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ग्वालियर के ऐतिहासिक किले के आस-पास से हटाया जाएगा अतिक्रमण, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

ग्वालियर के ऐतिहासिक किले की तलहटी में अतिक्रमण को हटाने के लिए ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच ने आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने कलेक्टर, नगर-निगम के कमिश्नर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को यह अतिक्रमण हटवाने के निर्देश जारी किए हैं.

ग्वालियर हाईकोर्ट
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Published : Jun 13, 2019, 8:53 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने ग्वालियर के ऐतिहासिक किले की तलहटी में फैले अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने कलेक्टर, नगर-निगम कमिश्नर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह आदेश जारी किए हैं. इससे पहले 12 दिसंबर 2012 को भी इसी तरह के आदेश जारी किए थे लेकिन अतिक्रमण जस का तस बना हुआ है.

ग्वालियर के एतिहासिक किले की तलहटी से अतिक्रमण हटाया जाएगा
माता प्रसाद बरुआ ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि ऐतिहासिक किले की तलहटी में चारों ओर अतिक्रमण है. किले के उरवाई गेट पर एक निजी महाविद्यालय संचालित किया जा रहा है. इसके अलावा नगर निगम के कई अधिकारियों के बंगले किले के आसपास अवैध रूप से बनाए गए हैं. हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने पर्यटकों के लिए पानी, बिजली और अधिकृत गाइड रखने और गोपाचल पर्वत के आसपास के अतिक्रमण को हटाने की भी मांग याचिका में की थी. इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को जमीन के हस्तांतरण की मांग याचिका में की गई थी. हाईकोर्ट ने फरवरी 2017 में भी कलेक्टर और निगम प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के आदेश किए थे लेकिन उस आदेश का पालन नहीं हुआ था.हाईकोर्ट ने अपने पूर्व आदेश का पालन नहीं होने पर जिला प्रशासन के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर की है. भूमि के हस्तांतरण पर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन एएसआई को भी जांच सौंपने के आदेश जारी किए हैं. खास बात यह है कि एएसआई ने 178 बड़े अतिक्रमण की सूची पहले ही कोर्ट में सौंप रखी है. यह अतिक्रमण भी अभी तक नहीं हटाए गए हैं. हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर अतिक्रमणकारियों में हड़कंप की स्थिति बन गई है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने ग्वालियर के ऐतिहासिक किले की तलहटी में फैले अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने कलेक्टर, नगर-निगम कमिश्नर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह आदेश जारी किए हैं. इससे पहले 12 दिसंबर 2012 को भी इसी तरह के आदेश जारी किए थे लेकिन अतिक्रमण जस का तस बना हुआ है.

ग्वालियर के एतिहासिक किले की तलहटी से अतिक्रमण हटाया जाएगा
माता प्रसाद बरुआ ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि ऐतिहासिक किले की तलहटी में चारों ओर अतिक्रमण है. किले के उरवाई गेट पर एक निजी महाविद्यालय संचालित किया जा रहा है. इसके अलावा नगर निगम के कई अधिकारियों के बंगले किले के आसपास अवैध रूप से बनाए गए हैं. हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने पर्यटकों के लिए पानी, बिजली और अधिकृत गाइड रखने और गोपाचल पर्वत के आसपास के अतिक्रमण को हटाने की भी मांग याचिका में की थी. इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को जमीन के हस्तांतरण की मांग याचिका में की गई थी. हाईकोर्ट ने फरवरी 2017 में भी कलेक्टर और निगम प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के आदेश किए थे लेकिन उस आदेश का पालन नहीं हुआ था.हाईकोर्ट ने अपने पूर्व आदेश का पालन नहीं होने पर जिला प्रशासन के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर की है. भूमि के हस्तांतरण पर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन एएसआई को भी जांच सौंपने के आदेश जारी किए हैं. खास बात यह है कि एएसआई ने 178 बड़े अतिक्रमण की सूची पहले ही कोर्ट में सौंप रखी है. यह अतिक्रमण भी अभी तक नहीं हटाए गए हैं. हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर अतिक्रमणकारियों में हड़कंप की स्थिति बन गई है.
Intro:ग्वालियर
हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने एक बार फिर ऐतिहासिक किला तलहटी के चारों ओर फैले अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने कलेक्टर नगर निगम कमिश्नर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह आदेश जारी किए हैं। इससे पहले 12 दिसंबर 2012 को भी इसी तरह के आदेश जारी किए थे लेकिन अतिक्रमण जस के तस हैं।


Body:दरअसल माता प्रसाद बरुआ ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि ऐतिहासिक किला तलहटी में चारों ओर अतिक्रमण है किले के उरवाई गेट पर एक निजी महा विद्यालय संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा नगर निगम के कई अधिकारियों के बंगले किले के आसपास अवैध रूप से बनाए गए हैं ।हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने पर्यटकों के के लिए पानी बिजली और अधिकृत गाइड रखने और गोपाचल पर्वत के आसपास के अतिक्रमण को हटाने की भी याचिका में मांग की थी। इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को जमीन के हस्तांतरण की मांग याचिका में की गई थी। हाईकोर्ट ने फरवरी 2017 में भी कलेक्टर और निगम प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के आदेश किए थे लेकिन उस आदेश का पालन नहीं हुआ है।


Conclusion:हाईकोर्ट ने अपने पूर्व आदेश का पालन नहीं होने पर जिला प्रशासन के खिलाफ नाराजगी का इजहार किया है। भूमि के हस्तांतरण को लेकर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को एएसआई को सौंपने के भी आदेश जारी किए हैं। खास बात यह है कि एएसआई ने 178 बड़े अतिक्रमण की सूची पहले ही कोर्ट में सौंप रखी है। यह अतिक्रमण भी अभी तक नहीं हटाए गए हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर अतिक्रमणकारियों में हड़कंप की स्थिति है।
बाइट पवन विजयवर्गीय... याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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