ग्वालियर। संभाग के पांच जिलों में वन स्टॉप सेंटर को लागू कराने के लिए पुलिस और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बैठक का आयोजन किया, जिसमें तय किया है कि पीड़ित महिलाओं की एफआईआर वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही दर्ज की जाएगी. पीड़िता को एफआईआर दर्ज कराने के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा.
अभी तक वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, यौन शोषण और एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को न्यायालय और जिला प्रशासन द्वारा भिजवाया जाता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वन स्टॉप सेंटर को लेकर पुलिस महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर तय किया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है.
ग्वालियर जोन के आईजी व एडीजीपी राजा बाबू सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह और महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालिनी शर्मा स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने बैठक में तय किया कि पीड़ित महिला को बार-बार आने के लिए परेशान नहीं किया जाएगा. एफआईआर से लेकर इन्वेस्टिगेशन वन स्टॉप सेंटर के अंदर ही होगा.