ग्वालियर। प्लास्टिक खाकर बीमार हो रही गायों से अब उनके पालक भी पीछा छुड़ाने लगे हैं. यही वजह है कि शहर में घुमंतू गायों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन गेसेवा से जुड़े कुछ लोग गायों को गोला का मंदिर स्थित अस्थाई गौशाला में महंत ऋषभ देव आनंद की देखरेख में उनका इलाज करा रहे हैं. पर्यावरण प्रदूषण और प्लास्टिक के इस्तेमाल मवेशियों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है. यही वजह है कि नगर निगम के अधीन गौशाला में कुछ ही महीनों में 2 हजार से ज्यादा मवेशी जमा हो गए हैं, जो प्लास्टिक खाकर बीमार हो चुके हैं.
बीमारी की स्थिति में पशुपालकों ने भी उन्हें उनके ही हाल पर छोड़ दिया है, लेकिन गोसेवकों की मदद से गायों को मार्क हॉस्पिटल के लिए आरक्षित किया गया है, जहां इनका अस्थाई गौशाला में रखकर इलाज किया जा रहा है. यही वजह है कि जिला प्रशासन ने गोसेवकों को सम्मानित भी किया है.
ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला के महंत ऋषभ देव आनंद के अस्थाई गौशाला में गायों के खाने-पीने और इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. करीब दो दर्जन कारसेवकों की मदद से गोवंश को सर्दी के हिसाब से चारा मुहैया कराया जा रहा है. इस अस्थाई गौशाला में रोजाना एक लाख रूपए मवेशियों की देखरेख में खर्च आता है, जिसे नगर निगम और स्वयंसेवी संस्था वहन कर रही हैं.