ग्वालियर। नए कृषि कानूनों का असर (Agricultural law impact) अब दिखने लगा है. कई किसानों का धान का बकाया नहीं चुकाने पर ग्वालियर जिला प्रशासन ने धोखाधड़ी करने वाले व्यापारी की चल अचल संपत्ति को नीलाम करना शुरू कर दिया है. जिससे किसानों का बकाया भुगतान चुकाया जा सके. मंगलवार को आरोपी व्यापारी बलराम परिहार के एक हजार वर्ग फीट में बने मकान को 1 लाख 45,000 रुपये में नीलाम कर दिया गया. मकान के साथ ही जमीन की भी नीलामी होनी थी, लेकिन सीमांकन नहीं होने की वजह से उसकी बोली नहीं लग पाई.
अब प्रशासन पहले उसका सीमांकन कराएगा, उसके बाद जमीन की बोली की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. दरअसल आरोपी बलराम परिहार 2 दिसंबर को परिवार के साथ गांव से भाग गया था. 7 दिसंबर को किसानों ने बेल गढ़ा थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, इसके बाद कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम ने निराकरण के लिए बोर्ड गठित कर दिया था, बोर्ड ने 13 दिसंबर को नए कृषि कानून के तहत जाकर आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दे दिया था.
इसमें प्रशासन ने व्यापारी के मकान की राशि बोली एक लाख निर्धारित की. कई बोलियों के बाद 1 लाख 45000 की बोली लगाकर गांव के ही एक सत्येंद्र सिंह रावत ने मकान खरीद लिया. वहीं कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम ने कहा है कि नए कृषि कानून बनने के बाद पहली कार्रवाई की गई है. पहले मामले के निपटारे के लिए समय बोर्ड का गठन किया था. वहीं कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि जमीन की निलामी की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और जिन किसानों का पैसा रह गया है उसे भी प्रशासन की तरह से वापस किया जाएगा.