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उप कुलसचिव के कहने पर फेल छात्रा को किया गया पास, कुलपति ने दिए जांच के आदेश

ग्वालियर में उप कुलसचिव के कहने पर फेल छात्रा को पास करने का मामला सामने आया है. मामला तूल पकड़ता देख विश्वविद्यालय में न सिर्फ जांच शुरू हो गई है, बल्कि छात्रा का रिजल्ट भी रोक दिया गया है.

जीवाजी विश्वविद्यालय
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Published : Apr 16, 2019, 2:54 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में एक फेल छात्रा को पास करने का मामला सामने आया है. जहां एमए की एक छात्रा को मार्क्सशीट करेक्शन जारी करने की कोशिश में फेल की जगह पास कर दिया गया. खास बात यह है कि विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार की सिफारिश पर यह सब किया गया. मामला तूल पकड़ता देख कुलपति ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं छात्रा की अंतिम सूची जारी नहीं करने के लिए कहा है.


दरअसल ग्वालियर के विजय नगर में रहने वाली नीरा सोनी ने 2014 में दूरस्थ शिक्षण संस्थान से एमए प्रीवियस सोशल वर्क की परीक्षा दी थी. उसने पंद्रह दिन पहले जीवाजी विश्वविद्यालय में आवेदन पेश किया और अपनी मार्क्सशीट में गलतियां बताकर विषय और नंबर सुधारकर दूसरी मार्क्सशीट जारी करने के लिए आवेदन दिया.

फेल छात्रा को किया गया पास


मार्क्सशीट चेक करने वाले शिक्षक अरुण शर्मा से डिप्टी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा ने कहा कि गोपनीय चार्ट में जो भी करेक्शन हुए हैं, उन्हें परीक्षा विभाग के चार्ट में पूरा उतारकर अंक सूची जारी करें. जिस पर अरुण शर्मा ने आपत्ति जताई. साथ ही बिना दस्तावेज और टोकन के मार्क्सशीट जारी करने में भी असमर्थता जताई. डीआर राजीव मिश्रा से जब गोपनीय शाखा के प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने ऐसा करने का कारण पूछा, तो उन्होंने आवेदन चेक हो जाने के बाद इसे जारी करने की बात कही.


वहीं मार्क्सशीट तैयार करने वाले प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने छात्रा के आवेदन पर टिप्पणी की. नीरा सोनी के विषय के साथ अंकों में भी बदलाव किया गया. छात्रा को सोशल केस में 10 की जगह 24 और एक विषय में 32 की जगह 46 नंबर देकर पास किया गया है. पूरा मामला सामने आने के बाद कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को निर्देशित किया है कि वे छात्रा की अंतिम अंकसूची जारी नहीं करें. इस मामले की जांच भी बड़े स्तर पर शुरू हो गई है.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में एक फेल छात्रा को पास करने का मामला सामने आया है. जहां एमए की एक छात्रा को मार्क्सशीट करेक्शन जारी करने की कोशिश में फेल की जगह पास कर दिया गया. खास बात यह है कि विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार की सिफारिश पर यह सब किया गया. मामला तूल पकड़ता देख कुलपति ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं छात्रा की अंतिम सूची जारी नहीं करने के लिए कहा है.


दरअसल ग्वालियर के विजय नगर में रहने वाली नीरा सोनी ने 2014 में दूरस्थ शिक्षण संस्थान से एमए प्रीवियस सोशल वर्क की परीक्षा दी थी. उसने पंद्रह दिन पहले जीवाजी विश्वविद्यालय में आवेदन पेश किया और अपनी मार्क्सशीट में गलतियां बताकर विषय और नंबर सुधारकर दूसरी मार्क्सशीट जारी करने के लिए आवेदन दिया.

