ग्वालियर। इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस से शहर में लोग डरे हुए हैं. डॉक्टर अभी इसे वायरल ब्रोंकियोलाइट्स नाम दे रहे हैं, जिसने खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर बहुत कहर बरपाया है. खास बात यह है कि जिन मरीजों को वायरल हो रहा है और उनमें कोरोना जैसे लक्षण हैं. वे डरे हुए हैं. हालांकि वे कोरोना की जांच कराने से भी डर रहे हैं. H3-N2 वायरस से मिलते जुलते मरीज ग्वालियर में काफी संख्या में मिल रहे हैं. यही हाल पूरे ग्वालियर-चंबल अंचल में है.
मरीजों की संख्या 4 गुना से ज्यादा : ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में जुकाम, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या लगभग 4 गुनी पहुंच गई है. जो मरीज अस्पताल में दिखाने के लिए आ रहे हैं, उनमें इस वायरस से मिलते-जुलते लक्षण दिखाई दे रहे हैं.जयारोग्य अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि इस समय अस्पताल में सबसे अधिक मरीजों की संख्या उन लोगों की है, जिनको सर्दी, जुकाम खांसी और बुखार है. ऐसे मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे मरीजों की जांच की जा रही है, ताकि इन्फ्लूएंजा वायरस पुष्टि हो सके. लेकिन उनका कहना है कि अभी तक इस इस वायरस का कोई मरीज सामने नहीं आया.
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ठीक होने में लग रहे 15 से 20 दिन : मरीजों की शिकायत है कि ठीक होने में लगभग 15 से 20 दिन तक लग रहे हैं. अंचल में बुजुर्ग और युवा लोगों के साथ यह वायरल अब बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है. जीआर मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभाग के एचओडी और जयारोग्य चिकित्सा समूह के अधीक्षक रहे डॉ.अशोक मिश्रा का कहना है कि बदलता मौसम वायरस के लिए सबसे माकूल होता है. पीडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.अजय गौड़ का कहना है कि इस समय वायरल का प्रकोप बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है. सभी को एडजस्ट कर समुचित इलाज किया जा रहा है. वहीं, कमलाराजा हॉस्पीटल के पीडियाट्रिक आईसीयू में 50 बच्चे भर्ती हैं. गजराजा मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजिकल लैब के नोडल अधिकारी डॉ.वैभव मिश्रा का कहना है कि उन्होंने एच3एन2 वायरस की जांच के लिए किट के ऑर्डर जारी कर दिए हैं. यही बात डीन डॉ.अक्षय निगम ने कही.