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पीड़ित महिलाओं को नहीं लगाने पड़ेंगे थाने के चक्कर, एक ही जगह मिलेगी मदद

ग्वालियर संभाग के पांचों जिलों ने वन स्टॉप सेंटर को लागू कर दिया गया है, इसके तहत अब पीड़ित महिला की एफआईआर वन स्टॉप सेंटर में ही दर्ज की जाएगी.

ग्वालियर संभाग के पांचों जिलों ने वन स्टॉप सेंटर को लागू किया
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Published : Oct 9, 2019, 10:26 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 11:37 PM IST

ग्वालियर। संभाग के पांच जिलों में वन स्टॉप सेंटर को लागू कराने के लिए पुलिस और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बैठक का आयोजन किया, जिसमें तय किया है कि पीड़ित महिलाओं की एफआईआर वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही दर्ज की जाएगी. पीड़िता को एफआईआर दर्ज कराने के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा.

ग्वालियर संभाग के पांचों जिलों ने वन स्टॉप सेंटर को लागू किया

अभी तक वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, यौन शोषण और एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को न्यायालय और जिला प्रशासन द्वारा भिजवाया जाता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वन स्टॉप सेंटर को लेकर पुलिस महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर तय किया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है.

ग्वालियर जोन के आईजी व एडीजीपी राजा बाबू सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह और महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालिनी शर्मा स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने बैठक में तय किया कि पीड़ित महिला को बार-बार आने के लिए परेशान नहीं किया जाएगा. एफआईआर से लेकर इन्वेस्टिगेशन वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही होगा.

ग्वालियर। संभाग के पांच जिलों में वन स्टॉप सेंटर को लागू कराने के लिए पुलिस और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बैठक का आयोजन किया, जिसमें तय किया है कि पीड़ित महिलाओं की एफआईआर वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही दर्ज की जाएगी. पीड़िता को एफआईआर दर्ज कराने के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा.

ग्वालियर संभाग के पांचों जिलों ने वन स्टॉप सेंटर को लागू किया

अभी तक वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, यौन शोषण और एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को न्यायालय और जिला प्रशासन द्वारा भिजवाया जाता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वन स्टॉप सेंटर को लेकर पुलिस महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर तय किया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है.

ग्वालियर जोन के आईजी व एडीजीपी राजा बाबू सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह और महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालिनी शर्मा स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने बैठक में तय किया कि पीड़ित महिला को बार-बार आने के लिए परेशान नहीं किया जाएगा. एफआईआर से लेकर इन्वेस्टिगेशन वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही होगा.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर संभाग के 5 जिलों में चल रहे वन स्टॉप सेंटर में स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर को लागू कराने पुलिस महिला बाल विकास और स्वास्थ्य अधिकारियों ने बैठक कर तय किया है कि अब पीड़ित महिला की एफ आई आर वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही होगी। पीड़िता को अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने की सीढ़ियां नहीं चलना होगा। वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा ,दहेज पीड़ित ,यौन शोषण और एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को न्यायालय व जिला प्रशासन द्वारा भिजवाया जाता है।


Body:सुप्रीम कोर्ट ने वन स्टॉप सेंटर के संचालक को लेकर पुलिस महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर तय किया था लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है। जिसको लेकर ग्वालियर जोन के आईजी और एडीजीपी राजा बाबू सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह और महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालिनी शर्मा स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के बीच तय हुआ है कि पीड़ित महिला को बार-बार आने के लिए परेशान नहीं किया जाएगा। एफआईआर से लेकर इन्वेस्टिगेशन वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही होगा।


Conclusion:बाईट - राजा बाबू , आईजी और एडीजीपी
Last Updated : Oct 9, 2019, 11:37 PM IST
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