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मध्य प्रदेश की स्वच्छता रैंकिंग में भी फिसड्डी साबित हुआ ग्वालियर, मिली 14वीं रैकिंग

मध्य प्रदेश की स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग भी आ गई है. इसमें भी ग्वालियर एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ है. मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय में ग्वालियर को 14वां स्थान मिला है.

प्रदेश में ग्वालियर को मिली 14वीं रैकिंग
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Published : Oct 17, 2019, 2:07 PM IST

ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद अब मध्य प्रदेश की स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग भी आ गई है. इसमें भी ग्वालियर एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ है. मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय में ग्वालियर को 14वां स्थान मिला है. इससे पहले राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर शहर को 59वें पायदान पर रखा गया था.

ये रैकिंग शहर में कचरा कलेक्शन और उसके निस्तारण, स्मार्ट सिटी योजना के तहत चल रहे कामकाज, अमृत योजना के तहत सीवर और सड़कों की हालत और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी मूलभूत योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर दी गई है.

प्रदेश में ग्वालियर को मिली 14वीं रैकिंग

ग्वालियर में स्मार्ट सिटी और नगर निगम के प्रोजेक्टों में भले ही एक साल में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हों, लेकिन शहर की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. जिन इलाकों में अमृत योजना के तहत करोड़ों की खुदाई की गई, उन्हें वापस ठीक नहीं किया गया. शहर के 66 में से मात्र 40 वार्डों में कचरा कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है. बारिश के पहले ही सीवर की सफाई की बात की गई थी, लेकिन बारिश में शहर की कई बस्तियां जलमग्न हो गई थीं.

ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद अब मध्य प्रदेश की स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग भी आ गई है. इसमें भी ग्वालियर एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ है. मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय में ग्वालियर को 14वां स्थान मिला है. इससे पहले राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर शहर को 59वें पायदान पर रखा गया था.

ये रैकिंग शहर में कचरा कलेक्शन और उसके निस्तारण, स्मार्ट सिटी योजना के तहत चल रहे कामकाज, अमृत योजना के तहत सीवर और सड़कों की हालत और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी मूलभूत योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर दी गई है.

प्रदेश में ग्वालियर को मिली 14वीं रैकिंग

ग्वालियर में स्मार्ट सिटी और नगर निगम के प्रोजेक्टों में भले ही एक साल में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हों, लेकिन शहर की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. जिन इलाकों में अमृत योजना के तहत करोड़ों की खुदाई की गई, उन्हें वापस ठीक नहीं किया गया. शहर के 66 में से मात्र 40 वार्डों में कचरा कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है. बारिश के पहले ही सीवर की सफाई की बात की गई थी, लेकिन बारिश में शहर की कई बस्तियां जलमग्न हो गई थीं.

Intro:ग्वालियर- राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद अब मध्य प्रदेश की स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग भी आ गई है इसमें भी ग्वालियर एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ है।मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय में ग्वालियर को 14वां स्थान मिला है इससे पहले राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर शहर को 59वें पायदान पर रखा गया था। यह सर्वेक्षण शहर में कचरा कलेक्शन और उसके निस्तारण स्मार्ट सिटी योजना के तहत चल रहे कामकाज अमृत योजना के तहत सीवर व सड़कों की हालत और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी मूलभूत योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर दी गई है।


Body:ग्वालियर में स्मार्ट सिटी और नगर निगम के प्रोजेक्टों में भले ही एक साल में करोड़ों रुपए खर्च हो रही हो। लेकिन सह की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। जिन इलाकों में भी अमृत योजना के तहत और रोड़ों की खुदाई की गई उन्हें वापस ठीक नहीं किया गया। शहर के 66 में से मात्र 40 वार्डों में कचरा कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है। बारिश के पहली ही सीवर की सफाई की बात की गई हो लेकिन बारिश में शहर की कई बस्तियां जलमग्न हो गई थी। शहर की इस बदहाल व्यवस्था का जायजा लिया हमारे संवाददाता अनिल गौर ने .....


Conclusion:WT - अनिल गौर
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