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पौधे लगाने में आ रही थी दिक्कत, हाईकोर्ट ने बदली बेल की शर्त

हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा पिछले डेढ़ साल में करीब 2,000 से ज्यादा पेड़ लगाने की शर्त पर जेल में बंद लोगों को जमानत पर रिहा किया गया है लेकिन लोगों को पौधा लगाने में पसीनाआ रहा है, क्योंकि लोगों के पास 100 पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं है.

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंड पीठ
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Published : Jul 10, 2019, 12:46 AM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अब तक कई आरोपियों को पौधे लगाने की शर्त पर जमानत दी है, लेकिन लोगों को पौधा लगाने में पसीना आ रहा है, क्योंकि लोगों के पास 100 पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं है. इसके अलावा 100 पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाना, जिसके लिए उनके पास पैसा भी नहीं है, अब हाईकोर्ट ने पौधों की संख्या कम की है. लोगों को पेड़ लगाने के लिए वन विभाग की मदद लेने को कहा जा रहा है.

पौधे लगाने में आ रही थी दिक्कत, हाईकोर्ट ने बदली बेल की शर्त


हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा पिछले डेढ़ साल में करीब 2,000 से ज्यादा पेड़ लगाने की शर्त पर जेल में बंद लोगों को जमानत पर रिहा किया गया है. लोगों को पेड़ लगाने के बाद उन्हें ट्री गार्ड से कवर कर सरकारी वकीलों से मानिटरिंग कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन ऐसे बेहद कम मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने कोर्ट के निर्देश के मुताबिक पौधारोपण किया है.


लोगों को पौधे लगाने के लिए जगह मुहैया नहीं हो पा रही है. एक ट्री गार्ड की कीमत 600 रुपये है. ऐसे में सौ पेड़ों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. कुछ मामलों में घटनास्थल पर ही पेड़ लगाने के आदेश दिए गए हैं. यदि घटनास्थल सैकड़ों किलोमीटर दूर है तो वहां आरोपी के जाने से विवाद की स्थिति बन सकती है और पौधों की नियमित देखभाल भी नहीं हो सकती है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अब तक कई आरोपियों को पौधे लगाने की शर्त पर जमानत दी है, लेकिन लोगों को पौधा लगाने में पसीना आ रहा है, क्योंकि लोगों के पास 100 पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं है. इसके अलावा 100 पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाना, जिसके लिए उनके पास पैसा भी नहीं है, अब हाईकोर्ट ने पौधों की संख्या कम की है. लोगों को पेड़ लगाने के लिए वन विभाग की मदद लेने को कहा जा रहा है.

पौधे लगाने में आ रही थी दिक्कत, हाईकोर्ट ने बदली बेल की शर्त


हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा पिछले डेढ़ साल में करीब 2,000 से ज्यादा पेड़ लगाने की शर्त पर जेल में बंद लोगों को जमानत पर रिहा किया गया है. लोगों को पेड़ लगाने के बाद उन्हें ट्री गार्ड से कवर कर सरकारी वकीलों से मानिटरिंग कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन ऐसे बेहद कम मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने कोर्ट के निर्देश के मुताबिक पौधारोपण किया है.


लोगों को पौधे लगाने के लिए जगह मुहैया नहीं हो पा रही है. एक ट्री गार्ड की कीमत 600 रुपये है. ऐसे में सौ पेड़ों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. कुछ मामलों में घटनास्थल पर ही पेड़ लगाने के आदेश दिए गए हैं. यदि घटनास्थल सैकड़ों किलोमीटर दूर है तो वहां आरोपी के जाने से विवाद की स्थिति बन सकती है और पौधों की नियमित देखभाल भी नहीं हो सकती है.

Intro:ग्वालियर
हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने बिगड़ते पर्यावरण असंतुलन को लेकर अब तक कई आरोपियों को पेड़ लगाने की शर्त पर जमानत दी है लेकिन यह पेड़ लगाने में जमानत पाने वाले लोगों को पसीना आ रहा है क्योंकि लोगों के पास अपनी इतनी जमीन ही नहीं है दूसरा 100 पेड़ लगाने के लिए ट्री गार्ड लगाना किसी बड़े आर्थिक बोझ से कम नहीं है इसलिए अब हाईकोर्ट ने पेड़ों की संख्या कम की है वही लोगों को पेड़ लगाने के लिए वन विभाग की मदद लेने को कहा जा रहा है।


Body:हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा पिछले डेढ़ साल में करीब 2,000 से ज्यादा पेड़ लगाने की शर्त पर विभिन्न धाराओं में जेल में बंद लोगों को जमानत का लाभ दिया है ।लोगों को पेड़ लगाकर उन्हें ट्री गार्ड से कवर करके तथा सरकारी वकीलों से उनकी मानिटरिंग कराने के निर्देश दिए गए थे लेकिन ऐसे बेहद कम मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने कोर्ट की इच्छा के अनुरूप पौधारोपण किया है। सबसे पहले तो लोगों को जगह ही मुहैया नहीं हो पा रही है फिर एक ट्री गार्ड करीब ₹600 कीमत का है इससे सौ पेड़ों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है वही कुछ मामलों में घटनास्थल पर ही पेड़ लगाने के आदेश दिए गए हैं यदि घटनास्थल सैकड़ों किलोमीटर दूर है तो वहां आरोपी के जाने से विवाद की स्थिति बन सकती है। और वहां पौधों की नियमित देखभाल भी नहीं हो सकती है।


Conclusion:इसके अलावा लोग पेड़ और ट्री गार्ड खरीदने में भी अपने को अक्षम पा रहे हैं इसलिए हाईकोर्ट ने पिछले दिनों अपने एक आदेश में 100 पेड़ की जगह 50 पेड़ और 50 पेड़ की जगह 25 पर लगाने के निर्देश दिए हैं। ट्री गार्ड और पौधों के लिए आरोपियों को वन विभाग की मदद लेने की सलाह दी गई है ताकि वे इस सकारात्मक पहल में व्यक्तिगत परेशानी को रोड़ा नहीं बनने दे ।
बाइट अंशु गुप्ता... आरोपी के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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