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निगम पर अभी छाया वित्तीय संकट, सफाई कर्मचारियों को समय पर नहीं मिल रहा वेतन

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Published : Jan 25, 2021, 12:34 PM IST

ग्वालियर नगर निगम से आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने से सभी 1900 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे, जिस पर मांगों के पूरा होने के आश्वासन के बाद कर्मचारी अपने काम पर लौटे है.

Gwalior
ग्वालियर नगर निगम

ग्वालियर। इस समय ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार से लेकर प्रशासन तक भरपूर कोशिश की जा रही है. लेकिन शहर में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह से डगमगा गई है और इसका कारण साल 2020 में आई कोरोना महामारी से बिगड़ी वित्तीय व्यवस्था के बताया जा रहा है. अब हालात यह है कि शहर के हर वार्ड में घर के बाहर कचरे के ढेर लगे हुए हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह है कि नगर निगम के आउटसोर्स के सफाई कर्मचारी वेतन न मिल पाने के कारण हर बार हड़ताल पर चले जाते है, जिस कारण बार-बार सफाई व्यवस्था ठप हो जाती है. अभी हाल में ही आउटसोर्स के 1900 सफाई कर्मचारी एक महीने की हड़ताल पर चले गये थे. जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद वे अब अपने काम पर लौट आए हैं.

ग्वालियर नगर निगम पर वित्तीय संकट

कोरोना महामारी से हर तरफ वित्तीय संकट पैदा हो गए हैं और इसका असर ग्वालियर नगर निगम पर भी देखने को मिला है. नगर निगम ने आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है, जिस कारण शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है. अभी हाल में ही नगर निगम की आउटसोर्स कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे और उसके बाद खुद सीएम शिवराज एक्शन में आए और नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को हटा दिया. उसके बाद जिला प्रशासन ने सभी सफाई कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया तब जाकर के सभी सफाई कर्मचारी अपने काम पर वापस लौटे हैं.

सरकार ने चाइना की एको ग्रीन कंपनी को कचरा उठाने का दिया था काम

सरकार ने 254 करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट चाइना की इको ग्रीन कंपनी को सौंपा था, कंपनी को अंचल की 16 अर्बन लोकल बॉडी से घर -घर से कचरा लेने और उसको उठाकर केदारपुर स्थित लैंडफिल साइट पर लाना था. इस कंपनी में 1900 से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात थे और यह सफाई कर्मचारी घर-घर से कचरा उठाकर गाड़ी के माध्यम से साइट पर पहुंचाते थे, लेकिन यह कंपनी ठीक तरह से काम नहीं कर पा रही थी और ना ही घर घर से कचरा उठाने में सफल रही. इस कारण जिला प्रशासन ने इस कंपनी को हटकर, सभी आउटसोर्स के 1900 सफाई कर्मचारी अपने नगर निगम के अधीन ले लिए है.

वित्तीय संकट बढ़ाने के कारण वेतन भेजने में आ रही है दिक्कत

कोरोना महामारी के कारण राजस्व में 50 फ़ीसदी की गिरावट आई है. इस कारण वित्तीय संकट भी पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. वहीं दूसरी तरफ 1900 सफाई कर्मचारियों को शामिल करने के बाद हालात और खस्ता हो गए हैं. इस वजह से सफाई कर्मचारियों का वेतन नहीं मिल रहा है. इस कारण इन सभी सफाई कर्मचारियों ने काम करना बंद कर दिया है, हालात यह हो गए थे कि शहर में हर तरफ कचरे के ढेर लगे हुए है. उसके बाद यह सभी सफाई कर्मचारियों ने शहर में कचरा फेंकना शुरू कर दिया.

सफाई कर्मचारियों की मांग है समय पर वेतन और सफाई यंत्रों की सुविधा

शहर में आउटसोर्स के 1900 सफाई कर्मचारी है. इनकी मांग है कि इनको समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. साथ ही सफाई यंत्रों के अभाव होने के कारण काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए उनका कहना है कि उन्हें समय पर वेतन दिया जाए, साथ ही सफाई यंत्रों की सुविधा दी जाए, ताकि शहर को स्वच्छ बनाए रखें.

