ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में एक फेल छात्रा को पास करने का मामला सामने आया है. जहां एमए की एक छात्रा को मार्क्सशीट करेक्शन जारी करने की कोशिश में फेल की जगह पास कर दिया गया. खास बात यह है कि विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार की सिफारिश पर यह सब किया गया. मामला तूल पकड़ता देख कुलपति ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं छात्रा की अंतिम सूची जारी नहीं करने के लिए कहा है.
दरअसल ग्वालियर के विजय नगर में रहने वाली नीरा सोनी ने 2014 में दूरस्थ शिक्षण संस्थान से एमए प्रीवियस सोशल वर्क की परीक्षा दी थी. उसने पंद्रह दिन पहले जीवाजी विश्वविद्यालय में आवेदन पेश किया और अपनी मार्क्सशीट में गलतियां बताकर विषय और नंबर सुधारकर दूसरी मार्क्सशीट जारी करने के लिए आवेदन दिया.
मार्क्सशीट चेक करने वाले शिक्षक अरुण शर्मा से डिप्टी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा ने कहा कि गोपनीय चार्ट में जो भी करेक्शन हुए हैं, उन्हें परीक्षा विभाग के चार्ट में पूरा उतारकर अंक सूची जारी करें. जिस पर अरुण शर्मा ने आपत्ति जताई. साथ ही बिना दस्तावेज और टोकन के मार्क्सशीट जारी करने में भी असमर्थता जताई. डीआर राजीव मिश्रा से जब गोपनीय शाखा के प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने ऐसा करने का कारण पूछा, तो उन्होंने आवेदन चेक हो जाने के बाद इसे जारी करने की बात कही.
वहीं मार्क्सशीट तैयार करने वाले प्रभारी विकास चतुर्वेदी ने छात्रा के आवेदन पर टिप्पणी की. नीरा सोनी के विषय के साथ अंकों में भी बदलाव किया गया. छात्रा को सोशल केस में 10 की जगह 24 और एक विषय में 32 की जगह 46 नंबर देकर पास किया गया है. पूरा मामला सामने आने के बाद कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को निर्देशित किया है कि वे छात्रा की अंतिम अंकसूची जारी नहीं करें. इस मामले की जांच भी बड़े स्तर पर शुरू हो गई है.