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प्लास्टिक खाकर बीमार होने वाली गायों को जीवन देती ऋषभ देव की गौशाला - प्लास्टिक खाकर बीमार हो रही गाय

ग्वालियर में प्लास्टिक खाकर बीमार हो रही गायों की संख्या में लगातार बढ़ रही है. ऐसे में गोसेवा से जुड़े कुछ लोग इन गायों को अस्थाई गौशाला में महंत ऋषभ देव आनंद की देखरेख में रखकर उनका इलाज करा रहे हैं.

Sick cow eating plastic
यहां बीमार गायों को मिलता है जीवन
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Published : Jan 13, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 6:45 PM IST

ग्वालियर। प्लास्टिक खाकर बीमार हो रही गायों से अब उनके पालक भी पीछा छुड़ाने लगे हैं. यही वजह है कि शहर में घुमंतू गायों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन गेसेवा से जुड़े कुछ लोग गायों को गोला का मंदिर स्थित अस्थाई गौशाला में महंत ऋषभ देव आनंद की देखरेख में उनका इलाज करा रहे हैं. पर्यावरण प्रदूषण और प्लास्टिक के इस्तेमाल मवेशियों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है. यही वजह है कि नगर निगम के अधीन गौशाला में कुछ ही महीनों में 2 हजार से ज्यादा मवेशी जमा हो गए हैं, जो प्लास्टिक खाकर बीमार हो चुके हैं.

यहां बीमार गायों को मिलता है जीवन

बीमारी की स्थिति में पशुपालकों ने भी उन्हें उनके ही हाल पर छोड़ दिया है, लेकिन गोसेवकों की मदद से गायों को मार्क हॉस्पिटल के लिए आरक्षित किया गया है, जहां इनका अस्थाई गौशाला में रखकर इलाज किया जा रहा है. यही वजह है कि जिला प्रशासन ने गोसेवकों को सम्मानित भी किया है.

ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला के महंत ऋषभ देव आनंद के अस्थाई गौशाला में गायों के खाने-पीने और इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. करीब दो दर्जन कारसेवकों की मदद से गोवंश को सर्दी के हिसाब से चारा मुहैया कराया जा रहा है. इस अस्थाई गौशाला में रोजाना एक लाख रूपए मवेशियों की देखरेख में खर्च आता है, जिसे नगर निगम और स्वयंसेवी संस्था वहन कर रही हैं.

ग्वालियर। प्लास्टिक खाकर बीमार हो रही गायों से अब उनके पालक भी पीछा छुड़ाने लगे हैं. यही वजह है कि शहर में घुमंतू गायों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन गेसेवा से जुड़े कुछ लोग गायों को गोला का मंदिर स्थित अस्थाई गौशाला में महंत ऋषभ देव आनंद की देखरेख में उनका इलाज करा रहे हैं. पर्यावरण प्रदूषण और प्लास्टिक के इस्तेमाल मवेशियों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है. यही वजह है कि नगर निगम के अधीन गौशाला में कुछ ही महीनों में 2 हजार से ज्यादा मवेशी जमा हो गए हैं, जो प्लास्टिक खाकर बीमार हो चुके हैं.

यहां बीमार गायों को मिलता है जीवन

बीमारी की स्थिति में पशुपालकों ने भी उन्हें उनके ही हाल पर छोड़ दिया है, लेकिन गोसेवकों की मदद से गायों को मार्क हॉस्पिटल के लिए आरक्षित किया गया है, जहां इनका अस्थाई गौशाला में रखकर इलाज किया जा रहा है. यही वजह है कि जिला प्रशासन ने गोसेवकों को सम्मानित भी किया है.

ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला के महंत ऋषभ देव आनंद के अस्थाई गौशाला में गायों के खाने-पीने और इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. करीब दो दर्जन कारसेवकों की मदद से गोवंश को सर्दी के हिसाब से चारा मुहैया कराया जा रहा है. इस अस्थाई गौशाला में रोजाना एक लाख रूपए मवेशियों की देखरेख में खर्च आता है, जिसे नगर निगम और स्वयंसेवी संस्था वहन कर रही हैं.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर में प्लास्टिक खाकर बीमार हो रही गायों को लेकर उनके पालक भी अब उनसे पीछा छुड़ाने लगे हैं यही कारण है कि शहर में आवारा गायों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है लेकिन सुखद पहलू यह है कि गौ सेवा से जुड़े कुछ लोग उन्हें गोला का मंदिर स्थित अस्थाई गौशाला में रखकर उनका इलाज और देखरेख कर रहे हैं।


Body:पर्यावरण प्रदूषण और प्लास्टिक के इस्तेमाल हमारे मवेशियों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है यही कारण है कि नगर निगम द्वारा संचालित गौशाला में कुछ ही महीनों के भीतर ऐसे 2,000 से ज्यादा मवेशी जमा हो गए हैं जो प्लास्टिक खाकर बीमार हो चुके हैं। बीमारी की स्थिति में पशुपालकों ने भी उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया है लेकिन गौ सेवकों की मदद से इन गायों को मार्क हॉस्पिटल के लिए आरक्षित की गई अस्थाई गौशाला में रख कर इलाज किया जा रहा है। कई वेटनरी डॉक्टर समाजसेवी और युवा बीमार और घायल हालत में मिले गोवंश को इलाज देकर उन्हें एक बार फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन ने ऐसे गौ सेवकों को सम्मानित भी किया है।


Conclusion:खास बात यह है कि ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला के महंत ऋषभ देव आनंद ही इस अस्थाई गौशाला में भी अपनी देखरेख में गायों के खाने-पीने और इलाज की सुविधा मुहैया करा रहे हैं करीब दो दर्जन कारसेवकों की मदद से गोवंश को सर्दी के हिसाब से भोजन मुहैया कराया जा रहा है।इस अस्थाई गौशाला में रोजाना ₹100000 का मवेशियों की देखरेख का खर्चा आता है जिसे नगर निगम और स्वयंसेवी संस्था वहन कर रहे हैं।
बाइट ऋषभ देव आनंद... महंत लाल टिपारा गौशाला
बाइट डा पंकज यादव... इलाज करने वाले
बाइट अरुण तिवारी... गौ सेवक
Last Updated : Jan 13, 2020, 6:45 PM IST
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