ग्वालियर। बीजेपी के घोषणा पत्र को लेकर पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ग्वालियर पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा, कवींद्र कियावत, पार्टी जिला अध्यक्ष अभय चौधरी सहित ग्वालियर चंबंल अंचल के नेताओं के साथ मंथन किया. वहीं बैठक के जरिये ग्वालियर चंबल-अंचल के मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. इस बैठक के बाद संभाग के सभी जिला, तहसील, जनपद के साथ गांव और वार्डों तक पहुंच कर जनता के बीच रैली जाएगी और जनता के बताए मुद्दों के बाद घोषणा पत्र में उनको शामिल किया जायेगा.
आम जनता से लेंगे उनका मत: वहीं बैठक के बाद पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बताया कि "इस बार भारतीय जनता पार्टी ने विचार बनाया है कि हम जनता के हर वर्ग से पूछना चाहते हैं कि उनकी अपेक्षाएं क्या हैं और जनता बताए कि BJP के घोषणा पत्र में क्या हो? इसी को लेकर मैं, प्रभात झा और कवींद्र कियावत सभी लोगों से संवाद कर रहा हूं. आज मध्य प्रदेश के अन्य संभागों से होते हुए ग्वालियर चंबल संभाग की आखिरी बैठक ली है. जनता के बीच पहुंच लोगों से उनका मत लेंगे, वह क्या चाहते हैं. इससे जो मुद्दे सामने आएंगे, उसका संकलन करेंगे. बहुत सारी बातें हम समझ नहीं पाते हैं, लेकिन सामान्य सा आदमी भी बड़ी बात बता देता है. सभी संभागों से हमने लोगों से राय ली है, जिस नीचे से ऊपर तक लाया जाएगा."
बीजेपी और कांग्रेस के घोषणा पत्र में बहुत अंतर: वहीं घोषणा पत्र पर होने वाली राजनीति पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के घोषणा पत्र में बहुत बड़ा अंतर है. हमने 2018 का कांग्रेस का घोषणा पत्र भी देखा है.कांग्रेस ने कहा था कि हम सरकार में आए तो किसानों का 2 लाख का कर्ज फिर वह किसी भी बैंक का हो उसे माफ करेंगे, लेकिन सबको पता है कि वादे के बाद हुआ कुछ नहीं. जब चुनाव हो रहा था तो राहुल गांधी ने बोला था कि हमारी सरकार बनने के 10 दिन के अंदर यदि कर्ज माफ नहीं करेंगे तो ऐसे मुख्यमंत्री को हम हटा देंगे, लेकिन हटाया नहीं, यह सब बातें हैं जो आती रहती हैं. लंबी-लंबी बातें लिख देने बोल देने से कुछ नहीं होता है."
सर्वे पर मिलेगा टिकट : वहीं बीजेपी के दिग्गज, बड़े नेताओं के साथ पुत्र-पुत्रियों के लगातार पार्टी छोड़ने के घटनाक्रमों पर उन्होंने कहा कि "चुनाव के पहले एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आना-जाना अब सामान्य सी बात हो गई है. आज के दौर में यह कोई बड़ी और कोई खास बात नहीं है. जब ऐसे लोग पार्टी छोड़ेंगे तो कुछ ना कुछ आरोप तो लगाएंगे. पार्टी में जिम्मेदार लोग सभी मामलों पर निगाह रखे हुए हैं. बीते विधानसभा चुनाव के दौरान हुए घटनाक्रम के बाद क्या इस बार सिद्धार्थ मलैया सहित अन्य नेता पुत्रों को बीजेपी टिकट देगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. यह पार्टी पर निर्भर करता है कि पार्टी किसे टिकट देती है. पार्टी सर्वे के आधार पर टिकट दे रही है. सर्वे में जिसका नाम सबसे ऊपर आएगा. चुनावी साल में सरकारी खजाने पर बढ़ रहे वजन को लेकर कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर पूर्व वित्त मंत्री होने के नाते बोले कांग्रेस से सवाल पूछा जाना चाहिए कि कांग्रेस ने कैसे घोषणा की थी कि किसानों का 2 लाख का कर्जा माफ किया जाएगा. कांग्रेस की ट्रेजरी में क्या पैसा था? उन्हें अपने ऊपर झांककर देखना चाहिए, दूसरों के ऊपर आरोप लगाने से क्या होता है.