फेल छात्रा को किया गया पास


मार्क्सशीट चेक करने वाले शिक्षक अरुण शर्मा से डिप्टी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा ने कहा कि गोपनीय चार्ट में जो भी करेक्शन हुए हैं, उन्हें परीक्षा विभाग के चार्ट में पूरा उतारकर अंक सूची जारी करें. जिस पर अरुण शर्मा ने आपत्ति जताई. साथ ही बिना दस्तावेज और टोकन के मार्क्सशीट जारी करने में भी असमर्थता जताई. डीआर राजीव मिश्रा से जब गोपनीय शाखा के प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने ऐसा करने का कारण पूछा, तो उन्होंने आवेदन चेक हो जाने के बाद इसे जारी करने की बात कही.


वहीं मार्क्सशीट तैयार करने वाले प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने छात्रा के आवेदन पर टिप्पणी की. नीरा सोनी के विषय के साथ अंकों में भी बदलाव किया गया. छात्रा को सोशल केस में 10 की जगह 24 और एक विषय में 32 की जगह 46 नंबर देकर पास किया गया है. पूरा मामला सामने आने के बाद कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को निर्देशित किया है कि वे छात्रा की अंतिम अंकसूची जारी नहीं करें. इस मामले की जांच भी बड़े स्तर पर शुरू हो गई है.

Intro:ग्वालियर
जीवाजी विश्वविद्यालय में 4 साल पहले परीक्षा दे चुकी एम. ए. की एक छात्रा को करेक्शन मार्कशीट जारी करने की कोशिश में फैल की जगह पास कर दिया गया। खास बात यह है कि विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार की सिफारिश पर यह सब किया गया। मामला जब विभाग में ही तूल पकड़ गया तो ना सिर्फ जांच शुरू कर दी गई बल्कि छात्रा का रिजल्ट भी रोक दिया गया है।


Body:दरअसल शहर के विजय नगर में रहने वाली नीरा सोनी ने 2014 में दूरस्थ शिक्षण संस्थान याने डिस्टेंस एजुकेशन से एम ए. प्रीवियस सोशल वर्क की परीक्षा दी थी। उसने पंद्रह दिन पहले जीवाजी विश्वविद्यालय में आवेदन पेश किया और अपनी मार्कशीट में गलतियां बता कर विषय और नंबर सुधार कर दूसरी मार्कशीट जारी करने के लिए आवेदन दिया। मार्कशीट चेक करने वाले शिक्षक अरुण शर्मा से डिप्टी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा ने कहा कि गोपनीय चार्ट में जो भी करेक्शन हुए हैं उन्हें परीक्षा विभाग के चार्ट में पूरा उतार कर अंक सूची जारी करें। अरुण शर्मा नामक शिक्षक ने इस पर आपत्ति जताई और बिना दस्तावेज और टोकन के मार्कशीट जारी करने मे असमर्थता जताई डीआर राजीव मिश्रा से जब गोपनीय शाखा के प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने ऐसा करने का कारण पूछा तो उन्होंने उस पर आवेदन पर लिख दिया कि गोपनीय विभाग से चेक हो चुकी है जारी करें, मार्क शीट तैयार करने वाले सीट प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने छात्रा के आवेदन पर विवादित टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि खेद के साथ अनुरोध है कि उक्त प्रक्रिया नियमानुसार है ।उप कुलसचिव के आदेशानुसार अंकसूची पर हस्ताक्षर किए गए हैं।


Conclusion:नीरा सोनी नामक इस छात्रा के विषय के साथ अंकों में भी बदलाव किया गया। छात्रा को सोशल केस में 10 की जगह 24 और एक विषय में 32 की जगह 46 नंबर देकर पास किया गया है। फेल छात्रा के चारों विषय काट कर दूसरे विषय भी चढ़ाए गए ।किसी विशेष केस में इस तरह की उप कुलसचिव की दिलचस्पी कई सवालों को जन्म दे रही है। पूरा मामला सामने आने के बाद कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को निर्देशित किया है कि वे छात्रा की अंतिम अंकसूची जारी ना करें। इस मामले की जांच भी बड़े स्तर पर शुरू हो गई है।
बाइट शांति देव सिसोदिया... प्रवक्ता जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
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