ग्वालियर। इस समय ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार से लेकर प्रशासन तक भरपूर कोशिश की जा रही है. लेकिन शहर में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह से डगमगा गई है और इसका कारण साल 2020 में आई कोरोना महामारी से बिगड़ी वित्तीय व्यवस्था के बताया जा रहा है. अब हालात यह है कि शहर के हर वार्ड में घर के बाहर कचरे के ढेर लगे हुए हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह है कि नगर निगम के आउटसोर्स के सफाई कर्मचारी वेतन न मिल पाने के कारण हर बार हड़ताल पर चले जाते है, जिस कारण बार-बार सफाई व्यवस्था ठप हो जाती है. अभी हाल में ही आउटसोर्स के 1900 सफाई कर्मचारी एक महीने की हड़ताल पर चले गये थे. जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद वे अब अपने काम पर लौट आए हैं.

ग्वालियर नगर निगम पर वित्तीय संकट

कोरोना महामारी से हर तरफ वित्तीय संकट पैदा हो गए हैं और इसका असर ग्वालियर नगर निगम पर भी देखने को मिला है. नगर निगम ने आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है, जिस कारण शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है. अभी हाल में ही नगर निगम की आउटसोर्स कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे और उसके बाद खुद सीएम शिवराज एक्शन में आए और नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को हटा दिया. उसके बाद जिला प्रशासन ने सभी सफाई कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया तब जाकर के सभी सफाई कर्मचारी अपने काम पर वापस लौटे हैं.

सरकार ने चाइना की एको ग्रीन कंपनी को कचरा उठाने का दिया था काम

सरकार ने 254 करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट चाइना की इको ग्रीन कंपनी को सौंपा था, कंपनी को अंचल की 16 अर्बन लोकल बॉडी से घर -घर से कचरा लेने और उसको उठाकर केदारपुर स्थित लैंडफिल साइट पर लाना था. इस कंपनी में 1900 से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात थे और यह सफाई कर्मचारी घर-घर से कचरा उठाकर गाड़ी के माध्यम से साइट पर पहुंचाते थे, लेकिन यह कंपनी ठीक तरह से काम नहीं कर पा रही थी और ना ही घर घर से कचरा उठाने में सफल रही. इस कारण जिला प्रशासन ने इस कंपनी को हटकर, सभी आउटसोर्स के 1900 सफाई कर्मचारी अपने नगर निगम के अधीन ले लिए है.

वित्तीय संकट बढ़ाने के कारण वेतन भेजने में आ रही है दिक्कत

कोरोना महामारी के कारण राजस्व में 50 फ़ीसदी की गिरावट आई है. इस कारण वित्तीय संकट भी पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. वहीं दूसरी तरफ 1900 सफाई कर्मचारियों को शामिल करने के बाद हालात और खस्ता हो गए हैं. इस वजह से सफाई कर्मचारियों का वेतन नहीं मिल रहा है. इस कारण इन सभी सफाई कर्मचारियों ने काम करना बंद कर दिया है, हालात यह हो गए थे कि शहर में हर तरफ कचरे के ढेर लगे हुए है. उसके बाद यह सभी सफाई कर्मचारियों ने शहर में कचरा फेंकना शुरू कर दिया.

सफाई कर्मचारियों की मांग है समय पर वेतन और सफाई यंत्रों की सुविधा

शहर में आउटसोर्स के 1900 सफाई कर्मचारी है. इनकी मांग है कि इनको समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. साथ ही सफाई यंत्रों के अभाव होने के कारण काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए उनका कहना है कि उन्हें समय पर वेतन दिया जाए, साथ ही सफाई यंत्रों की सुविधा दी जाए, ताकि शहर को स्वच्छ बनाए रखें.

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