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समर्थन मूल्य पर खरीद न होने से किसान नाराज, मंडी में किया तोड़-फोड़ - State Government

सरकार की ओर से तय किए गए समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद न होने से ग्वालियर की कृषि उपज मंडी में किसानों और व्यापारियों के बीच विवाद हो गया. फिलहाल किसानों को समझाने का काम किया जा रहा है. किसानों की बस ये ही मांग है कि उनके उपज का समर्थन मूल्य पर भुगतान किया जाए.

किसान नाराज
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Published : Mar 19, 2021, 3:53 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में आज जमकर किसानों और व्यापारियों के बीच विवाद हुआ. किसान इस बात से नाराज थे कि जो समर्थन मूल्य सरकार ने सरसों का निर्धारित किया है, उससे पंद्रह सौ रुपए कम में व्यापारी खरीद रहे हैं. गुस्साए किसानों ने मंडी में मौजूद व्यापारियों की करीब एक दर्जन से ज्यादा तौल कांटों को तोड़ दिया. आनन-फानन में भारी पुलिस फोर्स को मौके पर पहुंचना पड़ा. जिसके बाद किसानों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन किसान अभी भी जिद पर अड़े हुए हैं और मंडी में हंगामा कर रहे हैं.

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मंडी में किसानों ने किया हंगामा

किसानों की एक ही डिमांड, समर्थन मूल्य पर हो भुगतान

उनका कहना है कि कल तक सरसों पांच हजार से पचपन हजार रुपए में खरीदी जा रही थी लेकिन आज सीधे पंद्रह सौ रुपए कम में खरीदी जा रही है. व्यापारी अब इसकी करीब चार हजार रुपए कीमत दे रहे हैं, जबकि सरसों का समर्थन मूल्य चार हजार छह सौ पचास रूपए है. ऐसे में व्यापारियों ने किसानों से सरसों खरीदने से ही इनकार कर दिया. इसी बात को लेकर किसानों ने मंडी में जमकर हंगामा किया. किसान अपनी ये बात लेकर मंडी सचिव के पास भी नहीं गए और सीधा हंगामा कर दिया लेकिन मंडी सचिव ने इस पर अभी कोई एक्शन नहीं लिया है. दूसरी ओर किसानों ने अपना रुख साफ कर दिया है कि वह अपने सरसों को वापस लेकर जब तक नहीं जाएंगे, तब तक समर्थन मूल्य की राशि के हिसाब से उनकी सरसों नहीं खरीदी जाती है. वहीं मंडी प्रबंधन का कहना है कि किसानों को समझाने का काम किया जा रहा है, मंडी रेट में रेट घटती और बढ़ती रहती है जिसके कारण कभी-कभी हंगामे की स्थिति पैदा होती है.

ग्वालियर। ग्वालियर जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में आज जमकर किसानों और व्यापारियों के बीच विवाद हुआ. किसान इस बात से नाराज थे कि जो समर्थन मूल्य सरकार ने सरसों का निर्धारित किया है, उससे पंद्रह सौ रुपए कम में व्यापारी खरीद रहे हैं. गुस्साए किसानों ने मंडी में मौजूद व्यापारियों की करीब एक दर्जन से ज्यादा तौल कांटों को तोड़ दिया. आनन-फानन में भारी पुलिस फोर्स को मौके पर पहुंचना पड़ा. जिसके बाद किसानों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन किसान अभी भी जिद पर अड़े हुए हैं और मंडी में हंगामा कर रहे हैं.

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उनका कहना है कि कल तक सरसों पांच हजार से पचपन हजार रुपए में खरीदी जा रही थी लेकिन आज सीधे पंद्रह सौ रुपए कम में खरीदी जा रही है. व्यापारी अब इसकी करीब चार हजार रुपए कीमत दे रहे हैं, जबकि सरसों का समर्थन मूल्य चार हजार छह सौ पचास रूपए है. ऐसे में व्यापारियों ने किसानों से सरसों खरीदने से ही इनकार कर दिया. इसी बात को लेकर किसानों ने मंडी में जमकर हंगामा किया. किसान अपनी ये बात लेकर मंडी सचिव के पास भी नहीं गए और सीधा हंगामा कर दिया लेकिन मंडी सचिव ने इस पर अभी कोई एक्शन नहीं लिया है. दूसरी ओर किसानों ने अपना रुख साफ कर दिया है कि वह अपने सरसों को वापस लेकर जब तक नहीं जाएंगे, तब तक समर्थन मूल्य की राशि के हिसाब से उनकी सरसों नहीं खरीदी जाती है. वहीं मंडी प्रबंधन का कहना है कि किसानों को समझाने का काम किया जा रहा है, मंडी रेट में रेट घटती और बढ़ती रहती है जिसके कारण कभी-कभी हंगामे की स्थिति पैदा होती है.

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