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खुद को नगर निगम का अधिकारी बताकर ठगे 9 लाख रुपए, पीड़ित व्यापारी दर्ज कराई शिकायत - नगर निगम के फ्लैट

ग्वालियर में एक बदमाश ने खुद को नगर निगम का अधिकारी बताकर एक व्यापारी से 9 लाख रुपये ठग लिए. व्यापारी ने निगम द्वारा बनाया गया मकान दिलवाने के नाम पर आरोपी को ये पैसे दिए थे, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी, जब न मकान मिला और न ही पैसा तो उन्होंने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई.

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खुद को नगर निगम का अधिकारी बताकर ठगे 9 लाख रुपये
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Published : Feb 9, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Feb 9, 2020, 12:13 PM IST

ग्वालियर। जिलें में धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां एक बदमाश ने खुद को नगर निगम में अधिकारी बताकर एक व्यापारी को लाखों का चूना लगा दिया. जब फरियादी को धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसकी शिकायत मुरार थाने में की. जिस पर पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

खुद को नगर निगम का अधिकारी बताकर ठगे 9 लाख रुपये

दरसअल, बहोड़ापुर के रहने वाले सुदामा मोटवानी हार्डवेयर का कारोबार करते हैं और उन्हें एक फ्लैट की आवश्यकता थी. इसके लिए वे नगर निगम द्वारा बनाया गया फ्लैट खरीदना चाहते थे. जिसके लिए वे नगर निगम के मुख्यालय के चक्कर लगा रहे थे. यहां उनकी मुलाकात जनकसिंह से हुई. जिसने खुद को आवास विकास का संयोजक बताकर नगर निगम द्वारा निर्मित फ्लैट को आसानी से आवंटित करवाने की बात कही.

इसके बाद जनक सिंह ने सुदामा की मुलाकात छ: अन्य आरोपियों से कराई. जिस पर व्यापारी उनके झांसे में आ गए और 9 लाख रुपए आरोपियों को थमा दिए. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी जब उन्हें न तो मकान मिला और न ही पैसे.

ग्वालियर। जिलें में धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां एक बदमाश ने खुद को नगर निगम में अधिकारी बताकर एक व्यापारी को लाखों का चूना लगा दिया. जब फरियादी को धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसकी शिकायत मुरार थाने में की. जिस पर पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

खुद को नगर निगम का अधिकारी बताकर ठगे 9 लाख रुपये

दरसअल, बहोड़ापुर के रहने वाले सुदामा मोटवानी हार्डवेयर का कारोबार करते हैं और उन्हें एक फ्लैट की आवश्यकता थी. इसके लिए वे नगर निगम द्वारा बनाया गया फ्लैट खरीदना चाहते थे. जिसके लिए वे नगर निगम के मुख्यालय के चक्कर लगा रहे थे. यहां उनकी मुलाकात जनकसिंह से हुई. जिसने खुद को आवास विकास का संयोजक बताकर नगर निगम द्वारा निर्मित फ्लैट को आसानी से आवंटित करवाने की बात कही.

इसके बाद जनक सिंह ने सुदामा की मुलाकात छ: अन्य आरोपियों से कराई. जिस पर व्यापारी उनके झांसे में आ गए और 9 लाख रुपए आरोपियों को थमा दिए. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी जब उन्हें न तो मकान मिला और न ही पैसे.

Intro:एंकर-ग्वालियर में खुद को नगर निगम में आवास विकास विभाग में संयोजक अधिकारी बताकर एक व्यपारी को लाखों का चूना लगा दिया। उसे अधिकारी बन झांसा दिया था कि सरकारी बिल्डिंग में मकान दिलवा देगा। जब समय निकल गया तो फ़रियादी को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। जिसकी शिकायत फ़रियादी ने पुलिस से की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


Body:वीओ-दरसअल बहोड़ापुर निवासी सुदामा मोटवानी हार्डवेयर का कारोबार करते हैं। इन्हें एक फ्लैट की आवश्यकता थी। सुदामा मोटवानी नगर निगम द्वारा दिए जा रहे फ्लैट आवंटित कराने का प्रयास कर रहे थे। इसी संबंध में वे स्टेडियम के पास नगर निगम के मुख्यालय के चक्कर लगा रहे थे। यहां उनकी मुलाकात जनकसिंह से हुई। आरोपियों ने स्वयं को आवास विकास का संयोजक बताकर भरोसा दिलाया कि वह आसानी से नगर निगम द्वारा निर्मित फ्लैट आवंटित करा देगा। जनक सिंह ने सुदामा की मुलाकात गौरव, सौरव, अविनाश, छोटू, सुरेशचंद्र व गुड्डू से कराई। आरोपियों के झांसे में आकर व्यापारी ने 9 लाख रुपए इन्हें थमा दिए। घटना 9 मार्च 2018 से 2019 के बीच की है। फरियादी फ्लैट नहीं मिलने पर आरोपियों के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन उन्हें ना तो रुपए वापस मिले और ना ही मकान मिला। जब फरियादी को धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो उसने ठगी की लिखित शिकायत मुरार थाने में की है। वही पुलिस ने जांच के बाद 7 आरोपियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

Conclusion:बाइट-एस.एस. भदौरिया- एसआई, मुरार थाना ग्वालियर
Last Updated : Feb 9, 2020, 12:13 PM IST
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