ग्वालियर। जिले में गुर्जर समाज के महाकुंभ के बाद हुए उपद्रव के मामले में गुर्जर समाज के लोगों पर हुई FIR और उनकी गिरफ्तारी के विरोध में दूसरे प्रदेशों से अलग-अलग संगठन के नेताओं ने 12 अक्टूबर को ग्वालियर में जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया है. हालांकि गुर्जर समाज के कई स्थानीय संगठनों ने इस प्रदर्शन से खुद को अलग बताया है. फिर भी पुलिस और प्रशासनिक अफसर अलर्ट हैं. ADGP श्रीनिवास राव का कहना है कि ''प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लग चुकी है और किसी भी प्रकार के जुलूस आंदोलन और सभा रैली पर भी बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में आचार संहिता का पूरी कड़ाई से पालन कराया जाएगा.
25 सितंबर को गुर्जरों ने किया था उपद्रव: ग्वालियर के फूलबाग मैदान में 25 सितंबर को गुर्जर महापंचायत में इकठ्ठे हुए लोगों ने कलेक्ट्रेट पर जमकर उपद्रव किया था. पुलिस ने जब रोका तो वे हमलावर हो गए और अफसरों की गाड़ियां फोड़ीं. घटना के बाद कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसमें कुछ ऐसे आरोपी भी हैं, जिन्होंने उपद्रव को हवा दी और बाहर से उपद्रवी बुलाये. इस उपद्रव को करवाने वाले कई आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं, इन पर इनाम घोषित किए गए हैं. इस बीच अब पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए 12 अक्टूबर को जेल भरो आंदोलन का आव्हान किया गया है.
12 अक्टूबर को जेल भरो आंदोलन: इसके साथ ही भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर, गुर्जर समाज के नेता रविंद्र भाटी के नाम से फेसबुक व अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर 12 अक्टूबर को मेला मैदान में इकठ्ठे होने से जुड़ी पोस्ट की गई थी. ऐसे में पुलिस और प्रशासनिक अफसर तैयारी में हैं. इसे लेकर अभी से ऐसे लोगों को क्लोज सर्विलांस में रखा गया है, जो इसमें शामिल होंगे. इसमें कितने लोग शामिल हो सकते हैं, इसे लेकर भी पड़ताल चल रही है.
आचार संहिता का किया जाएगा पालन: एडीजीपी श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि ''12 अक्टूबर को कुछ संगठनों द्वारा आंदोलन का ऐलान किया गया है लेकिन मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तिथि की घोषणा कर दी गई है. साथ ही सभी जुलूस आंदोलन रैली पर भी बिना अनुमति रोक लगा दी गई है. ऐसे में आचार संहिता का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. मैं अपील करता हूं कि सभी लोग कानून का पालन करें और शांति बनाए रखें.''