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स्वर्णरेखा नदी के जीर्णोद्धार और सफाई को लेकर HC सख्त, निगम कमिश्नर और DFO को लगाई फटकार

Gwalior High Court News: हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने स्वर्ण रेखा नदी के बदहाल स्थिति को लेकर नगर निगम कमिश्नर और डीएफओ को फटकार लगाई है.

Gwalior High Court News
स्वर्णरेखा नदी के जीर्णोद्धार पर हाईकोर्ट सख्त
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 11, 2024, 5:36 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 5:41 PM IST

स्वर्णरेखा नदी के जीर्णोद्धार पर हाईकोर्ट सख्त

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शहर के बीचों-बीच से बहने वाली स्वर्णरेखा नदी जो अब नाले में तब्दील हो चुकी है. उसके जीर्णोद्धार और सफाई को लेकर एक बार फिर निगम प्रशासन के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी जताई है. साथ ही कमिश्नर हर्ष सिंह को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह स्वर्णरेखा नदी को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए कहानी नहीं सुनाएं, बल्कि एक ठोस प्लानिंग बताएं. कोर्ट ने निगम कमिश्नर के अलावा डीएफओ अंकित पांडे के प्रति भी अपनी नाराजगी जाहिर की.

वन विभाग से भी प्लान तलब

उन्होंने कहा कि स्वर्ण रेखा नदी के आसपास उसके संरक्षण और हरियाली के आदेश की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के बजाय वह सफाई दे रहे हैं. वन विभाग से भी हाईकोर्ट ने स्वर्ण रेखा नदी के आसपास हरियाली के संरक्षण का प्लान तलब किया है. एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने स्वर्णरेखा और सफाई को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने वहां मौजूद निगम कमिश्नर हर्ष सिंह से नाराजगी जताई है. जीर्णोद्धार को लेकर किए जा रहे प्रयासों की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट ने तलब की थी, लेकिन ग्वालियर नगर निगम ने स्वर्णरेखा नदी के वापस मूल स्वरूप में लाने की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने की बजाय हाईकोर्ट में स्वर्णरेखा नदी की सीवेज प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश कर दी.

Swarnarekha River
स्वर्णरेखा नदी

डीएफओ को लगाई फटकार

नगर निगम ने हाई कोर्ट में बताया कि स्वर्ण रेखा नदी को नमामि गंगे प्रोजेक्ट में शामिल करने प्रस्ताव शासन को भेजा है. इसके अलावा वन विभाग के डीएफओ को भी स्वर्ण रेखा नदी के आसपास पेड़ पौध लगाने के निर्देश पर अमल न करने को लेकर वन विभाग के डीएफओ अंकित पांडे को भी फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने वन विभाग के अधिकारियों को कहा है आप कुछ भी करिए लेकिन स्वर्ण रेखा नदी के आसपास उसका संरक्षण करिए एक विस्तृत प्लान बनाकर वहां वृक्षारोपण करिए. हाई कोर्ट के इस आदेश को नगर निगम की तरह वन विभाग ने भी हवा में उड़ा दिया. इस पिटीशन पर लगातार हाई कोर्ट संज्ञान लिए हुए है. इस मुद्दे पर हाईकोर्ट ने नगर निगम से स्वर्णरेखा का विस्तृत प्लान मांगा था. जिसमें नगर निगम द्वारा बताया जाना था कि क्या-क्या काम करके स्वर्ण रेखा नदी का जीर्णोद्धार किया जाएगा. उसमें साफ पानी कैसे बहाया जाएगा.

यहां पढ़ें...

स्वर्णरेखा नदी के जीर्णोद्धार पर हाईकोर्ट सख्त

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शहर के बीचों-बीच से बहने वाली स्वर्णरेखा नदी जो अब नाले में तब्दील हो चुकी है. उसके जीर्णोद्धार और सफाई को लेकर एक बार फिर निगम प्रशासन के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी जताई है. साथ ही कमिश्नर हर्ष सिंह को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह स्वर्णरेखा नदी को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए कहानी नहीं सुनाएं, बल्कि एक ठोस प्लानिंग बताएं. कोर्ट ने निगम कमिश्नर के अलावा डीएफओ अंकित पांडे के प्रति भी अपनी नाराजगी जाहिर की.

वन विभाग से भी प्लान तलब

उन्होंने कहा कि स्वर्ण रेखा नदी के आसपास उसके संरक्षण और हरियाली के आदेश की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के बजाय वह सफाई दे रहे हैं. वन विभाग से भी हाईकोर्ट ने स्वर्ण रेखा नदी के आसपास हरियाली के संरक्षण का प्लान तलब किया है. एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने स्वर्णरेखा और सफाई को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने वहां मौजूद निगम कमिश्नर हर्ष सिंह से नाराजगी जताई है. जीर्णोद्धार को लेकर किए जा रहे प्रयासों की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट ने तलब की थी, लेकिन ग्वालियर नगर निगम ने स्वर्णरेखा नदी के वापस मूल स्वरूप में लाने की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने की बजाय हाईकोर्ट में स्वर्णरेखा नदी की सीवेज प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश कर दी.

Swarnarekha River
स्वर्णरेखा नदी

डीएफओ को लगाई फटकार

नगर निगम ने हाई कोर्ट में बताया कि स्वर्ण रेखा नदी को नमामि गंगे प्रोजेक्ट में शामिल करने प्रस्ताव शासन को भेजा है. इसके अलावा वन विभाग के डीएफओ को भी स्वर्ण रेखा नदी के आसपास पेड़ पौध लगाने के निर्देश पर अमल न करने को लेकर वन विभाग के डीएफओ अंकित पांडे को भी फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने वन विभाग के अधिकारियों को कहा है आप कुछ भी करिए लेकिन स्वर्ण रेखा नदी के आसपास उसका संरक्षण करिए एक विस्तृत प्लान बनाकर वहां वृक्षारोपण करिए. हाई कोर्ट के इस आदेश को नगर निगम की तरह वन विभाग ने भी हवा में उड़ा दिया. इस पिटीशन पर लगातार हाई कोर्ट संज्ञान लिए हुए है. इस मुद्दे पर हाईकोर्ट ने नगर निगम से स्वर्णरेखा का विस्तृत प्लान मांगा था. जिसमें नगर निगम द्वारा बताया जाना था कि क्या-क्या काम करके स्वर्ण रेखा नदी का जीर्णोद्धार किया जाएगा. उसमें साफ पानी कैसे बहाया जाएगा.

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Last Updated : Jan 11, 2024, 5:41 PM IST
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