ग्वालियर। ग्वालियर चंबल अंचल में सर्दियों का प्रमुख व्यंजन गजक पर भी कोरोना वायरस का असर हुआ है. कोरोना संक्रमण के कारण गजक का व्यवसाय लगभग आधा रह गया है. गजक बनाने वाले कारीगर भी आधे लोग ही काम पर पहुंचे हैं. कई लोग जो इस सीजनल व्यंजन के बनाने महारत हासिल रखते हैं उन्हें भी इस बार बिना काम रहना पड़ा है. एक तो कोरोना संक्रमण का असर ऊपर से लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी डगमगा गई है कि वह सर्दियों के एक बेहतरीन व्यंजन का स्वाद नहीं ले पा रहे हैं.
कोरोना काल में घटी गजक की मांग
खास बात यह है कि गजक के भाव इस साल नहीं बढे़ हैं. गजक वही अपने पुराने दाम यानी 200 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रही है. इन दिनों सर्दी के कारण गुड़ की गजक का विशेष महत्व है. गजक को मानव शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है इसलिए सर्दी में गजब की काफी डिमांड रहती है. ग्वालियर में बड़े स्तर पर गजक का निर्माण होता है और दूसरे शहरों को भी भेजी जाती है. यहां के गजक बनाने वाले कारीगर राज्यों के अन्य शहरों में जाते हैं. कोरोना संक्रमण के कारण इस बार गजक की मांग में कमी आई है और कारीगरों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है.