ग्वालियर। शहर के गांधी प्राणी उद्यान में शुक्रवार देर शाम साढे़ चार महीने के टाइगर शावक की मौत हो गई. चिड़ियाघर प्रबंधन ने विधिवत टाइगर शावक का पोस्टमार्टम करवाकर उसके बिसरा को जांच के लिए जबलपुर भेज दिया है. प्रोटोकॉल के हिसाब से चिड़ियाघर में डीएफओ चिकित्सक और प्रभारी की मौजूदगी में नगर निगम के कर्मचारियों ने टाइगर का अंतिम संस्कार कर दिया. पता चला है कि चिड़ियाघर में साढ़े चार महीने की मादा शावक की अचानक तबीयत खराब हो गई थी. चिकित्सकों ने उसका इलाज भी किया लेकिन उसकी मौत हो गई.
शावक के अंगों को जांच के लिए भेजा: शुक्रवार को सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियम अनुसार, पोस्टमार्टम के साथ ही प्रोसीजर को फॉलो करते हुए उसका दाह संस्कार किया गया. प्राथमिक रिपोर्ट में मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई है. ग्वालियर चिड़ियाघर में मादा टाइगर शावक की मौत की सूचना लगते ही फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ ही नगर निगम आयुक्त को इसकी जानकारी दी गयी. डीएफओ अंकित पांडेय की मौजूदगी में शावक का पोस्टमार्टम किया गया. प्राथमिक रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि शावक की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई है. मौत की मुख्य वजह सामने आ सके इसके लिए डीएफओ की मौजूदगी में शावक के सभी अंगों की जांच करने के बाद उन्हें जबलपुर लैब भेजा गया है.
वन विभाग ने किया दाह संस्कार: सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के तहत शावक का चिड़िया घर में ही दाह संस्कार किया गया. डीएफओ अंकित पांडेय का कहना है कि ''हाल ही कुछ मामले ऐसे सामने आए है जहां इंफेक्शन के चलते शावकों की मौत हो चुकी है. ऐसे में शवकों के वेक्सीनेशन का प्रॉपर ध्यान रखा जा रहा है. ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान में फिलहाल जो टाइगर हैं, उनमें मृतक मादा टाइगर भी अपने तीन भाइयों बहनों के साथ अठखेलियां कर रही थी. लेकिन अचानक उसकी तबीयत कैसे खराब हुई इसकी जांच की जा रही है. उसके और भाई बहनों की हालत ठीक बताई गई है.''