ग्वालियर। कोरोना संक्रमण को लेकर बीते साल और इस साल की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य पीठ ने सरकार को कई आदेश जारी किए हैं. जिसमें कहा गया है कि, कोविड-19 के दौर में मरीजों को परेशान नहीं होना पड़े. डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर में मरीजों को जरूरी दवाएं, इंजेक्शन, ऑक्सीजन और पलंग की व्यवस्था सरकार सुनिश्चित करें. खास बात यह है कि इन पांच याचिकाओं में दो याचिकाएं ग्वालियर के अधिवक्ताओं ने लगाई थी.
- कोर्ट ने सरकार को दिया 50 पेज का आदेश
ग्वालियर के अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे और समाजसेवी डॉ. राखी शर्मा सहित तीन अन्य लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के नाम पर मरीजों के साथ निजी क्षेत्र के लोग लूट-खसोट कर रहे हैं. हजार रुपए में मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन 18 हजार रुपए में बेचा जा रहा है. इसके अलावा दवाओं और जांच के नाम पर भी मरीजों से ओवर चार्जिंग की जा रही है. इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सही देखरेख, दवाएं, इंजेक्शन ऑक्सीजन नहीं होने से भी मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. हाईकोर्ट ने इन सभी योजनाओं को मुख्य पीठ जबलपुर में सुना और उन्होंने 50 पेज का एक विस्तृत आदेश सरकार को दिया है.
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- अन्य मरीजों के लिए भी उचित व्यवस्था करें सरकार
हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को हर संभव चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है. उन्हें ऑक्सीजन बेड और इंजेक्शन के लिए नहीं भटकना पड़े. इस तरह की व्यवस्था की जाए. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इन दिनों जनरल ओपीडी बंद कर दी गई है और सिर्फ कोविड ओपीडी चालू रखी गई है. जिससे अन्य मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को चाहिए कि वह अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए भी उचित व्यवस्था कराए.