतम को दोषमुक्त करार दिया। लड़की का कहना था कि उसने अपने साथ हुए उत्पीड़न को अदालत के सामने रखा था ।उसने पक्ष विरोधी वाली कोई बात भी नहीं की थी बावजूद उसके दोषमुक्त कर दिया गया। पीड़िता के वकील ने साक्ष्य और कोर्ट की प्रोसिडिंग हाईकोर्ट में अपनी अपील में बताई। जिस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए दोनों आरोपियों को सजा सुनाई और उन पर अर्थदंड भी लगाया।
बाइट पवन विजयवर्गीय... पीड़िता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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