ग्वालियर। मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा पर्व ईद-उल-अजहा 1 अगस्त यानि शनिवार को शहर भर में परंपरागत और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी. हालांकि कोरोना काल में यह त्यौहार थोड़ा फीका नजर आया, क्योंकि मस्जिद में सामूहिक नमाज अता नहीं की गई. सभी मस्जिद और दरगाह में इमाम की मौजूदगी में एक बार में 5 लोगों ने ही नमाज अता की. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का खास तौर पर ध्यान रखा गया.
दरअसल, सरकार की ओर से इस बार ईद उल-अजहा के मौके पर कुर्बानी और नमाज अतायगी के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. नमाज और कुर्बानी स्थल पर एक साथ 5 से ज्यादा लोगों के जाने की मनाही थी. शहर की विभिन्न मस्जिदों में सुबह 6 बजे से ही विशेष नमाज अता करने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो 8 बजे तक चला. इस दौरान लोगों ने पांच-पांच की संख्या में आकर ईद की विशेष नमाज अता की.
कोरोना संकट काल में ईद को लेकर लोग पहले से ही काफी सतर्क हैं, क्योंकि इस समय संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं. इसलिए एहतियात के तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनकर ही नमाज अता की गई.
शहर काजी अब्दुल अजीज कादरी ने बतायास नमाज के लिए कुछ विशेष दिशा-निर्देश दिए गए थे, इसके तहत ही गाइडलाइन के मुताबिक ईद की नमाज अता की गई है. कुर्बानी के समय भी पांच लोगों से ज्यादा मौके पर मौजूद नहीं रहे. उन्होंने बताया कि सभी के लिए दुआ और अमन की कामना की गई है, जिसमें विश्व भर को जल्द से जल्द कोरोना से मुक्ति मिले. प्रदेश और शहर भर के लोग भी सुख-शांति से रहे. ऐसी कामना अल्लाह से की गई है.