ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय नकल के लिए हमेशा से बदनाम रहा है और यह बदनामी का कलंक मिटने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में अभी हाल में ही जीवाजी विश्वविद्यालय के द्वारा परीक्षा आयोजित हुई थी, जिसमें 250 से अधिक नकलची पकड़े गए हैं. यह सभी नकलची ग्वालियर चंबल संभाग के अलग-अलग कॉलेजों में फ्लाइंग स्कॉट के द्वारा पकड़े गए हैं. बता दें कि अभी हाल में ही जीवाजी विश्वविद्यालय को ए प्लस प्लस का दर्जा भी हासिल हुआ है, लेकिन जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों में नकल का मामला कम नहीं हो रहा है.
जानकारी के अनुसार अभी हाल में ही जीवाजी विश्वविद्यालय के द्वारा बीए, बीएससी और बीकॉम की परीक्षा आयोजित हुई थी. इन परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय में अलग-अलग टीमें तैनात की थी. इन टीमों में अब की बार खुद जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति फ्लाइंग स्कॉट के साथ अलग-अलग जिलों में चेकिंग के लिए गए थे. इसमें खुद कुलपति ने नकल करते हुए कई कॉलेजों के 250 से अधिक नकलची छात्रों को पकड़ा है.
कॉलेज व जीवाजी विवि की सांठगांठ से हो रही नकलः ग्वालियर चंबल अंचल में मुरैना, भिंड, दतिया ऐसी जगह हैं जहां पर धड़ल्ले से नकल की जाती है. इन जिलों में कॉलेज व जीवाजी विश्वविद्यालय से सांठ-गांठ करके धड़ल्ले से नकल करवाते हैं. सबसे खास बात यह है कि अंचल के कॉलेजों पर छात्रों को पास कराने की भी जिम्मेदारी रहती है. यही कारण है कि अंचल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान से भी छात्र यहां पर ग्रेजुएशन करने के लिए कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं और उसके बाद वह सिर्फ परीक्षा देने के लिए यहां कॉलेजों में आते हैं और उसके बाद नकल से डिग्री हासिल कर चले जाते हैं.
जीवाजी विश्वविद्यालय से जुड़ी खबरें... |
कुलपति ने 250 से अधिक पकड़े नकलचीः इस मामले को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के पीआरओ विमलेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि जीवाजी विश्वविद्यालय नकल रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि अंचल में जो कॉलेज हैं उनसे परीक्षा में नकल करवाने में शिकायत मिलती थी. इस पर अब की बार खुद स्वयं जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी फ्लाइंग स्कॉट के साथ गए थे और नकल करते हुए 250 से अधिक नकलची छात्रों को पकड़ा था, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.