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महिला मजदूर हाउसिंग प्लाट धोखाधड़ी मामला: हाईकोर्ट ने FIR में देरी पर किया जवाब तलब - women laborer housing plot fraud case

हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच ने महिला मजदूर के प्लाट के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में 10 थाना प्रभारी रहे पुलिस अफसरों को नोटिस जारी किया है. मामले में FIR दर्ज करने में देरी और जांच रिपोर्ट पेश नहीं करने को लेकर एक सप्ताह में जवाब मांगा है.

महिला मजदूर हाउसिंग प्लाट धोखाधड़ी मामले पर हाईकोर्ट सख्त
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Published : Sep 25, 2019, 9:12 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच ने महिला मजदूर के प्लाट के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में 10 थाना प्रभारी रहे पुलिस अफसरों को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में पुलिस अफसरों से ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद भी मामले में FIR दर्ज करने में देरी और जांच रिपोर्ट पेश नहीं करने को लेकर जवाब मांगा है. जिसकी सुनवाई अगले हफ्ते होगी.

महिला मजदूर हाउसिंग प्लाट धोखाधड़ी मामले पर हाईकोर्ट सख्त

मजदूर महिला कमलाबाई हाउसिंग बोर्ड में मिले प्लाट को 2002 में हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारी अतर सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके एयरफोर्स के कर्मचारी को बेच दिया था. इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस थाने में की. वहां कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने 2010 में परिवाद दायर किया, जिस पर कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे.

मामले में 26 जुलाई 2019 को FIR दर्ज की गई. इस पर ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी की साथ ही 5 सालों में जांच रिपोर्ट भी पेश नहीं की गई, जिसको गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पदस्थ रहे अधिकारियों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब तलब किया है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच ने महिला मजदूर के प्लाट के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में 10 थाना प्रभारी रहे पुलिस अफसरों को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में पुलिस अफसरों से ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद भी मामले में FIR दर्ज करने में देरी और जांच रिपोर्ट पेश नहीं करने को लेकर जवाब मांगा है. जिसकी सुनवाई अगले हफ्ते होगी.

महिला मजदूर हाउसिंग प्लाट धोखाधड़ी मामले पर हाईकोर्ट सख्त

मजदूर महिला कमलाबाई हाउसिंग बोर्ड में मिले प्लाट को 2002 में हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारी अतर सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके एयरफोर्स के कर्मचारी को बेच दिया था. इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस थाने में की. वहां कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने 2010 में परिवाद दायर किया, जिस पर कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे.

मामले में 26 जुलाई 2019 को FIR दर्ज की गई. इस पर ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी की साथ ही 5 सालों में जांच रिपोर्ट भी पेश नहीं की गई, जिसको गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पदस्थ रहे अधिकारियों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब तलब किया है.

Intro:ग्वालियर
हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने 10 थाना प्रभारी रहे पुलिस अफसरों को नोटिस जारी कर पूछा है कि उन्होंने एक महिला मजदूर के प्लाट के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद भी एफ आई आर दर्ज करने में देरी क्यों की और जांच रिपोर्ट भी पेश नहीं की अगले सप्ताह इस मामले को सुनवाई के लिए दोबारा नियत किया गया है। इन निरीक्षकों में से कई ग्वालियर में फिलहाल पदस्थ हैं तो कई बार स्थानांतरित होकर चले गए हैं।


Body:दरअसल बीड़ी मजदूर महिला कमलाबाई शाक्य ने 1996 में हाउसिंग बोर्ड में एक प्लाट के लिए आवेदन किया था। कुछ समय बाद बोर्ड ने उन्हें एक प्लाट दे भी दिया। 2002 में उन्हें पता चला कि प्लाट को हाउसिंग बोर्ड कई कर्मचारी अतर सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके एयर फोर्स मे कार्यरत कर्मचारी खुमान सिंह को बेच दिया था। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस थाने में की कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने 2010 में परिवाद दायर किया। जिस पर कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज करने के आदेश दिए थे ।26 जुलाई 2019 को एफ आई आर दर्ज की गई। इस पर कोर्ट ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस एफ आई आर दर्ज करने में देरी क्यों की और 5 सालों में जांच रिपोर्ट भी पेश नहीं की।


Conclusion:हाईकोर्ट ने महाराजपुरा थाने में पदस्थ रहे जनवेद सिंह अजय सिंह दीपक यादव अरुण सोलंकी अजीत चौहान इंदर सिंह चौहान अनीता मिश्रा वाईएस तोमर राजेंद्र बर्मन और मनोज कुमार झा नमक इस्पेक्टर्स को नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में जवाब तलब किया है। अब इस मामले को अगले सप्ताह सुनवाई में दोबारा नियत किया गयाहै।
बाइट पवन रघुवंशी... शासकीय अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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