भोपाल। आम बजट में राहत की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा हाथ लगी है. आम बजट में टैक्स स्लैब जस का तस है. उधर उद्योगपतियों को राहत देते हुए कॉर्पोरेट टैक्स 15 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया है. इसी तरह कोऑपरेटिव के लिए अल्टरनेट मिनिमम टैक्स रेट और सरचार्ज में कमी की गई है. सीआईआई मेंबर्स के मुताबिक बजट में कोरोना इफेक्ट दिखाई दिया. सरकार को कोरोना इफेक्ट से बाहर निकलना है और ग्रोथ करनी है. उम्मीद है कि टैक्स में अगले साल छूट मिलेगी. चुनाव से पहले लोगों को राहत देगी.
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ये रहेगी आयकर की स्लैब
- आम बजट में व्यक्तिगत करदाताओं को बुनियादी छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यानी आम लोगों के लिए 5 लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं चुकाना होगा. 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5 प्रतिशत कर लगता है. आयकर अधिनियम 87ए के तहत 12 हजार 500 रुपए तक की छूट दी गई है. मतलब 5 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
- टैक्स में कोऑपरेटिव सोसाइटियों को 18 फीसदी और 1.5 फीसदी अल्टरनेट मिनिमम टैक्स चुकाना होता है. कंपनियों को इसका भुगतान 15 फीसदी की दर से करती है. कोऑपरेटिव सोसाइटियों और कंपनियों के एक जैसे नियम बनाने के लिए कोऑपरेटिव सोसाइटियों के लिए टैक्स घटाकर 15 फीसदी किया गया है. इसी तरह 10 करोड़ रुपए तक की सालाना आय वाली कोऑपरेटिव सोसाइटियों पर लगने वाले सरचार्ज भी 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी किया गया है.
- बजट में केन्द्रीय कर्मचारियों को राहत देते हुए प्रावधान किया गया है कि यदि कर्मचारी वेतन का 14 फीसदी अंशदान नेशनल पेंशन स्कीम में जमा करता है तो उसे आयकर में छूट मिलेगी. दिव्यांगों को भी टैक्स में छूट का लाभ दिया गया है. इसमें माता-पिता दिव्यांग के लिए बीमा योजना का लाभ ले सकेंगे.
सीआईआई के सदस्य व दौलतराम इंजीनियरिंग कॉलेज के कार्यकारी निदेशक पुलकित शर्मा के मुताबिक केन्द्र सरकार का ये बजट ग्रोथ रेट बजट है. यह ठीक उसी तरह है, जैसे जब आप अपना घर बनाते हैं, उस दौरान जिस ब्याज दर पर लोन मिलता है, उसी दर पर लेकर घर बनाते हैं. देश अभी कोविड इफेक्ट से बाहर निकला है और देश को ग्रोथ भी करनी है. अगले साल चुनाव भी है. ऐसे में टैक्स नहीं घटा सकते, लेकिन खर्चे बढ़ा सकते हैं. उम्मीद है कि अगले साल सरकार आम लोगों को राहत दे सकती है, लेकिन टैक्स में सुधार से बड़े उद्योगों को राहत मिलेगी, स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा.
बार-बार बदलाव ठीक नहीं
ग्वालियर के जाने-माने चार्टर्ड अकाउंट आशीष पारीख ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं करने के पीछे सरकार की सोच (Experts reaction on Union Budget 2022) को बताया है. पारीख ने बताया कि सरकार का उद्देश्य एक निरंतरता बनाए रखने की है क्योंकि ऐसा विदेश में भी होता है कि बार-बार किसी चीज में बदलाव करते हैं तो वह ठीक नहीं है. इसी उद्देश्य को लेकर सरकार लगातार निरंतरता की ओर बढ़ रही है.