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कमलनाथ के बाद अब शिवराज सरकार में अंडा पॉलिटिक्स शुरू, क्या पूरी होगी मंत्री जी की मांग

कांग्रेस को तिलांजली दे बीजेपी में शामिल हुईं इमरती देवी ने एक बार फिर आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा परोसे जाने की वकालत की है, जिसके बाद कमलनाथ सरकार में शुरू हुई अंडा पॉलिटिक्स अब धीरे-धीरे शिवराज सरकार में भी जोर पकड़ने लगी है.

Egg politics returns
अंडा पॉलिटिक्स रिटर्न
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Published : Sep 5, 2020, 10:27 PM IST

ग्वालियर। कुछ महीनों पहले तक कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं, इमरती देवी अब बीजेपी में हैं और वही मंत्रालय संभाल रहीं हैं. कांग्रेस को तिलांजली दे इमरती देवी भले ही बीजेपी में शामिल हो गई हों, लेकिन उनकी मांग नहीं बदली. एक बार फिर उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा परोसे जाने की वकालत की है, जिसके बाद कमलनाथ सरकार में शुरू हुई अंडा पॉलिटिक्स अब धीरे-धीरे शिवराज सरकार में भी जोर पकड़ने लगी है.

शिवराज सरकार में अंडा पॉलिटिक्स शुरू

मंत्री इमरती देवी ने एक बार फिर आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों को अंडा देने की मांग की है और कहा कि कमलनाथ की सरकार थी तभी भी अंडे की मांग रखी थी. आज भी बीजेपी की सरकार में अंडे देने की मांग करती हूं. मंत्री इमरती देवी के इस अंडे की मांग के बयान के बाद शिवराज सरकार के मंत्रियों के सिर में दर्द होने लगा है और यही वजह है कि इस अंडे देने वाले बयान पर कोई भी बीजेपी का बड़ा नेता बोलने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन अब देखना होगा कि मंत्री इमरती देवी का यह बयान शिवराज सरकार में सफल हो पाएगा या नहीं.

बीजेपी ने किया था विरोध
प्रदेश में जब कमलनाथ सरकार में मंत्री रहीं इमरती देवी ने आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों को अंडा देने की बात कही थी तो बीजेपी ने सवाल खड़े किए थे. उस समय बीजेपी से लेकर आरएसएस तक के बड़े नेता और पदाधिकारी कमलनाथ सरकार के विरोध में उतर आए थे और मंत्री इमरती देवी हिंदू संस्कृति को नष्ट करने वाला बताया था.

मंत्री को है सरकार से डर
मंत्री इमरती देवी के इस बयान को लेकर कांग्रेस को भी एक बड़ा मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि कुपोषण के मामले में मध्य प्रदेश सबसे अग्रणी है, लेकिन मंत्री इमरती देवी इस निर्णय को लेने के लिए खुलकर सरकार के सामने नहीं आ रही हैं. उनको कहीं ना कहीं अंदर से डर है.

बीजेपी की सफाई
मंत्री इमरती देवी के बयान को लेकर प्रदेश प्रवक्ता और आशीष अग्रवाल का कहना है कि मंत्री इमरती देवी के बयान को सही तरीके से नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने किसी को बाध्य करने की बात नहीं कही है. मंत्री ने वैकल्पिक आहार की भी बात कही है, जिसे उन बच्चों को दिया जाएगा, जो घर में अंडे नहीं खाते.

अंडा देने की मांग
कमलनाथ सरकार में अंडा पॉलिटिक्स शुरू करने वालीं मंत्री इमरती देवी, बीजेपी सरकार में भी अंडे की मांग को लेकर खलबली मचा दी है और अब जब कांग्रेस बीजेपी को अंडा पॉलिटिक्स में घेरने की कोशिश कर रही है, तो मंत्री विरोध के बाद भी अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने कहा है कि वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बात करेंगी.

समर्थन में पीएचई मंत्री
कांग्रेस से बीजेपी में आए पीएचई मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने इमरती देवी का समर्थन करते हुए कहा है, कि अगर डॉक्टर कहता है तो अंडा देने में बुराई नहीं है, हालांकि इसका फैसला लेने का अधिकार सरकार को है. पीएचई मंत्री ने कहा कि अगर इमरती देवी की मांग जायज है तो मान ली जाए, अगर जायज नहीं है तो फिर नहीं मानी जाए. ऐदल सिंह कंषाना ने कहा कि अगर अंडे खिलाने से कुपोषण दूर होता है तो मेरी निजी राय है कि बच्चों को अंडे खिलाना चाहिए.

