ग्वालियर। शहर के गांधी प्राणी उद्यान में बेहद अनोखा और अद्भुत नजारा बुधवार को दिखाई दिया. यहां करीब एक महीने बाद नन्हें शावकों को शेरनी परी अपने मुंह में दबाकर पिंजरे से बाहर लेकर निकली. शेरनी परी बारी-बारी से अपने शावकों को पिंजरे से बाहर लेकर आती रही. इस नजारे को जिसने भी देखा वह उन्हें देखता ही रह गया. शेरनी परी ने जिन तीन ने शावकों को जन्म दिया है उनमें दो नर और एक मादा है. चिड़ियाघर प्रबंधन अब जल्द ही इन नन्हे शावकों का नामकरण भी करेगा.
30 दिन तक आइसोलेशन में थे शावक: दरअसल ग्वालियर की गांधी प्राणी उद्यान में एक महीने पहले शेरनी परी ने 3 नन्हे शावकों को जन्म दिया था. चिड़ियाघर प्रबंधन ने इनकी देखभाल के लिए इन्हें शेरनी के साथ 30 दिन तक पिंजरे में ही आइसोलेशन में रखा था. बुधवार को जब 30 दिन की अवधि पूरी हुई और शावक पूरी तरह स्वस्थ होकर पिजरे में अठखेलियां करने लगे तो चिड़ियाघर प्रबंधन ने उन्हें लोगों के दीदार के लिए शेरनी के साथ पिंजरे से बाहर निकाला.
नगर निगम आयुक्त ने भी किये शावकों के दीदार: शेरनी परी अपने शावकों के साथ अठखेलियां करती नजर आई. यह सब देखने के लिए कई स्कूली बच्चे भी वहां पहुंचे थे,आगरा से आए कुछ स्कूली बच्चे इस नजारे को देखकर बेहद खुश हुए. इस दौरान ग्वालियर नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल भी नन्हे मेहमानों के पिंजरे से बाहर आने पर उन्हें देखने के लिए चिड़िया घर पहुंचे. उन्होंने खुश होकर बच्चों को टॉफियां बांटी. स्कूली बच्चों ने कहा कि ऐसा दुर्लभ नजारा उन्होंने पहली बार देखा है, कई बच्चों ने तो पहली बार आंखों से लॉयन प्रजाति के दीदार किए हैं.
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प्रतियोगिता आयोजित कर होगा नामांकरण: ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त किशोर कन्याल ने कहा यह बेहद खुशी की बात है कि ग्वालियर में लॉयन प्रजाति का कुनबा बढ़ रहा है. तीन दशक बाद ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान में लॉयन की ब्रीडिंग हुई है, अब इनकी संख्या बढ़कर 8 हो गई है. अब ग्वालियर के इस चिड़ियाघर में 5 नर और मादा शेर हैं. इन्हें मेहमानों के आने से चिड़ियाघर का माहौल बेहद खुशनुमा है और यह खबर चिड़ियाघर में सैलानियों को आकर्षित भी कर रही है. शेरनी परी ने जिन तीन ने शावकों को जन्म दिया है उनमें दो नर और एक मादा है. चिड़ियाघर प्रबंधन अब जल्द ही इन नन्हे शावकों का नामकरण भी करेगा. इसके लिए नगर निगम प्रतियोगिता आयोजित करेगा और उसमें जो नाम आएंगे उस हिसाब से इन नन्हे मेहमानों का नामकरण किए जाएंगे.