ग्वालियर। शहर के बाराघाटा इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित एक फैक्ट्री पर जिला प्रशासन ने छापामार कार्रवाई की है. इस फैक्ट्री में अवैध रूप से आटा कारखाना चलाया जा रहा था. जिसके पास न तो वैधानिक दस्तावेज थे, न ही कोई रजिस्ट्रेशन. खास बात यह है कि इस फैक्ट्री में मिले एक युवक से जब अधिकारियों ने पूछताछ की तो वे उन्हें चकमा देकर भाग निकला. फैक्ट्री किसी महेंद्र सिंह के नाम से संचालित हो रही थी.
- अवैध आटा कारखाना
हैरानी की बात यह है कि विभिन्न राज्यों के लिए आवंटित सरकारी गेहूं के कट्टे यहां मिलने से इस बात की पूरी संभावना है कि सरकारी गेहूं को इस फैक्ट्री में खपाया जा रहा था. इसमें दिल्ली उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सरकारी गेहूं के कट्टे मिले हैं. यहां गुलाब और कान्हा ब्रांड पांच पांच और दस-दस किलो के कट्टे तैयार किए जा रहे थे. फैक्ट्री में 50 क्विंटल से ज्यादा सड़ा गेहूं और उस से निर्मित आटा मिला है. दरअसल प्रशासन को सूचना मिली थी कि बाराघाटा चित्र में संचालित एक मसाला फैक्ट्री में तयशुदा मानकों के अनुरूप मसाले तैयार नहीं हो रहे हैं.
मसाला फैक्ट्री पर खाद्य विभाग की छापामार कार्रवाई
- सड़े गेहूं से बनाया जा रहा था आटा
प्रशासन की टीम जब इस फैक्ट्री पर कार्रवाई कर रही थी, तभी कुछ लोगों ने आटा फैक्ट्री के बारे में अधिकारियों को सूचना दी. अधिकारियों ने मौके पर आकर फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की. फिलहाल फैक्ट्री को सील कर दिया गया है और आटे का नमूना जांच के लिए भेजा जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि यदि इस सड़े गेहूं से निर्मित आटा आम व्यक्ति या बच्चे इस्तेमाल करते तो उनमें फूड प्वॉइजनिंग की ज्यादा संभावना थी.