ग्वालियर। एक हजार बिस्तरों वाले नवनिर्मित अस्पताल और पुराने जयारोग्य अस्पताल को अब अंडर ब्रिज के जरिए जोड़ा जाएगा. इससे मरीज और उनके अभिभावकों के अलावा डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को लंबा चक्कर लगाकर आने की प्रवृत्ति से उन्हें छुटकारा मिलेगा. वहीं पुराने जयारोग्य अस्पताल और ग्वालियर पॉटरीज के बीच से निकले सड़क मार्ग को बंद करने की अटकलें पर भी विराम लग गया है. दरअसल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को इस अंडर ब्रिज की जरूरत को लेकर उनका ध्यान आकर्षित कराया था.
अब मरीज और डॉक्टरों को नहीं लगाना होगा लंबा चक्कर: केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद अब यहां लगभग 20 करोड़ की लागत से अंडर ब्रिज बनाया जाएगा. इससे मरीजों को आधे किलोमीटर से ज्यादा का लंबा चक्कर लगाने से बचाव हो जाएगा. गौरतलब है कि जयारोग्य अस्पताल के पुराने भवन में अभी भी कार्डियोलॉजी न्यूरोलॉजी सहित महिला एवं बाल चिकित्सालय मौजूद हैं. दोनों अस्पतालों को जोड़ने के लिए सिर्फ सड़क थी. जिसके कारण यातायात रोकना संभव नहीं था. अस्पताल के स्टाफ डॉक्टर मरीज के अलावा मेडिकल सामग्री आदि को लाने ले जाने में काफी कठिनाइयां उठानी पड़ती थी. रविवार को यहां मीडिया से बात करते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर ने कहा कि "ग्वालियर क्षेत्र में पेयजल की समस्या के स्थाई निदान के लिए 376 करोड़ की लागत से चंबल जल आपूर्ति योजना का शिलान्यास किया गया है.
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को दिया अंतिम रूप: चंबल नदी के लगभग 90 एम एल डी एवं कोतवार डैम के 60 एम एल डी पानी को ग्वालियर के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने की योजना को अंतिम रुप दिया गया है. उन्होंने कहा कि स्वर्ण रेखा नदी के किनारे फोरलेन एलिवेटेड रोड के द्वितीय चरण में महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा स्थल फुलबाग से गिरवाई. पुलिस चौकी तक एलिवेटेड रोड फोर लाइन का निर्माण कार्य 926 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. यह लगभग 7:50 किलोमीटर लंबा है. साथ ही माधवराव सिंधिया वृहद सिंचाई परियोजना के शिलान्यास कार्यक्रम को शिवपुरी जिले के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है. इससे करीब 31250 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी.