ग्वालियर। एमपी के ग्वालियर में कलेक्टर की जन सुनवाई के दौरान 3 मृतक पहुंच गए दरअसल इनको सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया था. जन सुनवाई के दौरान परिवार के 3 सदस्य अधिकारियों के पास पहुंचे और अपने आप को मृत बताने लगे. पीड़ितों ने आरोप लगाया कि जमीन के लालच में उनके रिश्तेदारों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. साथ ही जमीन को हड़प लिया है. शिकायत के बाद कलेक्टर ने मामले की जांच एसडीएम को दे दी है. प्रशासन के अधिकारियों ने इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर उन्हें जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि इस मामले की कहानी का पता लग सके.
अधिकारी हुए दंग: मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान कुछ बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष, कलेक्टर के पास पहुंचे और सीधे उन्होंने कहा कि साहब हमें मार दिया गया है इसको सुनकर अधिकारी थोड़ी देर तक सन्न हुए और उसके बाद इस मामले को पूरी तरह विस्तार से समझने के लिए कहा गया. यह सभी लोग नाथ समुदाय से हैं. सभी मुरार ब्लॉक के मिर्धा खेरिया गांव का रहने वाले हैं. पीड़ितों ने बताया कि कुछ साल पहले अपने गांव को छोड़कर कहीं दूसरी जगह बस गए हैं. इस सपेरा परिवार की जमीन जो इन्हें शासन ने पट्टे के रूप में दी थी उस पर उनके ही रिश्तेदारों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर सरकारी कागजों में नाथ परिवार को मृत घोषित करा दिया.
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3 पीढ़ी से निवास: पीड़ित परिवार ने बताया है कि उनके परिवार की 3 पीढ़ी है जिनके बच्चों के नाम गायब कर दिए हैं और उन्हें मृत घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा है कि लगभग आधा सैकड़ा से अधिक ऐसे नाम है जो कागज में मृत घोषित हैं. उन्होंने कहा कि बताया है कि जब इस बात की जानकारी होने लगी तो कई बार प्रशासन से शिकायत की है लेकिन अभी तक उसका निराकरण नहीं मिल पा रहा है. इन नाथ जाति के इस परिवार की मांग को लेकर प्रशासन का कहना है कि शिकायतकर्ता परिवार ने भूमि संबंधित कोई प्रमाणित दस्तावेज नहीं दिखाया है. मामला सामने आने पर उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भेजकर जांच करा कर मदद का आश्वासन दिया है.
कार्रवाई का आश्वासन: इस मामले को लेकर एसडीएम अशोक चौहान का कहना है कि मामले को संज्ञान में लिया गया है लेकिन अभी जिस तरीके से उन्होंने आरोप लगाया है उसकी जांच की जा रही है. साथ ही पीड़ित परिवार के पास अभी कोई जमीनी कागज नहीं है और इसको लेकर उनसे बोला गया है. साथ ही राजस्व के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि तत्काल कागजों की जांच करें और इस मामले में जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी उसको किया जाएगा.