क्या होगा अंडे का साइड इफेक्ट
आने वाले समय में प्रदेश के 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, ऐसे में देखना होगा के अंडे के खिलाफ रही बीजेपी इस पर क्या निर्णय लेती है. पहले से बीजेपी और आरएसएस इस मुद्दे में मुखर रहे हैं, ऐसे में यह भी देखना होगा की अब सरकार किस मुंह से समर्थन करेगी. राजनीतिक गलियारों में तो ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव के बाद मंत्री इमरती देवी को इस मांग का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.

ग्वालियर। कुछ महीनों पहले तक कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं, इमरती देवी अब बीजेपी में हैं और वही मंत्रालय संभाल रहीं हैं. कांग्रेस को तिलांजली दे इमरती देवी भले ही बीजेपी में शामिल हो गई हों, लेकिन उनकी मांग नहीं बदली. एक बार फिर उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा परोसे जाने की वकालत की है, जिसके बाद कमलनाथ सरकार में शुरू हुई अंडा पॉलिटिक्स अब धीरे-धीरे शिवराज सरकार में भी जोर पकड़ने लगी है.

शिवराज सरकार में अंडा पॉलिटिक्स शुरू

मंत्री इमरती देवी ने एक बार फिर आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों को अंडा देने की मांग की है और कहा कि कमलनाथ की सरकार थी तभी भी अंडे की मांग रखी थी. आज भी बीजेपी की सरकार में अंडे देने की मांग करती हूं. मंत्री इमरती देवी के इस अंडे की मांग के बयान के बाद शिवराज सरकार के मंत्रियों के सिर में दर्द होने लगा है और यही वजह है कि इस अंडे देने वाले बयान पर कोई भी बीजेपी का बड़ा नेता बोलने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन अब देखना होगा कि मंत्री इमरती देवी का यह बयान शिवराज सरकार में सफल हो पाएगा या नहीं.

बीजेपी ने किया था विरोध
प्रदेश में जब कमलनाथ सरकार में मंत्री रहीं इमरती देवी ने आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों को अंडा देने की बात कही थी तो बीजेपी ने सवाल खड़े किए थे. उस समय बीजेपी से लेकर आरएसएस तक के बड़े नेता और पदाधिकारी कमलनाथ सरकार के विरोध में उतर आए थे और मंत्री इमरती देवी हिंदू संस्कृति को नष्ट करने वाला बताया था.

मंत्री को है सरकार से डर
मंत्री इमरती देवी के इस बयान को लेकर कांग्रेस को भी एक बड़ा मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि कुपोषण के मामले में मध्य प्रदेश सबसे अग्रणी है, लेकिन मंत्री इमरती देवी इस निर्णय को लेने के लिए खुलकर सरकार के सामने नहीं आ रही हैं. उनको कहीं ना कहीं अंदर से डर है.

बीजेपी की सफाई
मंत्री इमरती देवी के बयान को लेकर प्रदेश प्रवक्ता और आशीष अग्रवाल का कहना है कि मंत्री इमरती देवी के बयान को सही तरीके से नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने किसी को बाध्य करने की बात नहीं कही है. मंत्री ने वैकल्पिक आहार की भी बात कही है, जिसे उन बच्चों को दिया जाएगा, जो घर में अंडे नहीं खाते.

अंडा देने की मांग
कमलनाथ सरकार में अंडा पॉलिटिक्स शुरू करने वालीं मंत्री इमरती देवी, बीजेपी सरकार में भी अंडे की मांग को लेकर खलबली मचा दी है और अब जब कांग्रेस बीजेपी को अंडा पॉलिटिक्स में घेरने की कोशिश कर रही है, तो मंत्री विरोध के बाद भी अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने कहा है कि वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बात करेंगी.

समर्थन में पीएचई मंत्री
कांग्रेस से बीजेपी में आए पीएचई मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने इमरती देवी का समर्थन करते हुए कहा है, कि अगर डॉक्टर कहता है तो अंडा देने में बुराई नहीं है, हालांकि इसका फैसला लेने का अधिकार सरकार को है. पीएचई मंत्री ने कहा कि अगर इमरती देवी की मांग जायज है तो मान ली जाए, अगर जायज नहीं है तो फिर नहीं मानी जाए. ऐदल सिंह कंषाना ने कहा कि अगर अंडे खिलाने से कुपोषण दूर होता है तो मेरी निजी राय है कि बच्चों को अंडे खिलाना चाहिए.

क्या होगा अंडे का साइड इफेक्ट
आने वाले समय में प्रदेश के 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, ऐसे में देखना होगा के अंडे के खिलाफ रही बीजेपी इस पर क्या निर्णय लेती है. पहले से बीजेपी और आरएसएस इस मुद्दे में मुखर रहे हैं, ऐसे में यह भी देखना होगा की अब सरकार किस मुंह से समर्थन करेगी. राजनीतिक गलियारों में तो ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव के बाद मंत्री इमरती देवी को इस मांग का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.

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