चेन्नईः मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मंगलवार 28 जनवरी को विल्लुपुरम जिले के वझुथरेड्डी में 4 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ए. गोविंदस्वामी मेमोरियल हॉल और आरक्षण आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले 21 सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं की याद में 5.70 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मणिमंडपम का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए बिना कारण सरकार की आलोचना करने की बात कही.
116 परियोजना की आधारशिलाः वझुथरेड्डी में आयोजित सरकारी समारोह में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 133 करोड़ रुपये की 116 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी. 425 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हो चुकी 231 परियोजनाओं का उद्घाटन किया. 35,003 लाभार्थियों को 324 करोड़ रुपये की सरकारी कल्याण सहायता प्रदान की. कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, विल्लुपुरम में बहुत सी साहित्यिक और ऐतिहासिक उपलब्धियां हैं.
कौन थे ए गोविंदस्वामीः स्टालिन ने कहा कि ए गोविंदस्वामी द्रविड़ राजनीति के प्रतीक थे. ए गोविंदस्वामी डीएमके की नीतियों को स्वीकार करने वाले और उदयसूरियन चुनाव चिह्न के तहत चुनाव लड़ने वाले और जीतने वाले पहले व्यक्ति थे. 1987 में जब उन्होंने आरक्षण के लिए आंदोलन किया तो एआईएडीएमके सरकार ने उन पर गोलियां चलाईं, इसमें 21 लोग मारे गए. उसके बाद 1989 में सत्ता में आए मुख्यमंत्री करुणानिधि ने अति पिछड़े वर्गों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश जारी किया.
तीन लाख की आर्थिक सहायताः उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के छात्र प्रगति कर रहे हैं, इसका कारण पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि द्वारा दिया गया आरक्षण है. आरक्षण आंदोलन के दौरान गोली लगने से मारे गए 21 लोगों के परिवार को तीन-तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई. हर महीने तीन हजार रुपये की सहायता दी जा रही है. आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए गए. मुख्यमंत्री ने कहा डीएमके शासन के दौरान जब वो चेन्नई के मेयर थे हल्दा जंक्शन पर रामासामी पदयाचियार की प्रतिमा स्थापित की गई थी.
नंदन नहर परियोजना लागू होगीः अब 1987 में आरक्षण के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए चार करोड़ रुपये की लागत से एक स्मारक बनाया गया है. इस तरह डीएमके पिछड़े, अति पिछड़े और अनुसूचित जाति समेत पिछड़े वर्ग के लोगों का आंदोलन है. किसानों ने मांग की है कि सथानूर बांध के अधिशेष पानी को नंदन नहर से जोड़ा जाए, उनकी मांग को स्वीकार किया जाएगा. 304 करोड़ रुपये की लागत से नंदन नहर परियोजना को लागू किया जाएगा.
विपक्ष पर गंभीर आरोपः तमिलनाडु में सबसे ज्यादा नई परियोजनाएं विल्लुपुरम जिले में लागू की जा रही हैं. एकमात्र बाधा फंडिंग है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी सरकार है जो फंड की कमी की शिकायत किए बिना लोगों की शिकायतों का समाधान करती है. विपक्षी दल केवल शिकायतें करते हैं. मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि सरकार में कोई दोष नहीं है. दोष केवल उनकी सोच में है. हम नंबर वन मुख्यमंत्री के बजाय नंबर वन तमिलनाडु का खिताब हासिल करने के लिए शासन कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा,"हम समावेशी विकास कर रहे हैं ताकि सभी क्षेत्र, सभी समुदाय, सभी जिले विकसित हो सकें. यह द्रविड़ सरकार का मॉडल है जिसने आरक्षण लाया. इसने महिलाओं की मुक्ति के लिए लड़ाई लड़ी. इसने महिलाओं को पढ़ाई कराई. इसने कॉलेज और अस्पताल बनाए. यह द्रविड़ ही हैं जिन्होंने आधुनिक तमिलनाडु बनाया है. द्रविड़ों की वजह से ही प्रतिक्रियावादी गिरोह अपना सिर नहीं उठा पाया है."
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